पासिंग, परमिट और दस्तावेजों में फंसे पानीपत के ट्रांसपोर्टर, भरना पड़ रहा जुर्माना
पानीपत में पासिंग परमिट और अन्य दस्तावेज बनवो के लिए ट्रांसपोर्टरों को जुर्माना भरना पड़ रहा है। लॉकडाउन की वजह से शहर के सैकड़ों ट्रांसपोर्टर ने कागजात नहीं बनवाए थे।
पानीपत, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बेंगलुरु और नागालैंड सहित दूसरे राज्यों में दोबारा लॉकडाउन लग रहा है। इन राज्यों की सीमाएं सील होने का सीधा असर स्थानीय ट्रांसपोर्टरों पर हो रहा है। वहीं संक्रमण के डर से ड्राइवर भी इन राज्यों में गाडिय़ां ले जाने में आनाकानी करने लगे हैं। स्थानीय ट्रांसपोर्टरों का लगभग 30 प्रतिशत काम प्रभावित हुआ है। दूसरी ओर स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को नोटिफिकेशन आने के बावजूद भी कागजात बनवाने में देरी होने पर लगे जुर्माने में छूट नहीं मिली है। इससे ट्रांसपोर्टरों में रोष व्याप्त है।
ट्रांसपोर्टर रणबीर, विनोद, राजेश, विजय, इंद्र ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आरटीए कार्यालय बंद था। इस कारण अधिकतर ट्रांसपोर्टर अपने वाहनों के परमिट, पाङ्क्षसग, टैक्स भरने जैसे जरूरी कामकाज नहीं करा पाए। सरकार ने वाहन मालिकों की परेशानी और लॉकडाउन के हालातों को देखते हुए मई माह में कॉमर्शियल वाहनों के कागजात सितंबर 2020 तक बनवाने की छूट दी थी। लेकिन आज तक भी स्थानीय आरटीए कार्यालय में रोड टैक्स और परमिट पर लगे जुर्माने में ट्रांसपोर्टरों को छूट नहीं मिल रही है। वहीं पासिंग रसीद कटवाते समय भी अधिकतर वाहनों पर जुर्माना लगा मिलता है।
कागजात बनवाने के लिए टैक्स भरना है अनिवार्य
आरटीए कार्यालय में ट्रांसपोर्टरों को परमिट या पासिंग की रसीद कटवानी है, तो उसके लिए रोड टैक्स भरना अनिवार्य है। कंप्यूटर सिस्टम इस रोड टैक्स पर भी हजारों रुपये की पैनल्टी दिखाता है। हालांकि पासिंग रसीद कटवाते समय कुछ वाहनों की पैनल्टी माफ हो जाती है, तो कुछ पर पैनल्टी शो करती है। वहीं आर्थिक परेशानी से बचने के लिए मोटर मालिकों ने पैनल्टी भुगतान कर कागजात बनवाने शुरू कर दिए है।
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने अप्रैल माह से वाहनों के कागजात बनवाने में देरी होने पर कोई जुर्माना नहीं लेने का लेटर जारी कर दिया है। एनआइसी ने सॉफ्टवेयर अपडेट करना है। सिस्टम में कुछ वाहनों पर पैनल्टी शो नहीं करती। अनुमान है कि जल्द ही पैनल्टी पूरी तरह हट जाएगी।
जगमोहन, कार्यकारी आरटीए सहायक सचिव