पूर्व Congress MLA और IAS अफसरों का फर्जीवाड़ा, RTI से पर्दाफाश
अवैध कॉलोनी में बनी पूर्व कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर की कोठी को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर वैध कराया। लोकायुक्त ने डीसी और पूर्व डीसी समेत कई अधिकारियों को नोटिस भेजा।
पानीपत, जेएनएन। कांग्रेस के पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने अवैध कॉलोनी में कोठी बनाकर दो आइएएस और एक एचसीसी अफसर के साथ मिलकर उसे वैध कराने का प्रयास किया। हालांकि, इस कॉलोनी को निदेशालय स्तर पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने रिजेक्ट कर दिया। इसके बाद, आइएएस अफसरों ने अकेले विधायक की कोठी को साईं कॉलोनी में दिखाकर फिर से निदेशालय भेजा और मंजूर करा दिया।
मामला अब लोकायुक्त के पास पहुंच गया है। फर्जीवाड़े की शिकायत पर लोकायुक्त ने वर्तमान डीसी सुमेधा कटारिया व तत्कालीन डीसी डॉ. चंद्रशेखर खरे, समालखा के तत्कालीन एसडीएम गौरव कुमार व नगरपालिका समालखा के एक्सइएन मदन मोहन गर्ग को जवाब-तलब किया है। केस की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।
लोकायुक्त ने पूछा सवाल
लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल ने अधिकारियों को नोटिस में पूछा कि जब पहले न्यू दुर्गा कॉलोनी का केस अस्वीकृत हो गया था तो फिर अवैध कॉलोनी में स्थित पूर्व विधायक की कोठी को साईं एन्क्लेव कॉलोनी बताकर स्वीकृत कराने की सिफारिश क्यों की गई?
अधिकारियों ने सरकार को किया गुमराह
बीते 8 मई को केस की सुनवाई के दौरान शहरी निकाय विभाग निदेशालय के डीटीपी मंजीत सिंह ने लोकायुक्त को बताया कि जिला प्रशासन व नगरपालिका के अधिकारियों ने सरकार को गुमराह करके रिपोर्ट भेजी थी। यह भ्रामक मिली। वे तत्कालीन डीसी पानीपत व तत्कालीन उपमंडल अधिकारी (नागरिक) समालखा व नगरपालिका समालखा के कर्मचारियों के नाम लोकायुक्त को शीघ्र बताएंगे।
यह है मामला
आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने बताया कि कांग्रेस के तत्कालीन विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने 2013 में न्यू दुर्गा कॉलोनी में अपनी कोठी का निर्माण शुरू कर दिया। नगरपालिका ने 20 एकड़ रकबा की न्यू दुर्गा कॉलोनी को स्वीकृत कराने का केस सरकार को भेजा, लेकिन शर्तें पूरी न करने के कारण इसका केस रिजेक्ट कर दिया गया। प्रशासनिक और नगरपालिका अधिकारियों ने पूर्व विधायक की कोठी को बचाने के लिए मात्र पौना एकड़ जमीन में स्थित पूर्व विधायक की कोठी को साईं एंक्लेव कॉलोनी का नाम देकर 7 अगस्त 2014 को स्वीकृत कराने के लिए सरकार को केस भेज दिया।
पिछली रिपोर्टों पर ही केस चला दिया
तत्कालीन डीसी अजीत बाला जोशी ने तत्कालीन एसडीएम समालखा विवेक चौधरी की अध्यक्षता में डीटीपी, तहसीलदार, नगरपालिका अभियंता, जेई व भवन निरीक्षक की कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी थी। इस कमेटी ने पूर्व विधायक की कोठी को साईं एन्कलेव कॉलोनी बताते हुए इसे स्वीकृत करने की रिपोर्ट दी थी। 2014 में चुनाव आचार संहिता लगने के कारण साईं एन्क्लेव कॉलोनी का केस अधर में लटक गया। अधिकारियों ने इसके बाद इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर नगरपालिका के अधिकारी व डीसी समय-समय पर सरकार को इस कथित कॉलोनी को स्वीकृत करने की सिफारिशें भेजते रहे। इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर आखिरकार 28 नवंबर 2018 को सरकार ने कॉलोनी को स्वीकृत कर दिया।
जांच में सामने आया था फर्जीवाड़ा
आरटीआइ कार्यकर्ता कपूर ने बताया कि उन्होंने इस मामले में 19 अगस्त 2014 को लोकायुक्त हरियाणा को शिकायत की थी। एसडीएम समालखा गौरव कुमार ने 01 फरवरी 2019 को जांच की। जिसमें सभी आरोप सिद्ध पाए गए। इसमें फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। यह रिपोर्ट शहरी स्थानीय निकाय विभाग में पहुंचने पर हड़कंप मच गया। निदेशालय स्तर के अधिकारियों ने डीसी की भेजी रिपोर्टों को सत्य मानकर साईं एन्क्लेव कॉलोनी को 28 नवंबर 2018 में स्वीकृत कर दिया।
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