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50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए घातक है कोरोना की दूसरी लहर, डराने वाले हैं आंकड़े

जींद जिले में मई माह के 24 दिनों में अब तक 230 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 183 लोग 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के हैं। सबसे ज्यादा मौत 51 से 60 वर्ष के 71 लोगों की हुई है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 07:28 AM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 07:28 AM (IST)
50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए घातक है कोरोना की दूसरी लहर, डराने वाले हैं आंकड़े
25 की आयु से कम युवाओं की कोरोना से मौत नहीं हुई, लेकिन ये सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं।

जींद [जोगेंद्र दूहन]। कोरोना की दूसरी लहर 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है। कोरोना संक्रमण की चपेट में हर आयु वर्ग के लोग आ रहे हैं। लेकिन 50 वर्ष से ज्यादा लोगों की शारीरिक क्षमता कमजोर होने के चलते उनके लिए जानलेवा साबित हो रही है।

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जींद जिले में मई माह के 24 दिनों में अब तक 230 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 183 लोग 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के हैं। सबसे ज्यादा मौत 51 से 60 वर्ष के 71 लोगों की हुई है। इसके बाद 61 से 70 वर्ष की आयु के 68 व 71 से 80 वर्ष के आयु के 44 लोगों की मौत हुई है। जबकि 50 वर्ष से कम आयु के 47 लोगों की मौत हुई है। इसमें 25 से 30 वर्ष की आयु के सात युवक शामिल है। सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि 25 वर्ष की आयु से कम किसी भी युवक की कोरोना से मौत नहीं हुई, लेकिन इसी आयु वर्ग के लोग सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं। इम्यूनिटी पावर मजबूत होने के चलते युवाओं पर कोरोना संक्रमण ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सका।

समय रहते टेस्ट न करवाने से बना जानलेवा

कोरोना के प्रति लोगों की लापरवाही व बाद में इलाज में देरी के चलते सबसे ज्यादा मौत हुई है। नागरिक अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार बुजुर्ग की मौत का सबसे बड़ा कारण समय रहते कोरोना टेस्ट नहीं करवाना है। जिन लोगों की कोरोना से मौत हुई है उनमें से अधिकतर मरीज सांस लेने में दिक्कत के बाद ही अस्पताल में उपचार करवाने के लिए पहुंचे है। इससे पहले किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की बजाए खुद का इलाज लेते हुए गंभीर हो गए। अस्पताल में पहुंचने जब उनका कोरोना टेस्ट करवाया गया तो वह कोरोना संक्रमित मिले है, लेकिन उस समय तक बहुत देरी हो चुकी थी और कोरोना संक्रमण फेफड़ों के अधिकतर हिस्सा प्रभावित हो चुका होता है। ऐसे में बहुत ही कम मरीज इलाज के दौरान रिकवर कर पाते हैं।

प्रतिदिन औसतन 10 लोगों की हुई मौत

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पूरे कोरोना काल में 24 मई तक 476 लोगों की मौत हुई है। इसमें से आधे से अधिक मौत मई माह में हुई है। मई माह में हुई 230 कोरोना संक्रमितों की मौत में आधे से अधिक महिलाएं हैं। जिले में फिलहाल औसतन दस लोगों की मौत हो रही है। हालांकि संक्रमण का आंकड़ा तो नीचे आ गया है, लेकिन मौत की संख्या कम नहीं हो रही है।

एक मई से 24 मई तक हुई मौतों का आंकड़ा

आयु वर्ग मौत

25 से 30 7

31 से 40 16

41 से 50 24

51 से 60 71

61 से 70 68

71 से 80 44

कुल 230

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