अग्निकांड के मारे गए श्रमिकों के परिवारों को मिला मुआवजा
जागरण संवाददाता, पानीपत : अग्निकांड में अपनों की जिंदगी गंवा चुके पीड़ित परिवारों की आखि
जागरण संवाददाता, पानीपत :
अग्निकांड में अपनों की जिंदगी गंवा चुके पीड़ित परिवारों की आखिरकार प्रशासन ने अब सुध ली। जिंदा जले सात श्रमिकों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपये के चेक दिए। एक श्रमिक का परिवार पहुंच नहीं सका। पीड़ितों को राहत राशि दिलाने के लिए दैनिक जागरण ने लगातार खबरें प्रकाशित कीं। सवाल भी उठाया कि आखिर इतना इंतजार क्यों कराया जा रहा है। प्रशासन की अपनी पहल के बाद अब फैक्टरी मालिक से भी मुआवजा दिलाया जाएगा।
एवी स्पिनिंग मिल अग्निकांड में जिंदा जले श्रमिकों के आश्रितों को लघु सचिवालय के कांफ्रेंस हाल में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये के चेक वितरित किए गए। परिवहन एवं आवास मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने परिजनों को चेक दिए। जिला उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर खरे ने बताया कि श्रमिकों में से जो हरियाणा के निवासी है, उनको राजीव गांधी बीमा योजना के तहत एक-एक लाख रुपये की राशि और दी जाएगी।
मिल मालिक से दिलवाएं मुआवजा
मेरठ के खेवाई गांव का सोमबीर मिल में काम करता था। आग लगने से उसकी मौत हो गई थी। श्रमिक के भाई मनवीर ने बताया कि सोमबीर दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। उसके तीन बच्चे हैं। महज दो लाख रुपये में परिवार का गुजारा कैसे होगा। प्रशासन की तरफ से दिया गया मुआवजा ना के बराबर है। मिल मालिक की तरफ से मुआवजा दिलवाया जाए।
गिरफ्तारी के प्रयास नहीं
आग लगने से मेरठ जिले के पुठरवास गांव निवासी अजीत की मौत हो गई थी। श्रमिक के भाई अशोक का कहना है कि 2 लाख रुपये में कुछ नहीं होता। अजीत की 11 साल की बेटी है। उसकी पढ़ाई और शादी भी करनी है। 2 लाख रुपये मुआवजा नाकाफी है। प्रशासन ने मिल मालिक की गिरफ्तारी के प्रयास नहीं किए। मुआवजा राशि बढ़ाई जाए।
दो लाख की राशि कम
बिहार के विनोद अपने परिवार के साथ समालखा में रहते थे। उसके चार बच्चे हैं। मुआवजा राशि से उसके रिश्तेदार नाखुश हैं। रिश्तेदार दिनेश का कहना है कि 2 लाख रुपये मुआवजा कम है। बच्चे पढ़ रहे हैं। इतनी राशि में बच्चों की पढ़ाई भी पूरी नहीं होगी। प्रशासन मिल मालिक से जल्द मुआवजा दिलवाए ताकि बच्चों का अच्छी तरह से पालन पोषण हो सके।
शादी में कम पड़ेगी ये राशि
सनौली खुर्द गांव का त्रिलोकी भी जिंदा जल गया था। उसकी तीन लड़कियां और एक लड़का है। बुआ के लड़के मनोज ने बताया कि परिवार में त्रिलोकी कमाने वाला था। उसकी बड़ी बेटी शादी करनी है। एक लड़की की शादी पर कम से कम 4-5 लाख खर्च होंगे। परिवार में एक को रोजगार दिलाना चाहिए।
रामचंद्र के परिजन नहीं आए
आग में झुलसने से बिहार के जमुई जिले के सबत विहार निवासी रामचंद्र की मौत हो गई थी। विभाग ने मुआवजा का चेक देने के लिए श्रमिक के परिजन बुलाए थे। परिजनों ने बताया कि रामचंद्र की तेहरवीं के बाद चेक लेने आएंगे। उम्मीद है कि परिजन सोमवार को आएंगे।
वर्जन :
आगजनी में मारे गए मजदूरों के परिवारों को ये सहायता राशि सीएम रिलीफ फंड से दी गई है। फैक्टरी मालिकों से 6-8 लाख रुपया मृत मजदूरों के उम्र के हिसाब से मिलेगा। मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया चल रही है।
डॉ. चंद्रशेखर खरे, डीसी, पानीपत।