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इनेलो में घमासान पर युद्धविराम की कवायद, पदाधिकारियों ने उठाया ये कदम

इनेलो पार्टी से निष्कासन के बाद चाचा और भतीजे के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। वहीं इस दूरी को खत्म करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अब कमर कस ली है। जानिए आखिर क्या उठा रहे कदम।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 11:08 AM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 01:53 PM (IST)
इनेलो में घमासान पर युद्धविराम की कवायद, पदाधिकारियों ने उठाया ये कदम
इनेलो में घमासान पर युद्धविराम की कवायद, पदाधिकारियों ने उठाया ये कदम

जेएनएन, पानीपत: इनेलो से दुष्यंत और दिग्विजय के निष्कासन के बाद पार्टी में लगातार घमासान जारी है। दुष्यंत और दिग्विजय के समर्थन में कार्यकर्ता भी पार्टी से अलग होने लगे हैं। इनेलो में इस तरह से मचे घमासान को रोकने के लिए अब पार्टी के पदाधिकारियों ने आगे आने की ठानी है। वे अब इस महासंग्राम को रोकना चाहते हैं। जानने के लिए पढि़ए दैनिक जागरण की ये खबर।

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पानीपत के सेक्टर-11 स्थित आवास में पूर्व स्पीकर एवं इनेलो के वरिष्ठ नेता सतबीर सिंह कादियान ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने इनेलो को एक संगठित पार्टी बताते हुए संग्राम के युद्धविराम की ओर से इशारा किया है। उन्होंने कहा कि इनेलो में किसी तरह से दो फाड़ नहीं हुई है। यहां पर एक कार्यकर्ता को भी नेता जितना मान सम्मान मिलता है। दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह चौटाला को लेकर किसी तरह की बात है तो वे सब जल्द पार्टी सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से मिलकर पूरी बात रखेंगे। 

भाजपा को भी घेरा
उन्होंने कहा कि भाजपा के दावे और योजनाएं जनता विरोधी है। पानीपत शुगर मिल का दो साल बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। अब गन्ने के सीजन में किसानों को उत्तर प्रदेश या प्रदेश के दूसरे जिलों में स्थित मिलों में लेकर जाना पड़ेगा। किसानों को उप्र में 210 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना बेचना पड़ा है। जबकि प्रदेश में गन्ने का रेट 320 रुपये प्रति क्विंटल है। सरकार ने इस बार सीजन शुरू होने से पहले गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया है। ऐसे में किसानों की आय दोगुना करने की घोषणा खुद आश्वासनों के सहारे चल रही है। 

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प्रेसवार्ता करते पूर्व स्पीकर सतबीर सिंह कादियान।
सत्ताधारी नेताओं ने गांव गोद लिया, फिर छोड़ दिया
उन्होंने ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा और सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सांसद ने सिवाह गांव को गोद लेकर छोड़ दिया, जबकि ग्रामीण हलका विधायक सरेआम अधिकारियों को जूते मारने की बात करते हैं। भाजपा सरकार ने गांव में 12 करोड़ रुपये देने की घोषणा दो वर्ष पहले की थी, लेकिन आज तक 12 पैसे तक नहीं दिए गए। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार सिवाह स्थित ताऊ देवीलाल कन्या पीजी कॉलेज में एक पैसे की ग्रांट नहीं दे सकी है। कॉलेज प्रबंधन समिति को नर्स कोर्स लाने के लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इस मौके पर हरलाल मलिक, महेंद्र कादियान, बिजेंद्र कादियान, विकास चंदौली, अजीत, डॉ. रणबीर, आजाद भी मौजूद रहे।    

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जाएंगे अजय सिंह चौटाला की रैली में 
पूर्व स्पीकर ने कहा कि 17 नवंबर को जींद में अजय सिंह चौटाला की रैली में जाने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वे पार्टी के महासचिव हैं। वे इस नाते से जींद में जाएंगे। समय मिलने पर बात भी रखेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी एक होकर चुनाव लड़ेगी। इस बार प्रदेश में इनेलो की सरकार बनाई जाएगी।

इधर, दुष्यंत के ब्रेकफास्ट से राजनीति में हलचल
पिहोवा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके नेता जयभगवान शर्मा डीडी की इनेलो में वापसी की अटकलें शुरू हो गई हैं। इनका आधार भी है। शनिवार को हिसार से सांसद और इन दिनों प्रदेश की राजनीति के सबसे चर्चित चेहरे दुष्यंत चौटाला का कुरुक्षेत्र में उनके निवास पर अचानक पहुंचना और पिता के पुराने दोस्त डीडी के साथ नाश्ता करना इन कयासों को और भी हवा दे रहा है। हालांकि डीडी इसे शिष्टाचार भेंट और ब्रेकफास्ट बता रहे हैं, लेकिन वे इस बात से भी कतई इन्कार नहीं करते कि भविष्य में वे दुष्यंत चौटाला के साथ जा सकते हैं। उनका महज इतना कहना है कि उन्होंने अजय चौटाला के साथ पदयात्रा में हिस्सा लिया था। 


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