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पानीपत में सीनियर एडवोकेट ने की आत्‍महत्‍या, घर में रोशनदान में फंदा लगा दी जान

हरियाणा के पानीपत में सीनियर एडवोकेट ने आत्‍महत्‍या कर ली। घटना पानीपत के सेक्‍टर 18 की है। सीनियर एडवोकेट ने घर में रोशनदान में गमछे से फंदा लगाया। पत्नी व बेटे ने सोचा कि एडवोकेट ईश्वर सिंह सरोहा दूध लेने गए हैं। ईश्वर सिंह मानसिक रूप से परेशान थे।

By Vijay Edited By: Anurag ShuklaPublished: Mon, 03 Oct 2022 08:59 AM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 08:59 AM (IST)
पानीपत में सीनियर एडवोकेट ने की आत्‍महत्‍या, घर में रोशनदान में फंदा लगा दी जान
पानीपत में सीनियर एडवोकेट ने आत्‍महत्‍या की।

पानीपत, जागरण संवाददाता। सेक्टर-18 में सीनियर एडवोकेट ने सुबह घर में दरवाजे के ऊपर बने रोशनदान में गमछे से फंदा लगाकर जान दे दी। एडवोकेट घर से दूध लेने के लिए निकला था। दो घंटे बाद वापस नहीं लौटा तो स्वजनों उसे फंदे पर लटका देखा और डायल 112 पर काल कर सूचना दी। पुलिस ने शव को फंदे से उतारा और सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव को स्वजनों को सौंप दिया। स्वजनों ने बताया कि एडवोकेट मानिसक रूप से परेशान था और पीजीआइ रोहतक से इलाज चल रहा था।

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सेक्टर 13-17 थाने के हवलदार सरोज ने बताया कि सेक्टर-18 निवासी ईश्वर सिंह सरोहा (53) जिला बार एसोसिएशन में करीब 22 सालों से वकालत की प्रैक्टिस कर रहे हैं। वह 3 बच्चों के पिता थे। बड़ी बेटी पारुल और छोटी बेटी भूमि चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रही हैं।

20 वर्षीय बेटा रौनक आगामी एक-दो माह के भीतर कनाडा में स्टडी बेस पर जाने वाला है। पुलिस ने बताया कि सेक्टर-18 के जिस मकान में एडवोकेट रहते थे, उसके ग्राउंड फ्लोर पर किराएदार रहते थे, जो कुछ ही दिन पहले मकान खाली करके गए हैं। घर की पहली मंजिल पर एडवोकेट परिवार समेत रहते हैं। शनिवार रात को ईश्वर सिंह खाना खाकर परिवार संग घर की दूसरी मंजिल पर सोए थे। ईश्वर सिंह सुबह नीचे आ आ गए थे। स्वजनों ने सोचा कि दूध लेने गए है। सात बजे बेटे रौनक व पत्नी संगीता ने देखा तो ईश्वर सिंह ने ग्राउंड फ्लोर पर गमछे से फंदा लगा रखा था। पुलिस ने बेटे रौनक के बयान पर धारा 174 के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट नहीं मिला है।

उसे नहीं पता था छोटा भाई सुसाइड कर लेगा : धर्मपाल

बिहौली गांव के धर्मपाल ने बताया कि तीन बहनों व कीन भाइयों में ईश्वर सिंह सबसे छोटा था। ईश्वर सिंह पहले सेक्टर-छह में रहता था। पिछले 12 साल से भाई ने सेक्टर-18 में घर बना लिया था। 15 दिन से भाई कोर्ट में प्रैक्टिस पर भी नहीं जा रहा था। शनिवार शाम 5:30 बजे वह भाई से घर पर मिला था और कहा था कि गांव चक्कर लगा दो। मन ठीक हो जाएगा। भाई ने मना कर दिया था। उसे नहीं पता था कि भाई सुसाइड कर लेगा। भाई के तीनों बच्चे अविवाहित हैं। उनके सिर से पिता का साया उठ गया है।


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