Move to Jagran APP

सड़े-कटे फल और गन्ने का रस बिगाड़ रहा शहर का स्वास्थ्य

े जागरण संवाददाता, पानीपत : पेट-किडनी रोग परोसने वाले सड़े-कटे फलों और सब्जियों की बिक्री शहर में

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 08:26 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 08:26 AM (IST)
सड़े-कटे फल और गन्ने का रस बिगाड़ रहा शहर का स्वास्थ्य
सड़े-कटे फल और गन्ने का रस बिगाड़ रहा शहर का स्वास्थ्य

े जागरण संवाददाता, पानीपत :

loksabha election banner

पेट-किडनी रोग परोसने वाले सड़े-कटे फलों और सब्जियों की बिक्री शहर में खुलेआम हो रही है। गंदगी वाले स्थानों पर स्थापित मशीनों से निकलता गन्ना का रस भी हैजा को न्योता दे रहा है। सिविल अस्पताल में रोजाना 40-50 मरीज उल्टी-दस्त, पेट में ऐंठन जैसी बीमारियों का इलाज कराने पहुंच रहे हैं। विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर केमिकल युक्त मीठा पानी बेचने वाले भी अपनी दुकानें लगाए देखे जा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम संयुक्त अभियान चलाने के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं।

सिविल अस्तपाल की मेडिसिन और शिशु रोग ओपीडी में उल्टी दस्त सहित पेट की बीमारियों को लेकर इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। डॉक्टर इलाज के साथ सड़े-कटे फलों और सब्जियों के सेवन नहीं करने की सीख दे रहे हैं। मेडिसिन विभाग के डॉ. अश्विनी गर्ग बताते हैं कि खराब फलों के सेवन से उल्टी, दस्त, एसिडिटी सहित फेफड़ों की बीमारियों का खतरा रहता है। किसी रसायन से पकाए फल और सब्जी खाने से किडनी पर इफेक्ट पड़ता है। अब शहर की स्थिति देखिए, गोहाना रोड, सनौली रोड, जाटल रोड, काबड़ी रोड, बरसत रोड सहित गली-मुहल्लों में खराब और कटे हुए फलों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। इसे रोकने के लिए न तो स्वास्थ्य विभाग ने सख्त निर्णय लिया है और न नगर निगम कोई एक्शन प्लान बना सका है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति गन्ना रस की है।गन्ने रस की अधिकतर मशीनें ऐसे स्थानों के पास हैं, जहां पहले से गंदगी के ढेर हैं। मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं। बर्फ भी शुद्ध पानी से तैयार नहीं की जाती।

फ्रूट्स जूस के नाम पर जगह-जगह बेचा जा रहा केमिकल युक्त रंग-बिरंगे मीठे पानी धीमे जहर से कम नहीं है। खुले में बिकने वाले आर्टिफीशियल जूस में डाई कलर तक मिलाए जाते हैं। बार-बार के सेवन से किडनी खराब होने का खतरा रहता है।

----------

नेट से कवर हो गन्ने के रस की मशीन

स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक गन्ने की पेराई मशीन, बर्फ और गन्ने महीन जाली से कवर होने चाहिए, ताकि मच्छर-मक्खी उन पर न बैठें। अच्छी क्वालिटी की बर्फ इस्तेमाल करें। गन्ना भी साफ-सुथरा हो तथा अंदर से खराब न हो। सिविल सर्जन ने बताया कि गाइडलाइन के संबंध में दुकानदारों को जागरुक किया जाएगा।

-------

वर्जन :

खाद्य सुरक्षा अधिकारी और सीएचसी-पीएचसी के चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने क्षेत्रों में कटे-सड़े फलों और सब्जियों की बिक्री न होने दें। चार दिन पहले एक दुकान से सैंपल भी लिया गया है। जल्द ही नगर निगम और पुलिस की मदद से अभियान चलाकर सड़े-गले फलों की बिक्री पर पाबंदी लगाई जाएगी।

-डॉ. संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन-पानीपत।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.