वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाने रे
जागरण संवाददाता, पानीपत : शहीदी दिवस पर महात्मा गांधी के आदर्शो पर चलने का संकल्प लें। जो मार्ग राष
जागरण संवाददाता, पानीपत : शहीदी दिवस पर महात्मा गांधी के आदर्शो पर चलने का संकल्प लें। जो मार्ग राष्ट्रपिता ने दिखाया, उस पर हम कितना चल सके हैं, जिन आदर्शो और लक्ष्यों के लिए स्वतंत्रता का संघर्ष किया था, उन आदर्शो और लक्ष्यों की प्राप्ति में हमने कितना योगदान दिया, यह सोचने का समय है। शहीदी दिवस पर मंगलवार को किला स्थित पार्क में महात्मा गाधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह बात पानीपत नागरिक मंच की अध्यक्ष निर्मल दत्त ने कही।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी सांप्रदायिक सद्भाव कायम करने और शरणार्थियों की समस्याओं के निराकरण के लिए 1947 में 10 नवंबर व 2 दिसंबर को पानीपत आए। सत्याग्रह के अस्त्र द्वारा ब्रिटिश साम्राज्यवाद का सूर्य इस देश से अस्त कर दिया। वर्तमान में सारी दुनिया को गांधी के रास्ते अलावा दूसरा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। गांधीजी देश में शोषण विहीन समाज की रचना करना चाहते थे। उनका सपना था कि देश में किसान व मजदूरों का राज हो। उनके सपने को साकार करने के लिए जब तक हम स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग नहीं करेंगे, देश की प्रगति नहीं हो सकती है।
सभा की अध्यक्षता करते हुए दीपचंद निर्मोही ने कहा कि गांधीजी चाहते थे कि हमारे समाज की रचना सत्य और अहिंसा के सिद्धांत पर हो। हम सब लोग सत्य और अहिंसा का आचरण करने का निर्णय करें, तो हमसे कोई गलती नहीं हो सकती। गांधीजी की अहिंसा का अर्थ निष्क्रियता और कायरता नहीं है, बल्कि अन्याय से लड़ने का साधन है।
गांधी स्मारक निधि पंजाब हरियाणा व हिमाचल के सचिव आनंद शरण ने कहा कि गरीब और अमीर में फासला बढ़ता जा रहा है। वर्तमान युग में अमीर और अधिक अमीर व गरीब और अधिक गरीब होता जा रहा है। समाज में समानता समाप्त हो रही है। इन समस्याओं से निपटने के लिए गांधी विचार का रास्ता ही सबसे उत्तम रास्ता है।
भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित :
प्रायश्चित व संकल्प दिवस पर किला पार्क में आयोजित सभा की शुरुआत वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीर पराई जाने रे.से हुई। पानीपत नागरिक मंच के सदस्यों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। चरखा भी काता गया। इस अवसर पर रामदत्त शर्मा, डॉ. कर्ण सिंह कादियान व रविशंकर दूबे सहित अनेक शहरवासी मौजूद रहे।