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Nirankari Sant Samagam: समागम में सुदीक्षा माता ने दिया संदेश, मानवता को बताया सर्वोपरि Panipat News

संत निरंकारी मिशन के 90 वर्ष पूरे हुए है। सुदीक्षा माता समागम स्‍थल में पहुंच चुकी हैं। 600 एकड़ में निरंकारी समागम स्थल फैला है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 10:12 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 05:14 PM (IST)
Nirankari Sant Samagam: समागम में सुदीक्षा माता ने दिया संदेश, मानवता को बताया सर्वोपरि Panipat News
Nirankari Sant Samagam: समागम में सुदीक्षा माता ने दिया संदेश, मानवता को बताया सर्वोपरि Panipat News

पानीपत, जेएनएन। निरंकारी मिशन के 90 वर्ष पूरे हो गए। जीटी रोड पर भोड़वाल माजरी में समागम का भव्य शुभारंभ हुुुुआ। 72वें संत समागम में चार लाख से अधिक निरंकारी मिशन के अनुयायी शामिल हुए। और माता सुदीक्षा का भव्य स्वागत हुआ।

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माता सुदीक्षा समागम स्‍थल में पहुंच चुकी हैं। सेवादल ने गेट में माता सुदीक्षा का स्‍वागत किया। फूलों से सजे रथ में माता सुदीक्षा ने सवार होकर लाेगों का अभिवादन स्‍वीकार किया। छह सौ एकड़ में फैले इस स्थल पर तीन दिन तक समागम चलेगा। 1500 से अधिक विदेशी श्रद्धालु भी इस समागम में शिरकत करेंगे।

समागम में सुदीक्षा माता ने कहा आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है। सत्य भी है वह प्रेम का भाव ले लेता है। युगों युगों से संतों ने भी यही सिखाया है कि पूरा संसार हमारा है। संसार की तरफ उत्तरादायित्व रखते हुए सारे कार्य को करना है। एक जीव में ही परमात्मा है। अपने आप की पहचान करें।

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जानिए 72 वें संत निरंकारी समागम के बारे में 

गुरु गद्दी पर छठी सद्गुरु के रूप में विराजमान माता सुदीक्षा का यह दूसरा समागम है।

जानिए सुदीक्षा माता के बारे में 

34 साल 8 माह की सुदीक्षा का जन्म 13 मार्च 1985 को दिल्ली की निरंकारी कॉलोनी में हुआ था। 36 वर्षों तक मिशन के चौथे सतगुरु रहे बाबा हरदेव सिंह की तीन बेटियों में सबसे छोटी है।

12 साल की उम्र में ही सुदीक्षा पिता के साथ समागमों में जाने लगीं। 

वर्ष 2007 में मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन किया।

13 मई, 2016 को कनाडा में कार दुर्घटना में पिता हरदेव की मृत्यु के बाद पत्नी माता सविंदर ने पांचवीं सदगुरु की जिम्मेदारी संभाली।

16 जुलाई को बनी सद्गुरु 

 माता सविंदर ने सुदीक्षा को 16 जुलाई, 2018 को निरंकारी सद्गुरु घोषित कर दिया। 20 दिन बाद ही सविंदर का निधन हो गया।

भोड़वाल माजरी में पहले समागम के लिए 80 एकड़ में पंडाल लगाया है। 24 से 26 नवंबर तक चलने वाले समागम में 70 देशों से 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा है।

27 देशों में फैला है निरंकारी मिशन

संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में हुई थी। मुख्यालय दिल्ली में है। 

भारत में प्रत्येक प्रांत में इसके अनुयायी हैं। सुदीक्षा के पिता बाबा हरदेव सिंह ने विश्व को मानवता का संदेश देकर कई पुरस्कार जीते।

