एक गांव ऐसा, जहां खो-खो खिलाडि़यों की खान, तंगी की इन्हें नहीं परवाह
खेलो इंडिया यूथ गेम्स टूर्नामेंट में खेलने के बाद खो-खो में प्रदेश के पांच खिलाड़ियों का खेलों इंडिया के मूल्यांकन कैंप को लेकर चयन हुआ है। तीन खिलाड़ी पानीपत के गांव मनाना से हैं।
पानीपत, जेएनएन। कोई ड्राइवर की बेटी है तो किसी के पिता का हो चुका है देहांत। इन्होंने हर तंगी को झेलकर मैदान पर ऐसी प्रतिभा दिखाई कि खेलो इंडिया के मूल्यांकन कैंप में इनका चयन हो गया है। प्रदेश के पांच खिलाडि़यों का चयन हुआ है, जिसमें से तीन खिलाड़ी अकेले पानीपत के गांव मनाना के हैं। एक झज्जर और एक हिसार से है। मनाना के जिन खिलाडि़यों का चयन हुआ है, उनमें अंडर 18 वर्ग में अमित व निकिता तथा अंडर 14 वर्ग में निशा शामिल है।
पिता के सपने को पूरा करना है - अमित
अमित अंडर 18 वर्ग में चयनित अमित गांव के ही राजकीय स्कूल में दसवीं कक्षा का छात्र है। पिता राज मिस्त्री का काम करते थे। जिनका पिछले माह नौ तारीख को ही देहांत हो गया। मां बीरमती मजदूरी करती है। अमित अपने चयन से खुश है। लेकिन पिता के जाने का गम भी है। वो खो खो में दो बार स्टेट और एक बार नेशनल खेल चुका है। उसका कहना है कि पिता ने उसे कभी गरीबी का अहसास और खेल से दूर नहीं होने दिया। उनका सपना मुझे कुछ बनते हुए देखने का था। वो अपने पिता के सपने को जरूर पूरा करेगा।
सबसे बड़ी है निकिता
आठ बार स्टेट और सात बार नेशनल खेल चुकी निकिता निकिता दसवीं कक्षा में पढ़ने के साथ अंडर 18 वर्ग में खो-खो खेलती है। पिता राजकुमार ड्राइवर है और मां गृहिणी। तीन भाई बहनों में वो सबसे बड़ी है। गांव में खो-खो का मैदान था तो उसी के प्रति उसकी रूचि हुई और मैदान में उतरने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब तक अलग अलग वर्ग में आठ बार स्टेट और सात बार नेशनल स्तर पर खेलकर मेडल जीत चुकी है। खेलो इंडिया कैंप में चयन से उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है।
निशा को बचपन से खेलने का शौक
अंडर 14 वर्ग में खेलने वाली निशा नौंवी कक्षा में पढ़ती है। पिता रोहताश किसान हैं। उसे बचपन से ही खेलने का शौक था। जिसे पूरा करने के लिए पिता व मां ने हौसला बढ़ाया तो मैदान में उतर गई। अब तक एक बार स्टेट और एक बार नेशनल खेल चुकी है। उसे कैंप में प्रशिक्षण के साथ टीम में चयन का पूरा भरोसा है।
कहां और कब लगेगा कैंप
कोच रवींद्र सैनी ने बताया कि खेल मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से 15 से 19 फरवरी तक खेलो इंडिया खो खो मूल्यांकन कैंप गुजरात के गांधी नगर स्थित नेताजी सुभाष वेस्टर्न सेंटर में लग रहा है। गांव के तीन खिलाड़ियों का चयन हुआ है। कैंप के बाद टीम का नर्सरी को लेकर चयन होगा। चयन होने वाले खिलाडिय़ों को खेल प्रशिक्षण के साथ सरकार की तरफ से स्कालरशिप मिला करेगी। सुबह शाम करते है अभ्यास मनाना में खो-खो को लेकर काफी रूचि है। जहां मैदान पर सुबह शाम सौ के करीब लड़के व लड़कियां अभ्यास करते हैं, जो राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गांव व प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है।