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जरूरतमंदों के लिए संकटमोचन बना संघ, गली-गली बस्‍ती-बस्‍ती जाकर मुहैया करा रहे राशन

राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक लॉकडाउन में फंसे जरूरतमंदों के लिए संकटमोचन बनकर सामने आया है। स्वयंसेवक गली-गली व बस्ती-बस्ती जाकर जरूरतमंदों को खाना व जरूरी सामग्री मुहैया करवा रहे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 03:09 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 09:59 AM (IST)
जरूरतमंदों के लिए संकटमोचन बना संघ, गली-गली बस्‍ती-बस्‍ती जाकर मुहैया करा रहे राशन
जरूरतमंदों के लिए संकटमोचन बना संघ, गली-गली बस्‍ती-बस्‍ती जाकर मुहैया करा रहे राशन

पानीपत, जेएनएन। आज देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोगों के लिए संकटमोचक बना हैं। स्वयंसेवकों द्वारा हरियाणा ही नहीं बल्कि देशभर में जरूरतमंद लोगों के लिए खाने-पीने व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करवाने के लिए विशेष अभियान चलाया हुआ है।

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सर्वे के बाद सामान उन्हें ही उपलब्ध कराया जा रहा है जिनके पास राशनकार्ड नहीं है। संघ के स्वयंसेवक गली-गली, बस्ती-बस्ती जाकर जरूरतमंदों को मास्क, सैनिटाइजर, मेडिकल सुविधा, खाने-पीने की चीजें व अन्य उपयोगी सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, जगाधरी, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, कैथल, हिसार, सिरसा, जींद, फतेहाबाद, रोहतक, झज्जर, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद व मानेसर सहित सभी जिलों में खंड स्तर तक यह अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र बड़खालसा ने बताया कि बड़खालसा गांव में रह रहे जरूरतमंद लोगों के लिए गांव में ही भोजना तैयार करना शुरू किया हुआ है।

घर से भी तैयार करवा रहे हैं भोजन

सेवाभारती पानीपत के नगर अध्यक्ष अनिल मित्तल ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सभी सेवाएं बंद होने के बावजूद भी स्वयंसेवक जरूरतमंद लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी सामने नहीं आने दे रहे हैं। कालोनियों में कार्यकर्ता घर-घर सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। फैक्ट्री मालिकों से उस परिवार के बारे में बात करने के बाद ही सूची में नाम शामिल किया जाता है। सामान उन्हें ही उपलब्ध कराया जा रहा है जिनके पास राशनकार्ड नहीं है। प्रदेशभर में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर स्वयंसेवक कहीं बाहर भोजन तैयार करवाने की बजाए अपने घर से ही भोजन तैयार कर जरूरतमंद लोगों को खाना उपलब्ध करवा रहे हैं।

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इनकी सेवा को सलाम सबका सहारा रब दे बंदे

कोरोना से बचाव के लिए 14 अप्रैल तक किए गए लॉकडाउन के कारण शहर के बहुत से गरीब परिवारों के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इन परिवारों की परेशानी को देखते हुए हरियाणा व्यापार मंडल के युवा प्रदेशाध्यक्ष राकेश चुघ ने उद्यमियों के साथ मिलकर रब दे बंदे संगठन का गठन किया। संगठन में राकेश चुघ के अलावा भूषण नागपाल, राजू मिगलानी, जोनी चावला, त्रिलोचन सेठी, जयदयाल तनेजा सहित करीब 100 लोग की टीम शामिल है। इस संगठन द्वारा शहर में जो भी गरीब या जरूरतमंद परिवार है उसको राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। संत जिंदा कल्याणा मंदिर में अपना संचालन केंद्र बनाया हुआ है। मंदिर में 10-15 सदस्य तो एक परिवार के राशन को अलग-अलग पैकेटों में पैक करते रहते है।

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गायों को खिलाया दलिया और गरीबों में बांटा राशन

गुरु ब्रह्मानंद स्टूडेंट्स यूनियन (जीबीएसयू) ग्रुप के युवाओं ने गांव नैन स्थित गो अभयारण्य में गाय को दलिया व आटा खिलाया। आसपास क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब लोगों को आटा, सब्जियां व घरेलू जरूरत के अन्य सामान बांटा। जीबीएसयू के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र अहर ने लोगों से अपील की कि लॉकडाउन का पालन करें। इस अवसर पर वीरेंद्र अहर, मनीष, दीपू ऊंटला, रवि अहर, साहब सिंह अलूपुर, सुखविंदर भादौड़, श्यामा ऊंटला, नरेश, अनिल पहलवान लोहारी व शमशेर ऊंटला मौजूद रहे।

पार्क अस्पताल में 100 परिवार गोद लिए 

राशन व मेडिकल की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए एक परिवार गोद लेने के लिए एक हजार रुपये दान देना होता है। पार्क अस्पताल ने इस मुहिम के तहत 100 परिवारों को गोद लिया है।

कालाबाजारी से छूटा पीछा, पंचायत दे रही सब्जी

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के बीच प्रशासन ने भले ही खाद्य पदार्थ से लेकर सब्जी के दाम निर्धारित कर दिए है, फिर भी दुकानदार कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। गांव में लोग कालाबाजारी के शिकार न हो, इसको लेकर ग्राम पंचायत बुड़शाम ने युवाओं के सहयोग से एक शानदार पहल की है। जो हर रोज मंडी से खुद सब्जी खरीद कर लाते हैं और ग्रामीणों को उसी दाम पर देते हैं।

सब्जी वितरण के दौरान दूरी का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। रविवार को भी गांव की बड़ी चौपाल में सब्जी लगाकर वितरित की गई। महिला सरपंच के पति राजकुमार ने बताया कि लॉकडाउन के चलते घरों से बाहर निकलने पर मनाही है। दूसरी तरफ दुकानदारों द्वारा सब्जी आदि के मनमाने दाम वसूले जाने की शिकायत आ रही थी। दोनों समस्याओं को दूर करने के लिए ग्रामीण युवाओं के सहयोग से हर रोज खुद मंडी से सब्जी लाकर वितरित करने का प्लान बनाया। उसने बताया कि जो भाव मंडी से सब्जी मिलती है, उसी भाव में लाकर ग्रामीणों को दे रहे हैं। राजकुमार ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी की तब तक लॉकडाउन रहेगा, तब तक ऐसे ही करेंगे। इसमें सुल्तान गुलिया, खिलाड़ी अनिल, महाल, बिजेंद्र आदि सहयोग दे रहे हैं।


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