Move to Jagran APP

भाजपा सरकार में सीपीएस रह चुके पूर्व विधायक श्‍याम सिंह राणा ने पार्टी से दिया इस्‍तीफा, ये थी नाराजगी की वजह

भाजपा सरकार में सीपीएस रह चुके पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा ने छोड़ी पार्टी। बोले कि किसानों की अनदेखी से हूं आहत। भाजपा सरकार में सीपीएस रह चुके पूर्व विधायक श्‍याम सिंह राणा ने कृषि कानून में बताई खामियां।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 05:12 PM (IST)
भाजपा सरकार में सीपीएस रह चुके पूर्व विधायक श्‍याम सिंह राणा ने पार्टी से दिया इस्‍तीफा, ये थी नाराजगी की वजह
पूर्व विधायक श्‍याम सिंह राणा ने भाजपा से इस्‍तीफा दिया।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। भाजपा की सरकार में सीपीएस रहे व रादौर से पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। रादौर में उनके निवास स्थान पर हुई पत्रकारवार्ता में उन्होंने भाजपा छोड़ने की घोषणा की और भाजपा के सभी पदों से अपना त्यागपत्र प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ को भेज दिया है।

loksabha election banner

उनका कहना है कि जल्दी ही विचार-विमर्श कर किसी अन्य दल में शामिल होने की घोषणा की जाएगी। फिलहाल उन्होंने किसानों की अनदेखी का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा व पंजाब का किसान सड़कों पर है। धान की खरीद का कोई इंतजाम नहीं हो पा रहा है। तीन कृषि कानूनों में भी संशोधन की जरूरत है। मैं पहले किसान हूं। उसके बाद नेता हूं।

श्याम सिंह राणा ने कहा कि जो भी राजनैतिक दल किसान हित की बात करेगा। वह उसका समर्थन करेंगे। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से इनको टिकेट न देकर पूर्व राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज को प्रत्याशी बनाया था। पार्टी के इस निर्णय से राणा आहत हुए थे। इन्होंने विरोध भी जाहिर किया था। इस दौरान काफी चर्चाओं में रहे और राजनीतिक गतिविधियों में भी इनकी सहभागिता कम ही दिखाई दी।

1982 में लड़ा पहला चुनाव

श्याम सिंह राणा ने वर्ष 1982 के विधानसभा चुनाव में पेहवा से जनता पार्टी की टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ा। मगर वह चंद मतों से हार गए। इसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और जनता पार्टी की टिकट पर 1987 में फिर पेहवा से विधायक का चुनाव लड़ा। मगर इस बार भी वह पराजित हो गए। इसके बाद श्याम सिंह राणा ने वर्ष 1991 में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ा। मगर उन्हें इस बार भी हार का ही मुंह देखना पड़ा। वर्ष 1996 में श्याम सिंह राणा को समाजवादी पार्टी ने करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया। मगर उन्हे सफलता नहीं मिली। वर्ष 1998 में फिर समाजवादी पार्टी ने श्याम सिंह राणा को कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट पर सांसद के उपचुनाव के लिए चुनाव लड़वाया।

वर्ष 2007 में भाजपा में हुए शामिल

श्याम सिंह राणा 20 जून 2007 को भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें यमुनानगर जिले का अध्यक्ष बनाया गया। इसी बीच उन्हें वर्ष 2009 में रादौर विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़वाया गया। मगर इस चुनाव में श्याम सिंह राणा फिर हार गए। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर भाजपा की टिकट पर रादौर विधानसभा सीट पर अपना भाग्य आजमाया और भारी मतों से जीत दर्ज की।

एथलीट भी रह चुके राणा

वर्ष 1975 में देश में आपातकाल लागू हो गया। इसी बीच आपातकाल से लड़ने के लिए सभी दल जनता पार्टी के झंडे के नीचे एकत्र हो गए और संघर्ष करने लगे। इस संघर्ष में श्याम सिंह राणा भी कूद गए और उन्होंने जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। 1970 व 1971 में लगातार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में बेस्ट एथलीट रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.