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अब संस्कृत में होगी विज्ञान और बीएएमएस की पढ़ाई

विश्वविद्यालय स्तर पर आज तक विज्ञान के जो विषय अंग्रेजी भाषा में पढ़े-पढ़ाए जा रहे थे, उसे संस्कृत में भी पढ़ाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 10:40 AM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 02:26 PM (IST)
अब संस्कृत में होगी विज्ञान और बीएएमएस की पढ़ाई
अब संस्कृत में होगी विज्ञान और बीएएमएस की पढ़ाई

पंकज आत्रेय, कैथल

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विश्वविद्यालय स्तर पर आज तक विज्ञान के जो विषय अंग्रेजी भाषा में पढ़े-पढ़ाए जाते रहे हैं, उन्हें अब प्रदेश में संस्कृत में पढ़ाया जाएगा। जीव विज्ञान हो या वनस्पति विज्ञान, या फिर बीएएमएस ही क्यों न हो। सभी पाठ्यक्रम संस्कृत में होंगे। पढ़ाने वाले और पढ़ने वाले, सिर्फ संस्कृत भाषा में ही वार्तालाप करेंगे।

यह होगा लव-कुश की धरती कहे जाने वाले कैथल के गांव मूंदड़ी में बन रहे महर्षि वाल्मीकि संस्कृति विश्वविद्यालय में। मंगलवार को इस विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ.श्रेयांश द्विवेदी ने अपना कार्यभार संभाल लिया। कैंपस के निर्माण के लिए सभारम्भ समारोह रखा गया, जिसमें संस्कृत के नामचीन विद्वान शामिल हुए।

दैनिक जागरण से बातचीत में डॉ.द्विवेदी ने कहा कि देश में 16 संस्कृत विश्वविद्यालय है। मूंदड़ी में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय 17वां होगा, लेकिन अभी तक किसी में भी उस स्तर की शिक्षा नहीं दी जा रही है। दूसरी भाषा में भी विषय पढ़ाए जाते हैं। बता दें कि वर्ष 1956 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की स्थापना भी संस्कृत एवं शोध विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी, लेकिन अब इसमें संस्कृत को छोड़कर तमाम विषय ¨हदी या अंग्रेजी में ही पढ़ाए जा रहे हैं।

डॉ.द्विवेदी का कहना है कि दूध का जला छाछ भी फूंक मारकर पीता है। इस विश्वविद्यालय का हाल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय जैसा न हो, इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से विचार-विमर्श के बाद एक्ट में ही प्रोविजन डाल दिया गया है कि यहां संस्कृत भाषा में ही पढ़ाई होगी।

सभी गुरुकुल होंगे संबद्ध

डॉ.द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश में संस्कृत की शिक्षा प्रदान करने वाले लगभग 70 गुरुकुल स्थित हैं। उनकी प्राथमिकता यह होगी कि इन सभी गुरुकुलों को इस विश्वविद्यालय से मान्यता देकर इससे संबद्ध किया जाएगा। इनसे पास होने वाले सभी विद्यार्थियों की एक परीक्षा ली जाएगी। एक मापदंड के तहत परीक्षा उतीर्ण करने वाले ही दाखिले के पात्र होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आगामी शैक्षणिक सत्र से इस संस्कृत विश्वविद्यालय की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इस विश्वविद्यालय को केवल संस्कृत की उच्च शिक्षा के लिए ही प्रयोग किया जाएगा।

20 एकड़ में बनेगा विवि

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2016 में कैथल में महर्षि वाल्मीकि जयंती के प्रदेश स्तरीय समारोह में इस विश्वविद्यालय की घोषणा की थी। गांव मूंदड़ी की पंचायत ने इसके लिए 20 एकड़ जमीन सरकार को दी है। विश्वविद्यालय की स्थापना पर 250 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट प्रदेश सरकार ने निर्धारित किया है।


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