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चुनाव के लिए कम थी उम्र, सात साल बढ़ाकर दिखाया फर्जी प्रमाण पत्र, अब खतरे में सरपंच की कुर्सी

अंजू ने उच्च प्राथमिक विद्यालय बसौद बागपत उप्र. से जारी स्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर नगर पालिका परिषद में आयु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। स्कूल सर्टिफिकेट में दर्ज वास्तविक जन्मतिथि 20-10-1997 थी जिसे उन्होंने बदलकर 20-10-1990 कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 10:52 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 06:31 AM (IST)
चुनाव के लिए कम थी उम्र, सात साल बढ़ाकर दिखाया फर्जी प्रमाण पत्र, अब खतरे में सरपंच की कुर्सी
चुनाव के लिए कम थी उम्र, सात साल बढ़ाकर दिखाया फर्जी प्रमाण पत्र, अब खतरे में सरपंच की कुर्सी

जागरण संवाददाता, पानीपत: वर्ष 2016 में हुए सरपंच पद के चुनाव के नामांकन में तहसील बापौली के गांव झांबा की सरपंच अंजू देवी ने गलत तथ्यों के आधार पर बनवाया आयु प्रमाण पत्र संलग्न किया था। स्कूल प्रमाण पत्र में दर्ज जन्मतिथि से छेड़छाड़ कर आयु करीब सात साल बढ़ाई गई थी। उसी आधार पर नगर पालिका परिषद बागपत, उप्र. से प्रमाण पत्र बनवाया गया। शिकायत मिलने पर परिषद ने पब्लिक नोटिस जारी कर प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है।

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गांव वासी हरिओम पुत्र ओमप्रकाश ने 19 नवंबर 2018 को डीसी को शिकायत दी। हरिओम के मुताबिक, ग्राम पंचायत झांबा का चुनाव 24 जनवरी 2016 को हुआ था। उम्मीदवार की उम्र 21 वर्ष होनी अनिवार्य शर्त है। चुनी गई सरपंच ने आदर्श मांटेसरी स्कूल बागपत और उच्च प्राथमिक विद्यालय बसौद में कक्षा एक से आठ तक की शिक्षा ग्रहण की थी। अंजू ने उच्च प्राथमिक विद्यालय बसौद बागपत, उप्र. से जारी स्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर नगर पालिका परिषद में आयु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। स्कूल सर्टिफिकेट में दर्ज वास्तविक जन्मतिथि 20-10-1997 थी, जिसे उन्होंने बदलकर 20-10-1990 कर दिया। इसी के आधार पर बागपत की नगर पालिका परिषद ने आयु प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। नामांकन में अंजू ने इस प्रमाण पत्र को संलग्न किया था।

आरटीआइ के तहत मांगा जवाब

आरटीआइ के जबाव में नगर पालिका परिषद ने स्वीकार किया कि गलत तथ्यों के आधार पर आयु प्रमाण पत्र बनवाया गया था। अंजू को परिषद ने तीन बार नोटिस देकर जन्म प्रमाण पत्र सहित उपस्थित रहने के निर्देश दिए। अंजू नहीं पहुंची तो परिषद ने समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचना जारी कर आयु प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया। इतना ही नहीं, गलत तथ्यों के आधार पर बनाए प्रमाण पत्र के इस्तेमाल को भी अवैध बताया। हरिओम के मुताबिक सभी तथ्य सौंपे जाने के बावजूद जिला प्रशासन अंजू को सरपंच पद से बर्खास्त नहीं कर रहा है। शिकायत सीएम विडो, डीसी, एसडीएम और बीडीपीओ कार्यालय में घूम रही है। चार दिन पहले भी भेजी शिकायत

हरिओम के मुताबिक उसने झांबा सरपंच अंजू देवी के फर्जी आयु प्रमाण पत्र के संबंध में 16 जुलाई 2019 को भी निदेशक विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा, डीसी, एसडीएम समालखा और बीडीपीओ सनौली को दी है। इसके अलावा सिविल कोर्ट में भी मुकदमा दायर किया हुआ है। बीडीपीओ पर शिकायत लटकाने का आरोप

शिकायतकर्ता के मुताबिक बीडीपीओ को बेसिक शिक्षा अधिकारी बागपत को पत्र लिखकर अंजू की जन्मतिथि की पुष्टि करनी चाहिए थी। इसके बजाय उन्होंने आदर्श मांटेसरी स्कूल बागपत को केवल एक बार अगस्त 2018 में पत्र भेजा। बीडीपीओ हर बार एक ही जबाव दे रहे हैं कि स्कूल से जबाव आने पर कुछ कार्रवाई होगी। बीडीपीओ का रवैया देख आरटीआइ का सहारा लेना पड़ा। वर्जन :

शिकायतकर्ता हरिओम पुत्र ओमप्रकाश का मेरे भाई सतपाल से झगड़ा हो गया था। इस मामले में समझौते का दबाव बनाते हुए वह बार-बार शिकायत दे रहा है। सरपंच का आयु प्रमाण पत्र बिल्कुल ठीक है। अब तो वैसे भी कोर्ट में मामला विचाराधीन है, 21 अगस्त को सुनवाई है।

वीरभान, ससुर-सरपंच अंजू


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