मां के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा इंस्ट्रक्टर, छात्र ने हत्या कर शव नहर में फेंका
रोहतक के आइटीआइ में बतौर इंस्ट्रक्टर तैनात मनीष की हत्या कर दी गई है। उसका शव पानीपत के अरलानकलां के पास नहर से मिला है। उनकी हत्या छात्र ने की है।
जेएनएन, पानीपत। बेटे ने आइटीआइ के इंस्ट्रक्टर को मां के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देखा तो वह आगबबूला हो गया। उसने इंस्ट्रक्टर पर पहले डंडों से हमला किया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। बाद में उसने शव को उरलाना गांव के पास बुटाना नहर में डाल दिया। पुलिस ने आरोपित 19 वर्षीय मनीष को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और तीन दिन के रिमांड पर लिया है। घटना जींद के सिंघपुरा की है।
रोहतक के कंसाला आइटीआइ में वेल्डर ट्रेड का इंस्ट्रक्टर मनीष (26) मूलरूप से जींद के फुलियाकलां गांव का रहने वाला था और रोहतक में किराये के मकान में रह रहा था। उसके बड़े भाई राजेंद्र ने बताया कि 5 जनवरी को 3:30 बजे मनीष आइटीआइ से निकला था। 6 जनवरी की सुबह गांव के सुरेश ने उसे बताया कि मनीष की कॉल उसके मोबाइल पर डायवर्ट थी। एक महिला बोल रही थी। इसके बाद से मोबाइल फोन बंद है। 8 जनवरी को कंसाला चौकी में गुमशुदगी की शिकायत दी।
कंसाला चौकी प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि मनीष के मोबाइल की कॉल डिटेल की जांच की। संदेह के आधार पर विकास से पूछताछ की। वह कंसाला आइटीआइ में कोर्स कर रहा है। पूछताछ में बताया कि उसे शक था कि मनीष का मां कमलेश से अवैध संबंध हैं। 5 जनवरी की रात उसने मनीष को मां के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। उसने मनीष पर लाठी से वार किए। वह घर से भाग निकला तो उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। विकास की निशानदेही पर रविवार शाम को मनीष का शव बरामद कर लिया।
भाई बोला- पांच लोगों ने की हत्या
राजेंद्र ने आशंका जताई है कि मनीष की हत्या चार से पांच लोगों ने मिलकर की है। उसकी आंखें भी निकाल लीं, जबकि विकास दावा कर रहा है कि उसने अकेले ही मनीष की हत्या की है। मनीष का मोबाइल फोन, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज जला दिए।
कमलेश ने किया फोन, जूते ले जाओ
राजेंद्र ने बताया कि 5 जनवरी की रात को मनीष ने अपने मोबाइल की कॉल गांव के सुरेश के मोबाइल पर डायवर्ट कर रखी थी। हो सकता है जब आरोपित पिटाई कर रहे थे उसी दौरान कॉल डायवर्ट की हो। आरोपित विकास की मां कमलेश ने 5 जनवरी की रात 11:30 बजे से 6 जनवरी की सुबह 5:32 बजे के बीच कई बार कॉल की। बार-बार कह रही थी कि जूते और कपड़े ले जाओ।
बचपन में हाथ टूटने से हो गया था दिव्यांग
छोटे भाई मनीष (26) का बचपन में दाहिना हाथ टूट गया था। हाथ काम नहीं करता था। पांच साल पहले मुंबई के सेंट्रल ट्रेङ्क्षनग इंस्टीट््यूट से इंस्ट्रक्टर का कोर्स किया था। इसके बाद पांच साल तक शामली के कैराना में एक संस्थान में पढ़ाया। 29 दिसंबर 2016 को आइटीआइ खरखौदा (सोनीपत) में बतौर इंस्ट्रक्टर ज्वाइन किया था। एक साल से कंसाला आइटीआइ में कार्यरत था।
विकास की फीस भरी, मिली मौत
मनीष रोहतक की कबीर कॉलोनी में जोगेंद्र ठेकेदार के मकान में किराये पर रह रहा था। फीस न भर पाने के कारण एडमिशन के तीन महीने बाद मां कमलेश ने विकास को आइटीआइ से हटा लिया। इस पर मनीष ने ही उसकी फीस दी और रहने के लिए किराये पर कमरा भी दिया। मनीष के परिवार में शादीशुदा बड़ा भाई राममेहर, बड़ी बहन रेखा और मुकेश हैं। पिता शीशपाल मजदूरी करते हैं। मनीष अविवाहित था और उसके रिश्ते की बात भी चल रही थी।