आइपीएस भारती अरोड़ा के वीआरएस पर पुनर्विचार को मिला इंटरनेट मीडिया पर समर्थन, जानिए क्या है मामला
अंबाला रेंज की आइजी भारती आरोड़ा ने 25 जुलाई को वीआरएस के लिए किया था आवेदन। प्रभु भक्ति में लीन होना चाहती हैं अधिकारी राज्य के गृह मंत्री ने बताया बेहतरीन अधिकारी। गृह सचिव ने लेटर भेजकर वीआरएस पर पुनर्विचार को कहा था।
अंबाला, [दीपक बहल]। अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा के वीआरएस के पुनर्विचार मामले में लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है। लोगों ने वीआरएस नहीं लेने और सरकार की ओर से पुनर्विचार का समर्थन किया है।
अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा द्वारा वालंटियर रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) का फैसला पलट सकता है। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज और गृह सचिव राजीव अरोड़ा ने आइपीएस अधिकारी की बेहतरीन सेवाओं के चलते वीआरएस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। ऐसे में राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ परिवार से जुड़े राम राजी शर्मा की पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार का आभार जताया कि वीआरएस को स्वीकार नहीं किया गया और पुनर्विचार के लिए अधिकारी को लेटर लिखा। अमूमन आइपीएस या आइएएस अधिकारी के वीआरएस आवेदन पर राज्य सरकार तत्काल मुहर लगा देती है, लेकिन भारती अरोड़ा के मामले में स्थिति बदली हुई नजर आई है। हालांकि आइपीएस अधिकारी की ओर से अभी तक कोई भी टिप्पणी नहीं आई कि वह वीआरएस का फैसला बदलेंगी या नहीं।
बता दें कि आइपीएस भारती अरोड़ा ने वीआरएस के लिए 25 जुलाई 2021 को आवेदन कर दिया था। हालांकि इसके लिए नियम अनुसार तीन माह का नोटिस पीरियड भी देना होता है, लेकिन उन्होंने इससे छूट देने का आग्रह भी किया था। वीआरएस के लिए लिखे पत्र में अधिकारी ने एक अगस्त को रिलीव करने की बात कही थी। इसी फाइल पर नोटिंग कर राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के गृह सचिव को पत्र लिख आइपीएस अधिकारी को वीआरएस पर दोबारा विचार करने के लिए लेटर लिखने को कहा था। अब इसी को लेकर राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ परिवार ने भी इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर खुशी जताई है कि आइपीएस भारती अरोड़ा का वीआरएस स्वीकार नहीं किया है, जबकि इस पर पुनर्विचार को कहा है। महासंघ ने भारती अरोड़ा को इस फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह किया था।
इस तरह पोस्ट हो रही वायरल
आइपीएस भारती अरोड़ा को लेकर वायरल पोस्ट में कहा गया कि वे संघर्ष की पहचान, सादगी और ईमानदारी की मिसाल हैं। वे उच्च कोटि की प्रशासक, हमेशा गरीब तबके और महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई लडऩे वाली तेज तर्रार अधिकारी हैं। भगवान श्रीकृष्ण जी की भक्ति में लीन होकर वीआरएस का निर्णय लिया था लेकिन अनेक सामाजिक संस्थाओं ने राज्य सरकार से उनके फैसले पर पुनॢवचार की अपील की, जिसमें राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ परिवार भी शामिल है।