उल्टी-दस्त का कहर जारी, इलाज के लिए पहुंच रहे हैं 50-60 मरीज
दूषित खानपान और भीषण गर्मी के कारण अस्तपालों में उल्टी-दस्त के मरीज पहुंच रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत
दूषित खानपान और भीषण गर्मी के कारण अस्तपालों में उल्टी-दस्त (डायरिया) के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। सामान्य दिनों में करीब 50-60 मरीज सिविल अस्पताल की ओपीडी में इलाज कराने पहुंचते हैं। रविवार को दस मरीज इमरजेंसी वार्ड में इलाज कराने पहुंचे। इनमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल रहे। अधेड़ आयु के दो मरीज नरेंद्र शर्मा और राजू इमरजेंसी में पहले से एडमिट हैं। डॉक्टर इलाज के साथ बीमारी से बचाव और स्वच्छता बरतने की सीख मरीजों को दे रहे हैं।
सिविल अस्पताल के शिशु रोग डॉ. दिनेश दहिया ने बताया कि ओपीडी में 20 प्रतिशत मरीज उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। इस मौसम में हर साल उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या में वृद्धि सामान्य बात है। मरीज को डायरिया और निर्जलीकरण हो जाएं तो गंभीर स्थिति है। डायरिया होने की प्रमुख वजह तेज गर्मी, मौसम के हिसाब से खानपान न होना, ज्यादा खाना, दूषित फल और पानी का सेवन है। इससे व्यक्ति के पेट में फूड पॉइज¨नग से उल्टी-दस्त लग जाते है। गर्मी के मौसम में जंक फूड, तेज मिर्च मसाले वाला भोजन खाने से भी डायरिया हो जाता है।
डॉ. दहिया ने बताया कि पेट में कृमि होना, पेट में बैक्टीरिया संक्रमण, किसी दवाई के साइड इफेक्ट, बासी भोजन, मिलावट वाले खाद्य पदार्थों के सेवन और बच्चे को बोतल से दूध पिलाने पर भी कई बार डायरिया की आशंका बनी रहती है। मरीज शराब, चाय-कॉफी न लें। घर सहित व्यक्तिगत साफ-सफाई खासकर हाथ-नाखूनों की स्वच्छता का ध्यान रखें। डायरिया के मुख्य लक्षण :
-दस्त आने के पहले पेट में दर्द होना।
-कभी थोड़ा गाढ़ा तो कभी पानी के समान मल निकलना।
-शारीरिक दुर्बलता, पेट दबाने पर पीड़ा होना।
-जीभ सूखना, हाथ-पैर ठंडे पड़ना।
-शरीर में बेचैनी और थकान होना। डायरिया है तो ये सेवन करें
-जीवन रक्षक घोल यानी ओआरएस खाएं।
-भोजन के रूप में दही-चावल या खिचड़ी खाएं।
-चावल का धोवन (चावल उबलने के बाद बचा हुआ गाढ़ा सूप ) पिएं।
-मूंग की दाल का सूप, साबूदाना की खीर खाएं।
-सेब का मुरब्बा, केले और चावल खाना चाहिए।
-कच्चा, पका पपीता, मीठा सेब खाएं।
-पानी को उबालकर ठंडा करें फिर पिएं।