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निरंकारी संत समागम को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। 16 नवंबर को  सत्संग शुरू होने से पहले दोपहर एक बजे सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज समागम स्थल के मुख्य द्वार पर पहुंचेगी। संत निरंकारी मंडल के अध्यक्ष गोविंद सिंह के नेतृत्व में उन्हें गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया जाएगा। इसके बाद खुली पालकी में सवार होकर माता सत्संग पंडाल में आएंगी। गेट और पंडाल के बीच कतारबद्ध होकर दोनों तरफ खड़े श्रद्धालुओं का अभिवादन भी स्वीकार करेंगी। 

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सेवादार पालकी के साथ-साथ चलेंगे

सुरक्षा के तौर पर मंडल के योजना एवं सलाहकार बोर्ड के पदाधिकारी खुली पालकी से आगे चलेंगे, जबकि सेवादार उनकी पालकी के साथ-साथ चलेंगे। इनमें विदेशी सेवादार भी शामिल होंगे। विदेशी सेवादार स्लेटी रंग की पेंट व नीले रंग के कोट में माता सुदीक्षा की पालकी के साथ रहेंगे। निरंकारी बैंड का विशेष दल सबसे आगे चलेगा जो मधुर ध्वनियों के साथ मिशन और माता का गुणगान करेगा। माता के पंडाल में पहुंचने पर सेवादारों के प्रभारी उनका स्वागत करेंगे। श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार करते हुए माता सुदीक्षा 2 बजे मंच पर पहुंचेगी। मानवता के नाम संदेश देगी। सत्संग का शुभारंभ होगा, जो रात 8.30 तक चलेगा। माता के संबोधन के बाद ही सत्संग का समापन होगा।  

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समागम स्थल पर अंडर पास चालू

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने निरंकारी संत समागम को लेकर आध्यात्मिक स्थल के पास बने अंडर पास को वैकल्पिक तौर पर चालू कर दिया है। मिशन के पदाधिकारियों ने करीब एक सप्ताह पूर्व सीएम मनोहर लाल से इसकी मांग की थी। उन्होंने डीसी को प्राधिकरण के अधिकारियों से बात कर इसे चालू कराने को कहा था। निर्माण कार्यों पर एनजीटी की रोक के कारण अंडर पास से चढऩे व उतरने वाले रास्ते के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। पानीपत की तरफ जाने वाली लेन पर पहले से तारकोल बिछी थी जबकि दिल्ली लेन को अब तारकोल बिछाकर चालू की गई। दोनों ओर के रास्ते चालू होने से राहगीरों को सुविधा मिलेगी। समागम स्थल के पास जाम की समस्या कम होगी। दूर दराज जाने वाले वाह फ्लाईओवर से निकल जाएंगे।

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दुकानदारों के लिए जगह निर्धारित 

भोड़वाली माजरी स्टेडियम में प्रशासन ने दुकानदारों के लिए जगह निर्धारित की है। दुकानदारों को इसके लिए प्रतिदिन के हिसाब से पंचायत के पास पैसे जमा करने होंगे। पंचायत उसे दुकान लगाने के लिए देगी। उक्त राशि का उपयोग पंचायत के विकास में किया जाएगा। तहसीलदार रामगोपाल ने कहा कि समागम स्थल के पास दुकान लगाने वालों के लिए एसडीएम, डीएसपी, बीडीपीओ और नपा सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी उच्चाधिकारियों ने बनाई है। 

चप्पे चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात 

समागम स्थल पर हजारों निरंकारी सेवादारों के अतिरिक्त 1500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जीटी रोड पर ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर पूरे समागम स्थल में चप्पे चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। रोहतक रेंज के आइजी संदीप खिरवार सहित पानीपत के एसपी सुमित कुमार सुरक्षा व्यवस्था पर पूरी नजर रखेंगे।  डीएसपी अनिल ने बताया कि स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ की चौकी शुरू हो गई है। वहीं 288 मुलाजिम प्रवेश द्वार, प्लेटफार्म, ऊपरगामी पुल और परिसर में ड्यूटी दे रहे हैं। संदिग्धों पर पुलिस की पैनी नजर है।  एंबुलेंस और फायरब्रिगेड की गाड़ी भी परिसर में मदद के लिए खड़ी है।


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