हरीश के घर के आसपास सीसीटीवी फुटेज ले गई एसआइटी, इसी में तनाव के सुबूत
जागरण संवाददाता पानीपत तहसील कैंप में हरीश शर्मा के घर के पास लगातार दूसरे दिन स्पेश
जागरण संवाददाता, पानीपत : तहसील कैंप में हरीश शर्मा के घर के पास लगातार दूसरे दिन स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) पहुंची। सबसे प्रमुख जगह रही निर्मल डेयरी वाली। यहां पर कई कैमरे लगे हैं। इसी डेयरी के साथ गली में हरीश शर्मा का घर लगता है। इसी से पता चल रहा है कि 18 नवंबर की रात कोई गाड़ी आई थी। कालोनी के लोगों का कहना है कि इसमें पुलिस थी, जो दबाव बनाने के लिए आई थी। उस रात को हरीश शर्मा घर नहीं थे। उसी रात को हरीश शर्मा इतने तनाव में आ गए कि सुबह गोहाना रोड पर नहर के नजदीक पहुंच गए। आखिरकार उन्होंने छलांग लगा दी। अब तक उनका पता नहीं चल सका है। उनके दोस्त राजेश शर्मा का एक दिन पहले शव मिल चुका है।निर्मल डेयरी के पास मिली फुटेज में दिख रहा है कि सफेद रंग की एक कार हरीश शर्मा की गली के कोने पर खड़ी होती है। काफी देर तक वहां कार रहती है। फिर एक बाहरी व्यक्ति से बातचीत होती है। यही कार घूमकर हरीश शर्मा के घर के आगे से निकल जाती है। इतना ही नहीं, लाइट बंद करके भी गाड़ी काफी वक्त तक घर के पास ही रहती है। हरीश के स्वजनों का कहना है कि इसी तरह की दूसरी गाड़ियों ने भी घर के बाहर चक्कर काटे। हरीश शर्मा घर नहीं थे। उनकी पार्षद बेटी अंजली को गिरफ्तार करना चाहते थे। यह बात हरीश को पता चली तो वह काफी तनाव में आ गए।
डीएसपी ने कहा, पानीपत पुलिस ने नहीं ली फुटेज
दो दिन पहले, एसआइटी गठित होने के तीन घंटे पहले निर्मल डेयरी से तीन युवक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज ले गए थे। इनका एक चौथा साथी दुकान के बाहर खड़ा होता है। हरीश शर्मा के भाई सतीश शर्मा का कहना है कि जब जांच एसआइटी को करनी है तो उनके आने से पहले ही वे कौन युवक थे, जो फुटेज की रिकार्डिंग ले गए। इस बारे में डीएसपी हेडक्वार्टर सतीश वत्स से जागरण ने बातचीत की। वत्स ने बताया कि एसआइटी ही जांच कर रही है। पानीपत पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की रिकार्डिंग नहीं ली। एसआइटी ही रिकार्डिंग ले गई होगी। कड़ियां इसी से जुड़ेंगी
1- हरीश शर्मा ने नहर पर पहुंचकर भाई सतीश से फोन पर बातचीत की। सेक्टर 12 निवासी वीरेंद्र सोनी से बात की। उनसे यही कहा कि घर के बाहर पुलिस की गाड़ियों क्यों मंडरा रही थीं। उन्हें न्याय नहीं मिल रहा। वह नहर में छलांग लगा रहे हैं।
2- हरीश तनाव में थे। अगर गाड़ियां आने के सुबूत मिलते हैं तो यह तय हो जाता है कि पुलिस दबाव बना रही थी। पुलिस ने गृहमंत्री अनिल विज के आदेश को भी नहीं माना।