चौधर के लिए हेराफेरी, सर्टिफिकेट में बदली तारीख तो ऐसा हुआ अंजाम
ब्राह्मण माजरा के सरपंच ने मेडिकल सर्टिफिकेट में खुद तारीख बदल ली। जब मामला उजागर हुआ तो जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया। अब उसके खिलाफ जांच भी बैठा दी गई।
पानीपत, जेएनएन। इसराना खंड के गांव ब्राह्मण माजरा के सरपंच वेदप्रकाश उर्फ मनीष शर्मा को डीसी ने सस्पेंड कर दिया है। वह पंचायत विभाग के एसीएस के सामने पेश नहीं हुए। अपने बचाव में पेश किए मेडिकल सर्टिफिकेट की तारीख तक खुद ही बदल ली।
सरपंच वेदप्रकाश को विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बुलाया था, लेकिन सरपंच निर्धारित समय पर उनके कार्यालय में हाजिर नहीं हुए। सरपंच ने 29 अगस्त 2018 से 04 अक्टूबर 2018 तक का मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी रूपेंद्र मलिक ने बताया कि ब्राह्मण माजरा में गांव के ही कुछ लोगों पर पंचायत की जमीन पर कब्जा करने के आरोप हैं।
एसीएस स्तर पर चल रही जांच
इस मामले की जांच एसीएस स्तर पर चल रही है। सरपंच वेदप्रकाश को पंचायत की तरफ से पैरवी करनी थी, लेकिन वह नहीं पहुंचे। उसने अपना मेडिकल पेश कर दिया। उसके मेडिकल पर शक हुआ तो पूरे मामले की परत खुलती चली गई।
डॉक्टर के सर्टिफिकेट पर खुद कर ली कटिंग
सरपंच वेदप्रकाश उर्फ मनीष के पेश किए गए मेडिकल सर्टिफिकेट पर शक हुआ। उन्होंने इसकी जांच कराई, जिसमें सामने आया कि सरपंच 24 सितंबर 2018 ओपीडी में गया था और उसने 24 के स्थान पर 29 और नौ के बजाय आठ बना लिया। शक के आधार पर डीसी ने डॉक्टरों से पूछताछ की तो फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।
प्रमाणपत्र से की छेड़छाड़
पानीपत के डीसी सुमेधा कटारिया ने बताया कि सरपंच ने जिला प्रशासन को झूठा चिकित्सा प्रमाणपत्र दिया है। वह समय पर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्यालय में नहीं पहुंचे। उसने एक जिम्मेदार डॉक्टर के प्रमाणपत्र के साथ छेड़छाड़ की है। उसको सस्पेंड कर दिया गया है।