Corona Relief Fund में हरियाणा के इस गांव ने साढ़े 10 करोड़ दे दिल जीता, मुख्यमंत्री भी हुए मुरीद
हरियाणा के बाला जाटान ग्राम पंचायत के लोगों ने मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में अब तक का सबसे बड़ा दान दिया है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने उनका धन्यवाद किया है।
पानीपत, [सुनील मराठा]। कोरोना वायरस से जंग में कई लोगों ने खुलकर दान किया है। लेकिन, एक गांव ऐसा भी जहां के लोगों ने अब तक सबसे बड़ा दान देकर दिल जीत लिया है। पानीपत जिले के गांव बाल जाटान के लोगों का हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने भी धन्यवाद किया है।
कोरोना महामारी के चलते सरकार के साथ सामाजिक संगठन व समाजसेवी लोग मदद के लिए कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हैं। उनमें से एक नाम गांव बाल जाटान के लोगों का भी है। गांव बाल जाटान की ग्राम पंचायत ने मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में अब तक की सबसे बड़ी राशि दान दी है। बाल जाटान हरियाणा में अब तक सबसे बड़ी राशि दान करने वाली ग्राम पंचायत है।
बाल जाटान ग्राम पंचायत द्वारा हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में 10 करोड़ 50 लाख रू. की राशि का योगदान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
आप सबके सहयोग से हम जल्द कोरोना पर विजय प्राप्त कर लेंगे।#IndiaFightsCorona pic.twitter.com/BTDyRnJkxX — Manohar Lal (@mlkhattar) April 18, 2020
10.50 करोड़ रुपये पंचायत निधि से दिए
गांव बाल जाटान की सरपंच सरिता देवी ने बताया कि इस समय फैली कोरोना वायरस महामारी के दौरान ग्राम पंचायत ने मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में 10.50 करोड़ रुपये की राशि अनुदान के रूप में दी। इसके लिए 50 लाख रुपये का चेक दो दिन पहले दे दिया गया था। इसके बाद 10 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में देने के लिए बीडीपीओ, बीडीपीओ व डीसी के माध्यम से उच्च अधिकारियों के पास पत्र लिख मंजूरी मांगी गई थी। सभी उच्च अधिकारियों से इसकी मंजूरी मिली। शनिवार को चंडीगढ़ में जाकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को कोरोना रिलीफ फंड के लिए 10 करोड़ रुपये की सहायता राशि का चेक दिया।
पूर्व मंत्री के साथ मुख्यमंत्री से मिले बाल जाटान के सरपंच व पंच
सरपंच प्रतिनिधि रणबीर सिंह ने बताया कि कोरोना रिलीफ फंड में अनुदान देने के लिए गांव के पंच राजेश उर्फ राजा, विजय, सत्यवान, मंजू, सुदेश, राजेश व नरेश सहित गांव के अन्य मुख्य व्यक्तियों के साथ एक मीटिंग की गई थी। सहमति मिलने के बाद बीडीपीओ को पत्र लिखकर ग्राम पंचायत के फंड से 10.50 करोड़ रुपये कोरोना रिलीफ फंड में भेजने को कहा गया था। उन्होंने बताया कि पंचायती फंड से दान देने के लिए बीडीपीओ, डीडीपीओ व डीसी व पंचायती राज के अन्य उच्चाधिकारियों से मंजूरी मिली थी। इसराना हलका के पूर्व विधायक व प्रदेश के पूर्व परिवहन, आवास एवं जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चेक सौंपा गया।
हरियाणा में पहले नंबर पर इसराना विधानसभा की पंचायतें
जिला पंचायत एवम् विकास अधिकारी राजवीर ने बताया कि कोरोना रिलीफ फंड के लिए पानीपत जिले की ग्राम पंचायतों ने लगभग 14 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। कोरोना रिलीफ फंड में दान देने में पानीपत की ग्राम पंचायतें पूरे प्रदेश में पहले नंबर पर हैं। जिसमें बाल जाटान की ग्राम पंचायत ने 10.50 करोड़, डाहर ग्राम पंचायत 1.11 करोड़, बलाना ग्राम पंचायत 1 करोड़, बोहली ग्राम पंचायत 50 लाख, ददलाना ग्राम पंचायत ने 50 लाख व सुताना ग्राम पंचायत ने 21 लाख रुपए की राशि कोरोना रिलीफ फंड में भेजी है। जिनमें सबसे अधिक अनुदान अकेले इसराना विधानसभा की ग्राम पंचायतों ने लगभग 12.50 करोड़ रुपये दिया है।
एक बार के कहने से ही सहयोग के लिए आगे आयी पंचायतें
मतलौडा खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी सुमित बख्शी ने बताया कि देश में फैली महामारी के कारण उसने अपने ब्लॉक के सरपंचों को फोन कर सहयोग की अपील की थी। उनकी एक अपील से ही उनके खंड की ग्राम पंचायतों ने 11.21 करोड़ रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में भेजी है। जिसमें सबसे अधिक सहायता राशि अकेले बाल जाटान की ग्राम पंचायत ने 10.50 करोड़ रूपए दी है। इसके अलावा मतलौडा खंड की सुताना ग्राम पंचायत ने 21 लाख व बोहली ग्राम पंचायत ने 50 लाख रुपये कोरोना रिलीफ फंड में भेजे हैं।
कोरोना को हराने को खुद मैदान में उतरीं गांव बाल जाटान की सरपंच
गांव बाल जाटान की सरपंच सरिता देवी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद से ही पंचायत के सभी चौक को सील कर दिया गया था। सभी जगह नाके लगा दिए गए थे, न किसी को बाहर जाने दिया गया और न किसी को अंदर आने दिया गया। गांव में सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा में रहते सफाई की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके अलावा अब तक चार बार गांव को सैनिटाइज किया गया है। गांव का हर व्यक्ति स्वयं जिम्मेदारी निभा रहा है।
रिफाइनरी को दी गई थी पंचायती जमीन, तब से खाते में हैं करोड़ों रुपये
सरपंच सरिता देवी ने बताया कि रिफाइनरी को गांव की पंचायती जमीन दी गई थी। उसकी धनराशि बैंक में जमा थी। गांव का विकास भी स्कीम के तहत रिफाइनरी की तरफ से कराया गया। इसके बाद समय समय पर जनप्रतिनिधियों की तरफ से विकास कराया जाता रहा है। हालांकि गांव में सड़क, पानी आदि की समस्या अब नहीं है। ऐसे में धनराशि पर ब्याज भी मिलता गया, जिससे अब 130 करोड़ रुपये थे।
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