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छात्रों को ले जा रहा था शिक्षक, अपहरण का मचा हल्‍ला, जान बचानी हुई मुश्किल Panipat News

हरियाणा में बच्चा चोर की अफवाह तेजी से फैल रही है। हालांकि अभी तक पुख्ता मामला सामने नहीं आया लेकिन लोगों का बच्चों को साथ ले जाना दुभर हो गया है। जानिए क्या है मामला।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 02:10 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 02:02 PM (IST)
छात्रों को ले जा रहा था शिक्षक, अपहरण का मचा हल्‍ला, जान बचानी हुई मुश्किल Panipat News
छात्रों को ले जा रहा था शिक्षक, अपहरण का मचा हल्‍ला, जान बचानी हुई मुश्किल Panipat News

पानीपत/अंबाला, जेएनएन।  इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर समाज में बच्चा चोर की अफवाहें तेजी से फैल रही हैं। इसका खामियाजा कभी शिक्षकों को तो कभी परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। बच्चों के साथ जाते समय पब्लिक उन्हें घेर ले रही। कहीं-कहीं तो पिटाई तक कर दी जा रही है। कुरुक्षेत्र, यमुनानगर के बाद अंबाला में भी एक मामला सामने आया। प्राइमरी स्कूल के छात्रों को ले जा रहे शिक्षक को लोगों ने घेर लिया। लोग तू तड़ाक पर उतर आए। जब तक शिक्षक कुछ कहता, लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। पुलिस आने के बाद शिक्षक ने राहत महसूस की।

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दरअसल शिक्षा विभाग की ओर से कराए जा रहे बरखा सीरीज प्रतियोगिता के लिए प्राइमरी के छात्रों को अध्यापक ले जा रहा था। तभी अग्रसैन चौक के पास लोगों ने समझा कि ये बच्चा चोर है। लोग अध्यापक की तरफ दौड़ पड़े। टीचर की जान आफत में पड़ गई। उसके साथ बदतमीजी शुरू कर दी। 

पहचान पत्र भी न होना बना आफत
अध्यापक ने अपनी पहचान भी बताई तो लोग मानने को तैयार नहीं हुए। उनसे पहचान पत्र मांगा गया तो वह भी नहीं था। इससे लोगों उसे अपहरणकर्ता मान बैठे। तभी किसी ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी।

पुलिस पहुंची तो बनी बात
पुलिस ने लोगों के बीच से अध्यापक को छुड़वाया। पूछताछ हुई तो उन्होंने खुद को अध्यापक बताया। तभी भीड़ ने चिल्लाना शुरू कर दिया। इसी बीच पुलिस ने विभाग से पुष्टि की। इसके बाद उसे जाने दिया गया। वहीं अध्यापक ने इसकी शिकायत बीईओ को दी है। 

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कुरुक्षेत्र में भी परिजनों को प्रमाणित करना पड़ा था कि बच्चे उनके
जिला हिसार के गांव सहलपुर के सुरेंद्र कुमार व सुनील मंगलवार को हरिद्वार से अपने किसी परिजन का पिंडदान कराकर परिवार सहित वापस गांव जा रहे थे। उन्होंने बच्चों को कार की डिक्की में बैठा रखा था। डिक्की का लॉक भी नहीं लगा था। जहां भी गाड़ी धीमी होती थी या रुकती थी तो बच्चे डिक्की खोल लेते थे। कार सुबह के समय जब लाडवा के इंद्री चौक पहुंची तो वहां जाम में फंस गई। इस दौरान बच्चों ने फिर डिक्की को ऊपर उठा दिया। लोगों ने डिक्की में बच्चों को बैठा देखकर बच्चा चोर गिरोह समझ लिया और शोर मचा दिया। इसी दौरान जाम खुलने से कार आगे बढ़ गई। कुछ लोगों ने अपने वाहनों से इसका पीछा करना शुरू कर दिया। लाडवा-कुरुक्षेत्र रोड पर गोशाला से पहले उनकी कार को ओवरटेक आगे अपने वाहन अड़ा कर जबरन रुकवा लिया। इसके बाद उन्हें लाडवा थाने ले गए। जब उन्होंने इसकी पुष्टि कर दी कि बच्चे उनके हैं तब जाकर राहत मिली। 

यमुनानगर में भी अफवाह
यमुनानगर के रादौर में एक सप्ताह में बच्चा चोरी की दो घटनाएं सामने आई। पांच अगस्त को टेलीफोन एक्सचेंज के पास बच्चा चोरी करने वाले को देखा गया। जांच में पता चला कि जिसे बच्चा चोर बताया गया था वो मानसिक रूप से परेशान था। इसी तरह छह अगस्त की शाम जुब्बल में भट्ठा कॉलोनी में रहने वाली लड़की दूध लेने जा रही थी। उसने एक कार को कुछ दूर रुका देखा तो उसने शोर मचा दिया। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन वहां कोई नहीं था। जांच की तो पता चला बच्ची कार को देखकर डर गई थी।


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