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हरियाणा, दिल्‍ली को प्रदूषण के खतरे से बचाएंगे स्कूली बच्चे, जानिए कितना खतरनाक है पराली जलाना

Haryana Parali Pollution हरियाणा के लोगों को पराली न जलाने के लिए अब स्‍कूली बच्‍चे आगे आएंगे। बच्‍चे प्रदूषण के खतरे से लोगों को बचाने के लिए अभिभावकों को जागरूक करेंगे। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग करवाएगा प्रतियोगिताएं कराएगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 05:17 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 05:17 PM (IST)
हरियाणा, दिल्‍ली को प्रदूषण के खतरे से बचाएंगे स्कूली बच्चे, जानिए कितना खतरनाक है पराली जलाना
फसल अवशेष जलाने के खतरों से अब स्कूली बच्चे जागरूक करेंगे।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। खेतों में फसल अवशेष जलाने के खतरों से अब स्कूली बच्चे भी अभिभावकों को जागरूक करेंगे। इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में पेंटिंग व स्लोगन प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाएगा। इसमें कक्षा नौवी से बारहवीं तक बच्चे भाग लेंगे। हर ब्लाक में एक स्कूल चिन्हित किया गया है। इसी स्कूल में अन्य स्कूलों के बच्चे पहुंचेंगे और प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। प्रतियागिताओं से पहले विभाग के अधिकारी बच्चों को पराली जलने के खतरों से अवगत करवाएंगे ताकि बच्चे घर जाकर अभिभावकों को इस बारे बता सकें।

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पहले ब्लाक स्तर, फिर जिला स्तर पर होगी प्रतियोगिता

27 को होंगी प्रतियोगिताएं

27 सितंबर को ब्लाक स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। इस ब्लाक से 100-100 बच्चे भाग लेंगे। उसके बाद जिला स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाएगा। प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान पर रहने वाले बच्चों को विभाग की ओर से पुरस्कृत भी किया जाएगा। विभाग का मकसद पराली जलाने के खतरों के प्रति सचेत करना है।

यह होता है नुकसान

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक फसल अवशेष जलाने से पोषक तत्वों का नुकसान होता है। 100 फीसद नाइट्रोजन, 25 प्रतिशत फास्फोरस, 20 प्रतिशत पोटाश व 60 प्रतिशत सल्फर का नुकसान होता है। इससे जैविक पदार्थ नष्ट हो जाते हैं। मिट्टी कीटों का नुकसान होता है। फसल अवशेष जलाने से कार्बन मोनोआक्साइड, कार्बनडाइ आक्साइड, राख, सल्फर हाइ आक्साइड, मीथेन व अन्य अशुद्धियां उत्पन्न होती है। इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। इन्हें जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ-साथ भूूमंडलीय तापमान में बढ़ोतरी होती है। छोटे पौधे व वृक्षों पर आश्रित पक्षी मारे जाते हैं।

कृषि एंव किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. जसविंद्र सैनी ने बताया कि खेतों में फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इस दिशा में किसानों को विशेष रूप से जागरूक किया रहा है। बच्चों को इसके खतरों से अवगत कराने के लिए 24 सितंबर को ब्लाक स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जा रहा है। अभिभावक बच्चों की बात मान लेते हैं। प्रतियोगिताओं को लेकर तैयारी कर ली गई है।


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