जल संरक्षण और संवर्द्धन कार्यशाला में कम रही सरपंच और आंगनबाड़ी की सहभागिता
डार्क जोन समालखा में जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन, हरियाणा, जिला जल एवं स्वच्छता मिशन और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से बीडीपीओ कार्यालय के सभागार में एक दिवसीय क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। बिहोली, डिकाडला, गढ़ी छाज्जू, हल्दाना, भोडवाल माजरी, गढ़ी त्याग्यान और बिलासपुर की ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के सदस्यों को संरक्षण और संवर्द्धन सहित जल बचाओ और पुरस्कार पाओ के बारे में जानकारी दी गई। समालखा के डार्क जोन और गांवों में पानी की सबसे अधिक बर्बादी होने के बावजूद लोगों में जल संरक्षण के प्रति उत्साह नहीं दिखाई दिया।
जागरण संवाददाता, समालखा : डार्क जोन समालखा में जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन, हरियाणा, जिला जल एवं स्वच्छता मिशन और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से बीडीपीओ कार्यालय के सभागार में एक दिवसीय क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। बिहोली, डिकाडला, गढ़ी छाज्जू, हल्दाना, भोडवाल माजरी, गढ़ी त्याग्यान और बिलासपुर की ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के सदस्यों को संरक्षण और संवर्द्धन सहित जल बचाओ और पुरस्कार पाओ के बारे में जानकारी दी गई। समालखा के डार्क जोन और गांवों में पानी की सबसे अधिक बर्बादी होने के बावजूद लोगों में जल संरक्षण के प्रति उत्साह नहीं दिखाई दिया।
जिला सलाहकार डेलिया बातीस ने कहा कि भूजल के गिरते स्तर के लिए जल संरक्षण जरूरी है। पीने के पानी की बर्बादी को रोकना हमारा कर्तव्य है। यह सभी के सहयोग से ही संभव हो सकता है।
केमिस्ट सतीश दहिया ने लोगों को पानी की गुणवत्ता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आरओ के पानी में खनिज लवण नहीं होते हैं। बीआरसी आत्मराम ने कहा कि 2001 की जनगणना के अनुसार जिस गांव की आबादी दो हजार या इससे ऊपर है और वहां वैध पानी कनेक्शन धारकों की संख्या 75 प्रतिशत है। वहां के लोगों को जलसंरक्षण और संवर्द्धन के लिए सरकार जनसंख्या के अनुसार बीस, तीस और पचास हजार रुपये का पुरस्कार पंचायत को देगी।
रोशन लाल और जसवीर ¨सह ने भी प्रदूषित जल से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया। साथ ही कहा कि गांव की सप्लाई पाइप लाइन में हमेशा लीकेज की समस्या होती है। पंचायत उसे समय पर ठीक नहीं करवा पाती। लोगों को जल परीक्षण के बाद ही सप्लाई पानी का सेवन करना चाहिए।
इस अवसर पर जनस्वास्थ्य विभाग के जेई ओमप्रकाश, मनोज, पूनम देवी आदि मौजूद थे।
हस्ताक्षर कर कार्यशाला से भागे सरपंच
कार्यशाला के लिए पंचायतों के सरपंच, पंच, आंगनबाड़ी वर्कर, चौकीदार आदि को बुलाया गया था। सभा में आंगनबाड़ी वर्कर नहीं पहुंची थी। सात में केवल तीन गांव के सरपंच हाजिरी लगाने पहुंचे थे। हाजिरी लगाने के बाद वे वहां से निकल गए। मेंबर और चौकीदार को ही इस बारे में जानकारी दी जा सकी।