चुलकानाधाम में श्याम बाबा के दर पर उमड़ा आस्था का सैलाब
जागरण संवाददाता, पानीपत : चलो चुलकाना धाम.श्याम बाबा ने बुलाया है। फाल्गुन उत्सव में भक्तों का कारवा
जागरण संवाददाता, पानीपत : चलो चुलकाना धाम.श्याम बाबा ने बुलाया है। फाल्गुन उत्सव में भक्तों का कारवां कंधे पर पीले ध्वज लेकर सोमवार सुबह 5:30 बजे गोहाना रोड चौराहे से चुलकाना धाम के लिए रवाना हुआ। रास्ते में नाचते-गाते भक्त बाबा के दरबार पहुंचे। जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। मत्था टेकने के बाद भक्तों को 56 भोग का प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर में मंगलवार को भी भक्तों का तांता लगेगा।
फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को चुलकाना धाम के मेले में हरियाणा के अतिरिक्त पंजाब, हिमाचल व दिल्ली प्रांत से हजारों भक्त यहां आते हैं। वृंदावन ट्रस्ट पानीपत की अगुवाई में छठी श्याम ध्वज यात्रा चुलकानाधाम के लिए रवाना हुई। सफेद पोशाक व पीले रंग के ध्वज से जीटी रोड का नजारा बदला सा नजर आया। जयकारे लगा कर भक्त कदम बढ़ाने लगे। पुलिस लाइन के सामने पहला पड़ाव था। भक्त जैसे ही इस पड़ाव पर पहुंचे बच्चे व बुजुर्गो ने फूल बरसा कर स्वागत किया। अभिनंदन करने के बाद पर्ची ड्रा निकाली गई। यात्रा सुबह 9:30 बजे समालखा में यमुना फि¨लग स्टेशन पर दूसरे पड़ाव पर पहुंची। जीटी रोड पर क्रॉ¨सग के दौरान दोनों तरफ कुछ देर तक वाहनों को रोक दिया गया। यात्रा आधे घंटे तक रुकने के बाद चुलकानाधाम के लिए रवाना हो गई। महिलाओं व बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। दो घंटे बाद यात्रा बाबा के दर पर पहुंची। भक्तों ने दर्शन किए। हजारों श्रद्धालुओं ने कतार में लग कर भंडारे का प्रसाद चखा। -------
वृंदावन ट्रस्ट के संरक्षक विकास गोयल ने बताया कि मोबाइल एप व वायस एसएमएस के सहारे पानीपत के भक्तों को श्याम ध्वज यात्रा में शामिल होने का संदेश भेजा गया। प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर जल, जूस व फलों के स्टॉल लगाए गए। फाल्गुन मास में जीटी रोड पीले रंग से पट गया। यात्रा में बैंड की जगह भक्तों का कारवां लेकर चुलकानाधाम तक गए।
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श्रद्धा से किए बाबा के दर्शन
उद्योगपति धनराज बंसल ने बताया कि छठी श्याम ध्वज यात्रा में खूब आनंद आया। साल दर साल श्याम प्रेमियों की संख्या बढ़ रही है। पानीपत से 1500 श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हुए। रास्ते में कोई परेशानी नहीं हुई।
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ये रहे मौजूद
यात्रा में राकेश बंसल, हरीश बंसल, नवीन गर्ग, पुनीत गर्ग, वरुण ¨सगला, आशीष गर्ग, दिनेश गर्ग, आशीष गर्ग, राहुल गुप्ता, मेघराज गुप्ता, अतुल गुप्ता, पार्षद सुरेंद्र गर्ग, प्रमोद मित्तल व ¨प्रस जैन मौजूद थे।
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एंबुलेंस का सुविधा नहीं
पानीपत से चुलकानाधाम तक 25 किलोमीटर की दूरी होने के बावजूद जिला प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं की गई। यात्रा के दौरान अचानक किसी की तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल सुविधा मिलने में देर हो जाती।
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जूता रखने में परेशानी
भक्त जूते व चप्पल पहन कर बाबा के दरबार में आते हैं। भीड़ अधिक होने पर गायब होने की आशंका रहती है। मंदिर प्रबंधन की तरफ इसका कोई इंतजाम नहीं किया गया। संस्थाएं इस सेवा के लिए आगे आ सकती है। कुछ दान राशि लेकर इसका प्रबंध किया जा सकता है।
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बाबा की कहानी :
मंदिर के पुजारी रतनलाल ने कहा कि द्वापर में बर्बरी की बहादुरी से प्रभावित होकर ही भगवान कृष्ण ने कलियुग में उन्हें अपने नाम से जाने जाने का वचन दिया था। उसी समय से चुलकाना में श्याम बाबा का मंदिर है। बर्बरी की वीरता सहित शालीनता से शीश दान करने की गाथा भी धार्मिक ग्रंथों में है। इसीलिए लोग कहते हैं कि जहां दिया था शीश का दान वहीं भूमि है चुलकाना धाम। आज भी जो व्यक्ति निष्ठापूर्वक मंदिर में मत्था टेककर बाबा से दुआ मांगते हैं उनकी मन्नत पूरी होती है।
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जीए कॉलेज के सामने रहने वाले अजीत और उसकी पत्नी ने बताया कि वे मनोकामना पूरा करने के लिए घर से दंड प्रणाम देकर मंदिर तक जाते हैं। वृंदावन ट्रस्ट पानीपत के राकेश बंसल, सुदेश और सोनिया ने कहा कि वे छह सालों से निशान लेकर मंदिर में आ रहे हैं। 32 श्रद्धालुओं से उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की थी जो अब डेढ़ हजार पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि बाबा पर अटूट श्रद्धा और विश्वास होने के कारण भक्तों का कारवां जुड़ता जा रहा है।