कोरोना काल में स्कूलों के अध्यापक भी गांवों में डोर-टू-डोर जाकर कर रहे लोगों को जागरूक
कोरोना महामारी से बचाव के लिए जागरूकता की जिम्मेदारी अब शिक्षकों को भी दी गई है। शिक्षक अब गांवों में डोर टू डोर जाकर कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। बता दें कि आशा वर्कर और आंगनबाड़ी वर्कर भी लोगों का जागरूक कर रहीं।
कैथल, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच प्रदेश में लॉकडाउन लगा है। इस लॉकडाउन में पिछले सप्ताह ही सरकार द्वारा दुकानदारों को पांच घंटे का समय दुकानों को खोलने के लिए दिया गया है। 31 मई के बाद सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने की भी अटकलें हैं। इसी कड़ी में स्कूलों को खोलने का फैसला भी 15 जून के बाद लिया जा सकता है।
वहीं, स्कूल खुलने से पहले ही शिक्षा विभाग द्वारा भी तैयारियां शुरू की गई है। जिसके तहत कोरोना काल में आशा वर्कर और आंगनबाड़ी वर्कर की तरह स्कूलों के अध्यापक भी गांवाें में डाेर-टू-डोर जाकर लोगों को कोरोना काे लेकर जागरूक कर रहे हैं। जिसके तहत विभाग द्वारा ग्रामीणों क्षेत्रों में 150 स्कूलों में कार्यरत करीब 500 ड्यूटियां लगाई गई हैं। जो गांव में डोर-टू-डोर जाकर सर्वे कर रहे हैं। इस सर्वें में गांवों में मिले कोरोना पॉजिटिव केसों की जानकारी जुटाते हैं और उन्हें इस महामारी से बचाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
सर्वें में यह जुटाई जा रही जानकारी
शिक्षा विभाग द्वारा ग्रामीण इलाकें में लगाए गए अध्यापकों द्वारा गांवाें में कोरोना पॉजिटिव केसों की जानकारी, जो लोग कोरोना संक्रमित मिले, उनमें से कितने गांवों में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में रह रहे हैं। कितने लोगों द्वारा कोरोना की वैक्सीन लगवाई गई है। इसके साथ ही ग्रामीणों को कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने का भी कार्य किया जाता है। बता दें कि पिछले महीने से ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में शुरू किए गए सर्वे के आशा वर्करों और आंगनबाड़ी वर्करों के साथ विज्ञान विषय के अध्यापकों को सर्वे की ड्यूटी में लगाया गया था। अब ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत दूसरे विषय के अध्यापकों को भी सर्वे का यह कार्य दिया गया है। ताकि गांवों में संक्रमण को कम किया जा सके।
सरकार के आदेशों के शिक्षा विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत अध्यापकों द्वारा सर्वे के आदेश जारी किए गए थे। जिसके तहत ही ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित राजकीय स्कूलों के अध्यापक कोविड-19 को लेकर जानकारी जुटा रहे हैं। इसमें 500 अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है।
डा. अनिल शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, कैथल।