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पानीपत में सात साल के बच्चे से कुकर्म की कोशिश, सबूतों के अभाव में कोर्ट से बरी हुआ आरोपित

पानीपत में सात साल के बच्चे से कुकर्म के प्रयास का मामला सामने आया है। कोर्ट ने आरोपित युवक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। युवक की पहचान उत्तर प्रदेश जिला सहारनपुर के एक कस्बा वासी के रूप में हुई थी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 08:16 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 08:16 PM (IST)
पानीपत में सात साल के बच्चे से कुकर्म की कोशिश, सबूतों के अभाव में कोर्ट से बरी हुआ आरोपित
पानीपत में सात साल के बच्चे से कुकर्म का मामला।

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत के किशनपुरा चौकी क्षेत्र में 23 अगस्त 2020 की रात्रि एक पार्क में सात साल के बच्चे से कुकर्म के प्रयास में एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुखप्रीत सिंह (फास्ट ट्रैक कोर्ट-पोक्सो) ने सबूतों के अभाव में 20 मई 2022 को युवक को बरी कर दिया है। उधर,शिकायतकर्ता के वकील जगदीप घणघस ने कहा कि कोर्ट के निर्णय को चेलेंज करने के लिए अपील दायर करेंगे।

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दरअसल, किशनपुरा चौकी क्षेत्र के निवासी व्यक्ति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 23 अगस्त 2020 की रात्रि सात वर्षीय बेटा चारपाई से गायब हो गया। बेटे की तलाश करते हुए किशनपुरा पार्क में पहुंचे। वहां एक युवक, बच्चे के साथ कुकर्म करने की कोशिश कर रहा था। पकड़ने का प्रयास किया तो युवक पार्क की ग्रिल कूदकर नग्नावस्था में ही फरार हो गया। पुलिस ने युवक के खिलाफ आइपीसी की धारा 323 और पोक्सो एक्ट की धारा 6 व 18 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

उत्तर प्रदेश का रहने वाला है युवक

युवक की पहचान उप्र. जिला सहारनपुर के एक कस्बा वासी के रूप में हुई थी। उधर, युवक के भाई ने भी पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि मेरा भाई गोहाना पुल के नीचे पार्क में बैठा था। वहां ताश खेल रहे कुछ लड़कों ने उसे बुरी तरह पीटा, वह बेहोश होकर गिर गया था। रात्रि करीब 12 बजे प्यास लगने से आंख खुली तो एक घर में पानी मांगने पहुंचा। घर उन्हीं लड़कों का था, जिन्होंने उसे पीटा था। लड़कों ने उसे घर में खींच लिया और जिस बाजू पर धार्मिक नंबर लिखा था, उस हाथ आरा मशीन से काट दिया। इसके बाद रेलवे लाइन पर डाल दिया था।

दोनों पक्षों की ओर से हुई क्रास एफआइआर

केस चांदनी बाग थाना में दर्ज हुआ था। बहुत चर्चित रहे मामले में दोनों पक्षों की ओर से क्रास एफआइआर 23 सितंबर 2020 को हुई थी। युवक की कोर्ट में पैरवी एडवोकेट मुहम्मद हारुन खान ने की। उन्होंने बताया कि युवक के खिलाफ आइपीसी की धारा 323 व पोक्सो एक्ट की धारा 6 व 18 के तहत दर्ज मुकदमा झूठा था। मेडिकल रिपोर्ट में कुछ नहीं आया। पुलिस कोर्ट में कोई सबूत पेश नहीं कर सकी। कोर्ट ने युवक को बरी कर दिया है।


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