बस यात्रियों के लिए राहत भरी खबर, करनाल डिपो को जल्द मिलेंगी 45 बसें, आसान होगा सफर
बस यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। जल्द करनाल से दूसरे जिलों और राज्यों के लिए जाने वाले बस यात्रियों को बसों का बेड़ा बढ़ाया जाएगा। बसों की चेसी निर्माण के लिए हरियाणा रोडवेज इंजीनियरिंग कारपोरेशन की की शाखा में भेजा गया।
करनाल, जागरण संवाददाता। हरियाणा रोडवेज करनाल डिपो को जिले को जल्द ही 45 बसों की सौगात मिलने वाली है। हरियाणा राज्य परिवहन करनाल डिपो के बेड़े का जल्द विस्तार होगा। परिवहन विभाग मुख्यालय की ओर से करनाल के लिए 45 नई बसें अलाट हो की जा चुकी हैं, लेकिन इसकी डिलीवरी का इंतजार है। इनकी चैसी विभाग की गुरुग्राम स्थित बॉडी बिल्डिंग शाखा में पहुंच गई है। एक से डेढ़ माह में बाडी बनकर तैयार होने की उम्मीद है। उसके बाद ये बसें करनाल भेजी जाएंगी। फिर इनके मार्ग निर्धारण के बाद चलाया जाएगा। नई बसें मिलने के बाद करनाल डिपो में बसों की संख्या 167 हो जाएगी। इसके अलावा नई परिवहन नीति के तहत यदि पुरानी कंडम घोषित हो चुकी बसें यदि 15 साल की आयु के दायरे में आती हैं तो उन्हें भी दुरुस्त करवाकर चलाया जा सकता है।
फिलहाल बेड़े में 122 बसें, इस साल 42 हो चुकी कंडम
इस वर्ष जनवरी तक करनाल डिपो में करीब 164 बसें थी। समय के साथ बसें कंडम हो गई और बेड़े में महज 122 बसें ही रह गई हैं। 42 कंडम हो गई। जिस कारण बसों पर यात्रियों का बोझ बढ़ा। कोरोना काल में भी रोडवेज बसों को जरूरत पड़ने पर अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल किया गया। जिस कारण मार्गों पर बसों की कमी हो जाती है। वहीं अब शिक्षण संस्थान खुलने से रोडवेज को अतिरिक्त बसों की आवश्यकता पड़ेगी।
70 निजी बसें चल रहीं, 30 योजना के तहत चलेंगी
जिले में वर्तमान में निजी परिवहन समिति की 70 बसें विभिन्न मार्गों पर दौड़ रही हैं। जबकि परिवहन विभाग की योजना के अनुसार 30 नई बसें और मार्गों पर दौड़ेंगी। ये बसें आठ ग्रामीण मार्गों पर चलाई जानी हैं। इसके लिए रूट अलॉट किए जा चुके हैं। तीन मार्गों पर समय सारिणी भी बन चुकी है। जबकि अन्य पांच मार्गों पर रोडवेज के साथ समय सारिणी बनाने में पेंच फंसा है। इस सप्ताह में मामले का समाधान होने की उम्मीद है। इसके बाद निजी बसों की संख्या भी बढ़कर 100 हो जाएगी।
करनाल डिपो को 45 नई बसें अलाट हुई हैं। परिवहन मुख्यालय ने करीब 815 बसें चैसी खरीदी हैं। बसों की बॉडी बनाने के लिए चैसी को बॉडी बिल्डिंग सेक्शन गुरुग्राम भेजा गया है। तैयार होने पर ये नई बसें मार्गों पर चलेंगी। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने नई परिवहन नीति बनाई है। जिसके अनुसार बस 15 वर्ष तक चलाई जा सकेगी। डिपो की पुरानी जो बस सही हालत में होगी और नई नीति के तहत यदि उन्हें चलाया जा सकेगा तो मरम्मत करवाकर उन्हें भी चलाएंगे।
- कुलदीप सिंह, डिपो महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज करनाल