हड़ताल खत्म होते ही टूटी शादी, कुछ घंटों की ड्राइवरी जिंदगीभर का दर्द दे गई
रोडवेज से निकालते ही बिचौलिये ने फोन पर कहा लड़की वालों ने रिश्ता तोड़ दिया है। आउटसोर्सिंग पर रखे कर्मचारियों की सेवाएं सरकार ने खत्म की। अपने बैंक की पासबुक जमा कराने को कहा।
जेएनएन, पानीपत : रोडवेज की हड़ताल खत्म होने के साथ ही आम लोगों को बड़ी राहत मिली है, लेकिन कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके घर से खुशियां आकर भी लौट गईं। शादी के लिए रिश्ता तक तय हो गया, पर हड़ताल खत्म होने की वजह से ये रिश्ता टूट गया। दरअसल, जिन युवकों को अस्थायी तौर पर बस चलाने के लिए रखा था अब उन्हें हटा दिया है। ये खबर जैसे ही एक युवक से रिश्ता तय करने वाले लड़की के परिवार को पता चली, तो उन्होंने शादी तोड़ दी। पढ़ें, ये खबर और जानें उस परिवार का हाल।
हड़ताल के दौरान आउटसोर्सिंग पर रखे गए चालकों व परिचालकों की सेवाएं सरकार ने खत्म कर दी। वर्कशाप में एकत्र हुए कर्मचारियों से जीएम ने कहा कि अब आप सब अपने घर जा सकते हो। इस पर कर्मचारियों ने जवाब दिया कि रोडवेज ने हमारा रोजगार छीन लिया। हमें न काम का छोड़ा, न काज का। ऐसे में अब क्या मुंह लेकर घर जाएं। कहीं एडजस्ट हो जाएंगे, इसी उम्मीद में रविवार को भी काफी चालक-परिचालक रोडवेज वर्कशाप में पहुंचे। वे कभी बस स्टैंड का चक्का लगाते तो कभी वर्कशाप में जाते, परंतु किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी। इस पर रोडवेज जीएम रवींद्र पाठक वर्कशाप में कर्मचारियों से बात करने पहुंचे।
जीएम ने कहा कि आप सभी ने मुसीबत के समय रोडवेज का साथ सेना के जवानों की तरह दिया। आपकी वजह से बसें सड़कों पर चलती रही जिस कारण लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। इसके लिए आप सभी का धन्यवाद, लेकिन हम मजबूर हैं। सरकार ने आपकी सेवाएं खत्म कर दी हैं। आप सभी अपने-अपने बैंक खातों की जानकारी जल्द से जल्द दे दें ताकि दैनिक मजदूरी के हिसाब से आपके खातों में राशि जमा कराई जा सके।
रोष जताते युवा।
हमने 16 घंटे तक ड्यूटी की
फर्कपुर निवासी चांदराम, पंचकूला के गांव नागल निवासी दलजीत सिंह, बरवाला निवासी सुखबीर सिंह, माली माजरा निवासी नीरज कांबोज ने बताया कि वे रोडवेज में आने से पहले वे सब किसी न किसी काम पर लगे हुए थे। हमने बहुत गलत किया जो मुसीबत के समय रोडवेज का साथ दिया। रोजगार देने की बजाय छीन लिया। हड़ताल के दौरान रोडवेज ने हमसे 16 घंटे तक काम लिया। इतने घंटे काम नहीं करने पर निकालने की धमकी देते थे। वर्कशाप के कर्मचारियों ने कहा था कि तीन महीने तक तो उनकी नौकरी पक्की है। इसके बाद वे एडजस्ट हो जाएंगे। अपने घरों से सुबह छह बजे ही काम पर आ जाते थे। अब रोडवेज ने उनके साथ ऐसा गलत काम किया है।
पहले ट्रक चलाता था, अब कौन नौकरी देगा : बहाल सिंह
पंचकूला के बरवाला निवासी बहाल सिंह ने बताया कि रोडवेज में रखे जाने से पहले वह कई साल से ट्रक चलाता था। अब सरकार ने उसे बस चलाने से मना कर दिया है। रोडवेज ने त्योहारों के दिनों में घर पर बिठा दिया। अब परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे। इतनी जल्दी तो दूसरा काम भी नहीं मिलेगा।
स्कूल की बस चलाता था : अनिल
गांव कलावड़ निवासी अनिल कुमार ने बताया कि वह कई सालों से डिवाइन पब्लिक स्कूल धनौरी की बस चलाता था। उसने स्कूल की नौकरी इसलिए छोड़ दी थी कि रोडवेज में पक्की नौकरी मिल जाएगी और सेलरी भी ज्यादा मिलेगी। किन अब स्कूल की नौकरी भी छुट गई और रोडवेज की भी। ऐसे में क्या मुंह लेकर घर पर जाएं।
प्राइवेट स्कूल में टीचर था : इरफान
गांव चाहड़वाला निवासी इरफान ने बताया कि उसके पास हैवी लाइसेंस था। काफी प्रयास करने के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली थी। इसलिए नजदीक के ही एक निजी स्कूल में टीचर लग गया था। पक्की नौकरी मिल जाएगी इसलिए रोडवेज में चालक के तौर पर आया था। अब सरकार ने उन्हें काम से निकाल दिया है। अब पता नहीं स्कूल में नौकरी मिलेगी या नहीं।
कमरा लेकर रह रहा था : राजेंद्र कुमार
कैथल के गांव नैना निवासी राजेंद्र कुमार ने बताया कि गांव से हर रोज आना जाना आसान नहीं था इसलिए उसने यमुनानगर में किराये पर कमरा लिया था। पता नहीं रोडवेज उनकी मजदूरी कब देगा। उसे तो कमरे का किराया भी अपनी जेब से देना पड़ेगा। इसके अलावा तीन टाइम का खाना व अन्य खर्च अलग से किया।
मेरा फोटो न लेना, दोबारा रिश्ता नहीं होगा
रोडवेज में रखे जाने के पांचवें दिन ही मेरा रिश्ता पक्का हो गया था। आस पड़ोस से ही नहीं बल्कि रिश्तेदारों के एक के बाद एक बधाई देने के लिए फोन आ रहे थे। लेकिन शनिवार को ही मुझे रोडवेज ने निकाल दिया। जैसे ही लड़की वालों को इस बात का पता चला तो रात को बिचौलिये ने फोन कर कहा कि लड़की वाले उसके साथ रिश्ता करने से मना कर रहे हैं। वर्कशाप के गेट पर अन्य कर्मचारियों के साथ खड़ा ये उदास युवक अपनी व्यथा कुछ ऐसे ही सुना रहा था। दैनिक जागरण के फोटोग्राफर ने उसकी फोटो खींचनी चाही तो उसने रिक्वेस्ट की कि भाई साहब मेरी फोटो मत लो। अखबार में न मेरा नाम छापना और न फोटो लगाना। कहीं ऐसा न हो अखबार में फोटो छपने के बाद मेरा कहीं ओर से भी रिश्ता न आए।