दादी की गोद में मां का आंचल ढूंढ़ता रहा रूद्र
डाबर कॉलोनी के सचिन की मौत के आरोपित पुलिस गिरफत से दूर हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत: डाबर कॉलोनी के सचिन की मौत के 48 घंटे बाद भी पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की। सचिन के घर में बुधवार को दिनभर मातम पसरा रहा। घर आए रिश्तेदार स्वजनों को दिलासा देते दिखाई दिए। तीन माह का दुधमुंहा बच्चा रूद्र मां के दूध के लिए बिलखने लगा तो दादी ने उसे चुप कराया। वहीं पिता सचिन को घर से गायब देख सवा साल का हरिओम चाचा विपिन की गोद से नीचे उतरने को तैयार नहीं था। स्वजनों ने गुरुवार शाम तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने पर एसपी कार्यालय में धरना देने की चेतावनी दी।
स्वजनों ने बताया कि कोको कंपनी के प्रचार में जुटी दो युवतियों के घर आने के बाद से तनाव बढ़ गया था। मीनू इशारों में सचिन को ताने देने लगी तो सचिन ने उसकी सास को फोन पर सारी बात बताई। सास भी उसे ताने देने लगी, तो वह मानसिक रूप से परेशान हो गया। इसी वजह से सचिन ने सोमवार रात को ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। इधर, वीडियो के आधार पर पुलिस ने आरोपित मीनू, उसके भाई बंटी, मां रेणु, पिता अशोक और एक अन्य युवक विकास के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। सचिन के शव के पोस्टमार्टम के दौरान स्वजनों ने मंगलवार को सामान्य अस्पताल में हंगामा खड़ा कर आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग उठाई थी। वीडियो देख भागा परिवार, पांच मिनट पहले हुई सचिन की मौत
विलाप कर रहे पिता राजपाल ने बताया कि उसके बेटे सचिन ने सोमवार रात को कोर्ट परिसर के पीछे खड़े होकर वीडियो भेजा। ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने की बात कही। छोटा भाई विपिन परिवार के अन्य सदस्यों संग बाइक लेकर कोर्ट की तरफ निकल पड़ा। तेज रफ्तार में कोर्ट परिसर पहुंचा, लेकिन वहां भाई सचिन का शव पड़ा था। राहगीरों ने बताया कि महज पांच मिनट पहले ही युवक ट्रेन की चपेट में आया है। उसे मलाल है कि शायद पांच मिनट पहले घटनास्थल पहुंचता तो भाई की जान बचा सकता था। वर्जन
आरोपितों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
प्रीतम सिंह, जीआरपी थाना प्रभारी