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नौकर दे रहे हैं वारदातों को अंजाम

विजय गाहल्याण, पानीपत : देश के अति संवेदनशील शहरों में से एक पानीपत व आसपास क्षेत्र में बेखौफ

By Edited By: Published: Mon, 05 Sep 2016 02:48 AM (IST)Updated: Mon, 05 Sep 2016 02:48 AM (IST)
नौकर दे रहे हैं वारदातों को अंजाम

विजय गाहल्याण, पानीपत :

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देश के अति संवेदनशील शहरों में से एक पानीपत व आसपास क्षेत्र में बेखौफ नौकर और किरायेदार लूट, डकैती और चोरी की वारदात को अंजाम देकर भाग जाते हैं। पिछले आठ महीने में सात ऐसी बड़ी वारदात हो चुकी हैं, जिनमें किरायेदार व नौकरों की भागीदारी मिली है। उन्हें पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती इसलिए भी हो जाता है, क्योंकि पुलिस के पास इनका रिकॉर्ड नहीं है। इसी का फायदा बदमाश उठा रहे हैं। शहर की आबादी छह लाख को पार कर चुकी है। यहां पर दो लाख से ज्यादा किरायेदार व नौकर रहते हैं। थाना शहर, थाना मॉडल टाउन और थाना चांदनी बाग मिलाकर करीब एक हजार किरायेदार व नौकरों की जानकारी है। इसमें भी थाने के हिसाब से पूरा डाटा विभाग के पास नहीं है।

मालिक कर लेते हैं किनारा

मकान मालिक, संस्थान प्रबंधन व फैक्टरी मालिक किरायेदार व नौकरों की पुलिस जांच नहीं करवाते हैं। वे वारदात होने पर यह कहकर किनारा कर लेते हैं कि भूल गए। इसी लापरवाही का बदमाश फायदा उठा लेते हैं और वारदात करके भूमिगत हो जाते हैं। इनको तलाशना पुलिस के लिए आसान नहीं होता है, क्योंकि इनके स्थाई निवास की किसी के पास जानकारी नहीं होती है।

आदेश देकर इतिश्री: शहर में बम ब्लास्ट, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, दिवाली और दशहरा के त्योहार के नजदीक प्रशासन को किरायेदार व नौकरों की याद आती है। तब डीसी की ओर से सभी मकान मालिक, फैक्टरी मालिक और संस्थान को अपने नौकर व किरायेदारों की पुलिस को जानकारी देने के आदेश दिए जाते हैं। इस आदेश की तामिल कराना पुलिस का काम है। आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ पुलिस धारा 188 के तहत मामला दर्ज करती है। पुलिस ने कितने लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, इसका भी रिकॉर्ड नहीं है।

केस-1: पानीपत में रहकर शूटर कार्तिक ने की थी चावला की रेकी

आसाराम और नारायण साई के खिलाफ दुष्कर्म मामले में मुख्य गवाह सनौली खुर्द के महेंद्र चावला पर जानलेवा हमला शूटर कार्तिक ने नारायण साई के इशारे पर किया था। पुलिस पूछताछ में कार्तिक ने बताया था कि वह कई दिन तक पानीपत में रहा और उसने महेंद्र चावला की रेकी की थी। इसके बाद 13 मई 2015 को चावला को गोली मारी थी। उसके दो और साथी इसमें शामिल थे। अगर कार्तिक जहां रूका था उसकी सही जानकारी मिल पाती तो पुलिस को उसे ढूंढने में एक साल नहीं लगता।

केस 2: नौकर ने कर ली डेयरी में लूट

जाटल गांव स्थित डर्बी डेयरी में उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर के गांव नया निवासी मूलचंद उर्फ मुल्ला नौकर था। वह डेयरी से चला गया था। इसके बाद उसने अपने कई साथियों के साथ मिलकर 20 जून 2016 को डेयरी से डेढ़ लाख रुपये, दो बाइक व मोबाइल लूट लिए थे। डेयरी मालिक प्रमोद ने शक पुराने नौकर मूलचंद पर जताया। पुलिस ने जांच की और आरोपी मूलचंद व उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया। डेयरी मालिक ने नौकरों की जानकारी थाना मॉडल टाउन पुलिस को नहीं दे रखी थी।

केस-3: किराये के कमरे को बना दिया गोदाम

बाइक चोर गिरोह के सदस्य सफीदों निवासी सुमित, खटीक बस्ती शेरू और सफीदों के न्यू राजीव कालोनी के दीपक ने पानीपत के न्यू रमेश नगर में किराये पर कमरा ले रखा था। वे तीनों बैंक और शोरूम के बाहर खड़ी बाइकों को चुरा कर उनकी चेसी खुरच देते थे और किराये के कमरे में छिपा देते थे। 17 जुलाई 2016 को एंटी चेन स्नेचिंग पुलिस टीम ने चोरी के आरोपी सुमित, शेरू और दीपक को गिरफ्तार कर आधा दर्जन चोरी की बाइक बरामद की। मकान मालिक ने किरायेदारों की पुलिस जांच नहीं करा रखी थी।

केस- 4: किरायेदार दंपती निकले शातिर लुटेरे

सतीश फौजी उत्तर प्रदेश के जिला शामली के गांव बरलजट हाल पता सेक्टर-6 की हाउसिंग बोर्ड कालोनी में

अपनी पत्नी कमलेश के साथ रहता था। 6 अगस्त 2016 को दंपती सेक्टर-6 के पास राहगीरों को लूटने की फिराक में था तभी सीआइए-1 पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने करनाल, उत्तर प्रदेश और पानीपत में लूट व वाहन चोरी की एक दर्जन वारदात कबूली। दंपती की मकान मालिक ने पुलिस से जांच नहीं करा रखा थी।

ऐसे दें नौकर व किरायेदारों की जानकारी

-नौकर व किरायेदार को रखने से पहले उसके परिवार के सदस्यों की जानकारी लें और संबंधित क्षेत्र के थाना पुलिस को अवगत कराएं।

-नौकरों के स्थाई, अस्थाई पते, वे पहले कहां काम करते थे और उनका व्यवहार क्या रहा है। इसकी जानकारी पुलिस को दें।

जानकारी में ये भी दें

-किरायेदार का नाम, स्थायी पता, परिवार के सदस्यों के नाम, आयु और टेलीफोन नंबर भी फार्म में भरकर पुलिस को जमा कराएं।

-किरायेदार व नौकर के पहचान पत्र और पते की एक छाया प्रति थाने में जमा कराएं।

-किरायेदार व नौकर का पिछला पता, मूल निवास की सत्यापित जानकारी मकान मालिक अपने पास रखें।

वर्जन

चोरी व लूट की कई वारदातों में किरायेदार व नौकर शामिल मिले हैं। डीसी के माध्यम से धारा 144 लागू करवाकर मकान व दुकान मालिकों और संस्थानों के संचालकों को किरायेदार व नौकरों की जानकारी पुलिस में देने के आदेश जारी कराए जाएंगे। इसके बाद जो आदेश की पालना नहीं करेगा उसके खिलाफ धारा 188 के तहत मामला दर्ज कराया जाएगा। इसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है। सभी थाना प्रभारियों को पहले से निर्देश दे रखे हैं कि वे नौकरों व किरायेदारों की जांच करें।

राजेश दुग्गल, एसपी


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