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Panipat Sugar Scam : शुगर मिल में 24 लाख के गड़बड़झाले का पर्दाफाश, मुख्य समयपालक सस्पेंड, कई रडार पर

एमडी ने तीन बार नोटिस दिए। समयपालक ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। कभी बीमारी तो कभी मिलान का बहाना बनाता रहा। अब सस्पेंड हुआ।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 11:23 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 11:23 AM (IST)
Panipat Sugar Scam : शुगर मिल में 24 लाख के गड़बड़झाले का पर्दाफाश, मुख्य समयपालक सस्पेंड, कई रडार पर
Panipat Sugar Scam : शुगर मिल में 24 लाख के गड़बड़झाले का पर्दाफाश, मुख्य समयपालक सस्पेंड, कई रडार पर

पानीपत, जेएनएन। पानीपत शुगर मिल में गड़बड़झाला सामने आया है। लाखों की चीनी गायब हो गई। नोटिस देने के बावजूद समयपालक ने जवाब तक देना उचित नहीं समझा। कभी बीमारी तो कभी मिलान का बहाना बनाकर नोटिस का जवाब नहीं दिया। इसके बाद एमडी प्रदीप अहलावत ने समयपालक सुरेंद्र को सस्‍पेंड कर दिया। वहीं अभी कई कर्मचारी रडार पर हैं। 

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शुगर मिल में चीनी विक्रय केंद्र में 24 लाख रुपये की चीनी कम मिलने के मामले में मुख्य समयपालक सुरेंद्र सिंह को एमडी प्रदीप अहलावत ने सस्पेंड कर दिया है। तीन बार नोटिस देने, रिकवरी डालने के बावजूद भी समयपालक सुरेंद्र सिंह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया तो यह अधिकारिक कार्रवाई की गई। अब हरियाणा स्टेट शुगर फेडरेशन की ओर से बनाई गई उच्चाधिकारियों की कमेटी मामले की जांच करेगी।

गड़बड़झाला होने का हुआ था पर्दाफाश

फरवरी 2020 में मिल प्रबंधन ने चीनी, शीरा, देसी शराब, एथनॉल, वीटा बूथ, लकड़ी और पेट्रोल पंप के स्टॉक की भौतिक गणना के लिए कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने विक्रय केंद्र के स्टॉक में गड़बड़झाला होने का पर्दाफाश किया। पानीपत शुगर मिल में 13 माह में 701 क्विंटल यानि लगभग 24 लाख रुपये की चीनी गायब मिली। पोल खुलते ही मुख्य समयपालक सुरेंद्र सिंह कभी बीमारी तो कभी मिलान करने का बहाना बनाने लगा। तीन बार नोटिस देने के बावजूद भी कोई उचित जवाब नहीं दे पाया तो 19 मई को एमडी प्रदीप अहलावत ने रिकवरी डाली थी।

चीनी कम करने में अन्य कर्मचारी भी हो सकते हैं शामिल

आशंका है कि विक्रय केंद्र से चीनी घटाने में मुख्य समयपालक सुरेंद्र सिंह या उनके अलावा कई अन्य कर्मचारी भी संलिप्त हो सकते है। उच्चाधिकारियों की कमेटी इसकी जांच करेगी। पेमेंट नहीं मिलने पर आरोपित कर्मचारियों के एक तिहाई वेतन और फंड से रिकवरी की जा सकती है। चर्चा ये भी है कि विक्रय केंद्र पर पिछले काफी समय से निर्धारित रेट से अधिक मूल्य पर चीनी बेची जा रही थी। बड़ा सवाल ये है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश होने के बावजूद भी इतनी चीनी कम कैसे हो सकती है।

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