पुलिस भर्ती के लिए मेडिकल टेस्ट में फेल हुआ तो अपनी जगह दूसरे को भेजा, दोनों पकड़े गए
जागरण संवाददाता, पानीपत हरियाणा सशस्त्र पुलिस बल में चयनित हुए युवक के स्थान पर समान नाम का दूसरा
जागरण संवाददाता, पानीपत
हरियाणा सशस्त्र पुलिस बल में चयनित हुए युवक के स्थान पर समान नाम का दूसरा युवक सिविल अस्पताल में मेडिकल टेस्ट देने पहुंच गया। नेत्र रोग विशेषज्ञों को उस पर संदेह हो गया। डॉक्टरों ने युवक और उसे मेडिकल के लिए लेकर आए एएसआइ से सवाल किए। पकड़े जाने के डर से वह भाग निकला। ओपीडी के एक कर्मचारी ने दौड़कर अस्पताल के बाहर उसे पकड़ लिया। बाद में पुलिस ने भर्ती हुए युवक व उसकी जगह टेस्ट कराने पहुंचे युवक को गिरफ्तार कर लिया। टेस्ट देने पहुंचा आरोपित जिला भिवानी के कस्बा तोशाम का निवासी बताया गया है।
वित्तीय वर्ष 2015-16 में हरियाणा सशस्त्र पुलिस बल में सिपाही पद के लिए 4500 पदों पर भर्ती हुई थी। सलेक्शन के बाद 135 युवकों को वे¨टग लिस्ट में डाल दिया गया था। तीन दिन पहले इनकी सलेक्शन की सूचना दी गई और मेडिकल कराने के लिए 24 जून को मधुबन बुलाया गया। सिविल अस्पताल पानीपत में कुल 47 युवकों का मेडिकल होना था। इनमें जिला हिसार की दयाल ¨सह कॉलोनी निवासी संदीप कुमार पुत्र मिलख राज भी शामिल है। रविवार को हुए मेडिकल टेस्ट में डॉक्टरों ने 6 को अनफिट घोषित किया, सूची में संदीप का नाम भी शामिल था। संदीप को डॉक्टरों ने कलर ब्लाइंड बताकर अनफिट बताया था। सोमवार को दोबारा उसे मेडिकल टेस्ट देना था लेकिन मधुबन ट्रे¨नग सेंटर का एएसआइ रमेश कुमार भिवानी के तोशाम निवासी संदीप कुमार पुत्र महेंद्र ¨सह को लेकर पहुंच गया। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी मेहता और डॉ. केतन भारद्वाज मेडिकल करने लगे तो सहायक नेत्र विशेषज्ञ कृष्ण को संदेह हुआ। उसने डॉक्टरों को बताया कि यह एचएपी में भर्ती संदीप नहीं, अन्य है। डॉक्टरों ने एतराज जताया तो एएसआइ ने युवक को मेडिकल टेस्ट में पास करने की प्रार्थना भी की। डॉक्टरों ने उसे बाहर बैठाने के लिए कहा तो एएसआइ उसे लेकर इमरजेंसी में पहुंच गया। उसे दोबारा बुलाया गया तो एएसआइ का इशारा पाकर वह भागने लगा। कृष्ण ने दौड़ लगाकर अस्पताल के बाहर उसे पकड़ लिया। सूचना के करीब एक घंटे बाद सिविल अस्पताल पहुंचे बस अड्डा चौकी प्रभारी भीमसेन ने पकड़े गए युवक को हिरासत में ले लिया।
डॉक्टरों ने पूरे प्रकरण की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। उधर, पकड़े गए युवक ने पुलिस को बताया कि वह अपने भाई अजय का मेडिकल कराने में उसकी मदद करने पहुंचा था। एएसआइ रमेश कुमार ने कहा कि इस फ्रॉड और आरोपित युवक को भगाने में उसका कोई हाथ नहीं है। उसने तो उसे पकड़ने के लिए दौड़ भी लगाई। बाद में पुलिस ने उस युवक संदीप को भी पकड़ लिया, जिसकी जगह पर दूसरा टेस्ट देने आया था। दोनों पर धारा 419, 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।