सिमरन हत्याकांड के आरोपित की मौत, तेजाब डालकर जला दिया था छात्रा को Panipat News
5 सितंबर 2017 को सिमरन की गोशाला मंदिर के कमरे में हत्या कर चेहरे पर तेजाब डाल दिया था। अटावला गांव के कृष्ण ने प्रेमिका बराना की ज्योति के साथ मिलकर वारदात की थी।
पानीपत, जेएनएन। बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा सिमरन (20) की हत्या कर चेहरे पर तेजाब डालने के आरोपित अटावला गांव के कृष्ण (21) की टीबी की बीमारी से मौत हो गई। वह 26 महीने से जेल में बंद था। उसे करनाल जेल से पानीपत की जेल में 10 अक्टूबर को शिफ्ट किया गया था।
स्वजनों ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन की लापरवाही से मौत हुई है। कृष्ण दो बहनों का इकलौता भाई था। जेएमआइसी ज्योति ग्रोवर की निगरानी में डॉ. नारायण डबास, डॉ. संजीव गोयल और डॉ. मोना नागपाल के बोर्ड ने पोस्टमार्टम कर स्वजनों को सौंप दिया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई।
टीबी की बीमारी से मौत
जांच अधिकारी थाना चांदनी बाग के एएसआइ जगमेंद्र ने बताया कि डॉक्टरों के अनुसार कृष्ण टीबी की बीमारी की चपेट में था। उसकी सांस की नली व पेट में खून जमा होने से मौत हुई है। विसरा की मधुबन और फेफड़ों की जांच पीजीआइ रोहतक से कराई जाएगी।
पिता बोला- दो दिन पहले बेटा स्वस्थ था
कृष्ण के किसान पिता राजेंद्र सिंह ने बताया कि मंगलवार को बेटे कृष्ण से फोन पर बात हुई थी। तब बेटा स्वस्थ था। अब जेल प्रशासन बता रहा है कि कृष्ण बीमार था। उसे जेल से सामान्य अस्पताल में लाया गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है। बेटे की जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह से मौत हुई है।
प्रेमिका संग मिल की थी हत्या, चेहरे पर डाल दिया तेजाब
कृष्ण एसडी कॉलेज का बीए तृतीय वर्ष का छात्र और एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) का इंचार्ज था। आर्य कॉलेज की बीए तृतीय वर्ष की छात्रा उसकी प्रेमिका थी। दोनों ने साजिश रची कि वे अपने से मिलते-जुलते चेहरे व कद के छात्र छात्राओं की हत्या कर शव तेजाब से जला देंगे। 5 सितंबर 2017 को कृष्ण ने कॉलेज की बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा सिमरन को जीटी रोड पर गोशाला मंदिर के कमरे में यह कहकर बुलाया कि नाटक की रिहर्सल करनी है। बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र व गढ़ी छाजू निवासी मंजीत को यह कहकर बुलाया कि कैंप लगाया जाएगा और मिलिट्री के ऑफिसर भी आएंगे। मंजीत री-अपीयर का फार्म भरने की बात कहकर कॉलेज लौट आया। फिर दूसरी बार गया तो कमरा बंद मिला। इससे पहले ज्योति ने अपनी सहेली सिमरन को नशीली कोल्ड ड्रिंक पिला दी और फिर कृष्ण के साथ मिलकर गला घोंट कर हत्या कर दी। ज्योति ने अपने कपड़े भी सिमरन को पहनाए। फिर चेहरे पर तेजाब डाल दिया। मौके पर ज्योति का कॉलेज का आई कार्ड और मोबाइल फोन छोड़ दिया। स्वजनों ने शव ज्योति का मानकर संस्कार कर दिया। थाना चांदनी बाग पुलिस ने मामला दर्ज किया। 7 सितंबर को पुलिस ने शव की तस्वीर सिमरन के पिता अशोक दुबे को दिखाई। उसने बेटी की पहचान की। इसके बाद पुलिस ने शिमला स्थित रॉयल होटल के कमरे का दरवाजा तोड़कर कृष्ण और ज्योति को गिरफ्तार किया।
आठ महीने से चल रहा था इलाज
पानीपत जेल के सहायक जेल सुपिरिटेंडेंट यश ने बताया कि कृष्ण का 16 अप्रैल से 17 अगस्त तक करनाल अस्पताल में इलाज हुआ है। इसके बाद उसका 9 व 16 नवंबर को पानीपत के सामान्य अस्पताल में इलाज कराया गया है। जेल के अस्पताल में कृष्ण बंदियों को दवा भी दे देता था। बुधवार रात को कृष्ण 70 बंदियों के साथ सोया था। बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे कृष्ण को उल्टी हुई। डॉक्टर के निर्देश पर कृष्ण को सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जेल प्रशासन ने इलाज में कोताही नहीं बरती गई।
बेटी के हत्यारोपित को भगवान ने दे दी सजा
बिहार के जिला छपरा के गांव बरहोपुर के अशोक दुबे की पत्नी ऊषा देवी ने बताया कि वे 12 साल से आजादनगर में रहते हैं। निर्दोष बेटी सिमरन की हत्या कर दी थी। आरोपित कृष्ण की मौत हो गई है। भगवान ने आरोपित को सजा दी है।