महिलाओं के जज्बे को सलाम, सरस मेले में प्रतिभा देख लोग कर रहे सलाम Panipat News
सरस मेले में महिला सशक्तीकरण का उदाहरण देखने को मिल रहा है। महिलाओं की प्रतिभा मेले में आकर्षण का केंद्र बनी है। लोग इसकी सराहना कर रहे हैं।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। महिलाएं कमजोर हैं। वे केवल चहारदीवारी तक सीमित हैं। वे रसोई का ही काम कर सकती हैं। वे व्यापार या बाहरी अन्य कामकाज में इतनी माहिर नहीं होती... इन तमाम धारणाओं को जगाधरी अनाज मंडी में लगे सरस मेले में महिलाओं ने नकार दिया है। यहां अलग-अलग राज्य व जिले से 225 स्टॉलों में से 160 महिलाओं के हैं। उत्पाद खुद तैयार कर यहां लेकर पहुंची। इस दौरान इन महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। ये महिलाएं दूसरों के लिए नजीर बनी हुई हैं। उनका कहना है कि भविष्य में यदि आगे बढऩा है तो कुछ अलग करना ही होगा। तभी दकियानुसी सोच से उभरा जा सकता है। महिला किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। वे अच्छी मैनेजर हैं। जब वे बेहतरी से घर संभाल सकती हैं तो व्यापार क्यों नहीं कर सकतीं?
रेडीमेड कपड़ों का करती व्यवसाय
झज्जर से आई दयावंती 100 महिलाओं का समुह चला रही हैं। ये महिलाएं रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय करती हैं। अब से पहले कई मेलों में अपना स्टॉल लगा चुकी हैं। जिन पर सिलाई का काम नहीं आता, उनको सिलाई का काम सिखाते हैं। उनकी तरह अन्य महिलाएं भी अपने पैरों पर खड़ी हैं। उनका कहना है कि कोई भी काम मुश्किल नहीं होता। बस करने का जुनून होना चाहिए।
मेले में आकर अच्छा लगा
शबनम व अरुणा ने ऊनी कपड़ों का स्टॉल लगाया हुआ है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं इनको तैयार करती हैं। हालांकि ये उनका पहला मेला है, लेकिन यहां पहुंचकर अच्छा है। घर पर तैयार इन वस्त्रों के खरीदारों की कमी नहीं है। दर्जन भर महिलाएं समुह से जुड़ी हुई हैं। सभी अपना-अपना काम संभालती हैं। अपने परिवार का अच्छे से गुजार कर रही हैं।
सजावट का सामान लेकर आई
सुखपुरा की मंजु बताती हैं कि उनका समुह अब से पहले कई मेलों में भाग ले चुकी हैं। महिलाएं घरेलू सजावट का सामान थोक में खरीदकर मेलों में स्टॉल लगाती हैं। पहले उन्होंने कपड़ों का काम किया है। इस बार उत्तर प्रदेश से सजावट का सामान लेकर आई हैं।
इनके हाथ का अचार लाजवाब
सरस मेले हरगढ़ से आईं प्रवीण कुमारी बताती है कि वे महिला समुह सहायता चलाती हैं। 14 महिलाएं समूह से जुड़ी हुई हैं। वे विभिन्न तरह का अचार व मुरब्बा तैयार करती हैं। विभिन्न मेलों में भाग लेने के साथ-साथ बाजार में भी उनके उत्पादों की अच्छी मांग हैं। उनका कहना है कि समूह से जुड़ी सभी महिलाएं आत्म निर्भर हैं। उनका कहना है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं।