Move to Jagran APP

शाबाश! बेजुबानों की ली सुध और चल पड़ा कारवां, Lockdown में सामने आईं मानवता की तस्‍वीरें

जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है लोग घरों में हैं। वहीं बेजुबानों को चारा पानी के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कई दानवीरों ने इनका बीड़ा उठाया। देखिए तस्‍वीरें।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 02:00 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 03:58 PM (IST)
शाबाश! बेजुबानों की ली सुध और चल पड़ा कारवां, Lockdown में सामने आईं मानवता की तस्‍वीरें
शाबाश! बेजुबानों की ली सुध और चल पड़ा कारवां, Lockdown में सामने आईं मानवता की तस्‍वीरें

पानीपत, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ जंग में अभी तक सबने अपनी जिम्मेदारी शिद्दत से निभाई है। इस मुश्किल दौर में हमें एक और दायित्व का निर्वहन करना है। मौजूदा वक्त में संकट उन बेजुबानों के लिए भी बढ़ गया है, जो भूख-प्यास से बेहाल होकर सड़कों पर भटक रहे हैं। पहले ही चारे की कमी इन पर भारी पड़ रही थी। लॉकडाउन में अब हालात और भी विकट हो गए हैं। इसी के मद्देनजर बुधवार को तमाम समाजसेवी संस्थाओं व आम लोगों ने बेजुबानों की भूख और प्यास मिटाने का बीड़ा उठाया और जगह-जगह उनके खाने-पीने का इंतजाम किया।

loksabha election banner

बेसहारा पशुओं के एटीएम अब नहीं रहेंगे खाली

लॉकडाउन का दौर है। हर तरफ सन्नाटा है। बेसहारा पशु-पक्षी भूख से बिलबिला रहे हैं। ऐसे में दैनिक जागरण की मुहिम ने उन लोगों को नया हौसला दिया है, जो पहले से बेजुबानों की मदद के लिए अथक मेहनत कर रहे हैं। कुछ माह पहले एटीएम यानि एनी टाइम मील सरीखी अनूठी पहल करने वाले घरौंडा के गौरव खुराना इन्हीं में शामिल हैं, जिन्हें जागरण की मुहिम से यकीं हो चला है कि तमाम लोग इस पुनीत कार्य में सहभागी बनेंगे। बुधवार को इसकी झलक भी नजर आ गई, जब लोगों ने इन एटीएम पर बेजुबानों के लिए पानी, रोटी, बिस्कुट से लेकर फलों तक का इंतजाम किया।

Animal feed water

Animal feed water

गौरव ने गत वर्ष अपने जन्मदिन पर पहला एटीएम लगाया था। संकल्प था कि पूरे देश में यह अलख जगाएंगे। इसके लिए मॉम स्टाइल फूड संस्था शुरू की तो संस्था पाथ फॉर वॉयसलेस की अलका कालड़ा और वॉयस ऑफ वॉयसलेस की दलजीत कौर भी आगे आईं। दोनों के सहयोग से करनाल में छह सहित पूरे राज्य में 29 एटीएम लग चुके हैं।

 Animal feed water

Animal feed water

जागरण की मुहिम प्रेरक

गौरव बताते हैं कि दैनिक जागरण ने बेजुबानों की मदद के लिए मुहिम शुरू कर प्रेरक व सराहनीय कदम उठाया है। अच्छी बात है कि मुहिम के जरिए लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं।

 Animal feed water

एक साथ सबकी मदद

एटीएम यानि एनी टाइम मील बूथ छह फुट लंबाईयुक्त 40 किलो वजनी लोहे का ढांचा है, जिसे पार्को व अन्य प्रमुख स्थलों के पास रखा गया है। निचले हिस्से में कुत्तों व अन्य जानवरों के लिए खाद्य पदार्थ डाले जा सकते हैं। छतनुमा पार्ट दो हिस्सों में है। एक में पानी और दूसरे में अनाज के दाने डाले जाते हैं।

