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स्‍कूलों पर शिक्षा विभाग की नजर, जरूरतमंदों को दाखिला न देने वालों की मान्‍यता होगी रद

जरूरतमंदों को दाखिला न देने वाले और आनलाइन डाटा अपलोड करने वालों पर शिक्षा निदेशालय की नजर रहेगी। अब निदेशालय ने सख्ती बरतते हुए मौलिक शिक्षा अधिकारी को ऐसी सूरत में अपने स्तर पर मान्यता रद करने के अधिकार दिए हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 09:59 AM (IST)
स्‍कूलों पर शिक्षा विभाग की नजर, जरूरतमंदों को दाखिला न देने वालों की मान्‍यता होगी रद
स्‍कूलों की मान्‍यता रद करने के संबंध में आदेश।

जागरण संवाददाता, करनाल। प्रदेश सरकार की योजनाओं के तहत दाखिले के लिए आनाकानी करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ शिक्षा निदेशालय ने कड़ा रुख अपनाया है। जरूरतमंद मेधावियों का एक माह से आनलाइन डाटा अपलोड न करने वाले निजी स्कूलों की मान्यता रद हो सकती है। जिला में लगभग तीन हजार से अधिक विद्यार्थियों का निजी स्कूलों में दाखिला होना है लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग के पास बच्चों की संख्या उपलब्ध नहीं है और न ही स्कूल संचालक सहयोग कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारियों की शिकायत पर अब निदेशालय ने सख्ती बरतते हुए मौलिक शिक्षा अधिकारी को ऐसी सूरत में अपने स्तर पर मान्यता रद करने के अधिकार दिए हैं।

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दाखिले के लिए भटक रहे बच्चों के अभिभावक

प्रदेश सरकार की ओर से 134ए योजना और आरटीई के तहत निजी स्कूलों में जरूरतमंद मेधावियों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है। नए सत्र में निजी स्कूलों ने मनमानी करते हुए बच्चों के अभिभावकों को कोई रास्ता नहीं दिया और अभिभावक अभी तक अपने लाडलों के दाखिले के लिए भटक रहे हैं। कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए आरटीई में संशोधन करते हुए जिला स्तर कार्रवाई की पावर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को दी गई है।

अभिभावक की शिकायत पर कार्रवाई

अब अगर निजी स्कूल की मनमानी की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को दी जाती है तो कार्रवाई निश्चित है। इससे अभिभावकों को बच्चे के दाखिले की उम्मीद जगी है। संबंधित स्कूल की शिकायत मिलने पर जिला अधिकारी कमेटी का गठन कर जांच करेंगे। दो बार निर्देश देने और औपचारिकता पूरी होने पर भी स्कूल संचालक अगर एडमिशन नहीं करता है तो मान्यता रद की जा सकती है। साथ ही एक लाख रुपये या इससे अधिक तक की राशि का जुर्माना भी लगाया जा सकेगा।

120 स्कूलों में से मात्र छह स्कूलों ने जानकारी दी : वर्मा

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहताश वर्मा ने बताया कि निजी स्कूल संचालकों को जरूरतमंद मेधावियों के दाखिले की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होती है। 120 स्कूलों में से मात्र छह स्कूलों की ही जानकारी मिली है। बार-बार नोटिस के बावजूद कोई हल नहीं निकलने पर मुख्यालय को लिखा गया है। ताजा आदेश के अनुसार शिक्षा निदेशालय के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी की ओर से अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार बच्चों को दाखिला देने में आनाकानी करने वाले स्कूल के खिलाफ जिला स्तर पर कार्रवाई की जा सकेगी।


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