Animal feed water

नौजवान आए सामने

लॉकडाउन के बीच जरूरतमंद इंसान तक राशन और खाना पहुंचाने में हर कोई जुटा है। दैनिक जागरण की इस मुहिम को समाजसेवी संस्थाओं का साथ मिला है। पानीपत और समालखा की संस्थाएं व समाजसेवी इन बेजुबानों के दाना पानी का प्रबंध करने के लिए लिए आगे आए हैं।

 Animal feed water

अंसल में छत पर रखे कसोरे 

असंल सुशांत सिटी में रहने वाले समाजसेवी अशोक भारद्वाज व उनकी पत्नी बबिता भारद्वाज बेजुबानों की सेवा में सबसे आगे रहती हैं। बेजुबान पक्षियों के लिए बुधवार को छत पर दो अलग-अलग कसोरे रखे। एक में पानी और दूसरे में दाना डाला। अशोक भारद्वाज ने बताया कि गर्मी शुरू होते ही प्रत्येक वर्ष ऐसा ही करते हैं। प्रकृति संतुलन में योगदान देने वाले बेजुबानों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।          

 Animal feed water

दानवीरों से लाते हैं चारा 

समालखा कान्हा गोवंश रक्षा उपचार एंव कल्याण संस्थान के बैनर तले संगठित ये नौजवान इंसान पशुओं के पेट की आग बुझा रहे हैं। प्रत्येक दिन दानवीरों से संपर्क कर उनके खेत से चारा लाकर न केवल बेसहारा गोवंश को डालते हैं बल्कि गोशाला तक में आए चारा संकट को दूर करने में लगे हैं। साथ ही बंदरों के लिए केले और कुत्ते के लिए बिस्किट तक की हर रोज व्यवस्था करते हैं। बेजुबान भी भूखे पेट न रहे। 

 Animal feed water

इंसान पर निर्भर बेजुबान

संस्था के सदस्य प्रदीप भापरा बताते है कि उन्होंने बेसहारा गोवंश की तस्करी रोकने के साथ उसे बीमार या हादसे का शिकार होने की हालात में उपचार कराने के मकसद से कान्हा गोवंश रक्षा उपचार एवं कल्याण संस्था की शुरुआत की थी। कोरोना संकट में इंसान पर ही निर्भर बेजुबान बेसहारा गोवंश, बंदर और कुत्ते आदि भूखे रहने लगें। ऐसा लगा कि उनके पेट पर ही लॉकडाउन लग गया। इलाज के साथ उनका पेट भरने की भी ठानी। प्रदीप ने बताया कि जब से लॉकडाउन लगा है, उस दिन से वो लगातार बेसहारा गोवंश को चारा डालने का काम करते आ रहे हैं। बेजुबानों के पेट भरने की इस मुहिम में उन्हें दानवीरों का पूरा सहयोग मिल रहा है। जो चारा दे रहे हैं। मुहिम में गो भक्त प्रवीन चुलकाना, विकास शर्मा, सोनू शर्मा, गुलशन चुलकाना, गौरव, मनीष, प्रवीन धीमान, सीटू, मंदीप भापरा, संजू, प्रदीप कौशिक, हितेश शर्मा आदि उनके साथ जुड़े है। दिन-रात खेतों से चारा काट कर लाते है।

 Animal feed water

बंदरों को डालते है केले

सोनू शर्मा बताते है कि समालखा कस्बे, नारायणा व नामुंडा नहर किनारे सैकड़ों बंदर है। उनकी भूख लोगों द्वारा केले आदि देने पर बुझती थी। उनकी संस्था कस्बे के अलावा हर रोज नहर किनारे जाकर बंदरों को केले और चने डालकर आती है, ताकि वो भूखे न रहे। कुत्तों को बिस्किट खिलाते हैं।

 Animal feed water

दैनिक जागरण आपके साथ

कोरोना के खिलाफ जंग में भी दैनिक जागरण ने सामाजिक सरोकार को तरजीह दी है। इस क्रम में आप भी अभियान का हिस्सा बनें और अपने फोटो हमें भेजें। यह इसलिए जरूरी है कि आपको देखकर दूसरे भी प्रेरित होकर बेजुबानों का सहारा बनेंगे।

Animal feed water

Animal feed water

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.