खबर पढ़ सबसे बड़ा साइबर ठग बनने की सनक चढ़ी, फिर सोशल मीडिया देख बना मास्टरमाइंड: Panipat News
डेबिट कार्ड का क्लोन बनाकर ठगी करने का आरोपित अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना झज्जर के गांव बहराना का रहने वाला है। ठगी के बाद वह गोवा में जाकर रहता था।
पानीपत, जेएनएन। अखबार में खबर पढ़ मोटिवेट होकर कोई इंजीनियर बनना चाहता तो कोई समाजसेवी। लेकिन, एक ऐसा भी व्यक्ति है जिसे सबसे बड़ा साइबर ठग बनने की सनक चढ़ गई। यू ट्यूब पर वीडियो देख देखकर उसने डेबिड और क्रेडिट कार्ड का क्लोन तैयार करना सीख लिया। इसके बाद गिरोह बनाकर ठगी करना शुरू कर दिया और इस रकम से गोवा में जाकर अय्याशी करता था। क्लोन बनाकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना झज्जर के गांव बहराना गांव का अजय 12वीं पास है।
शातिर इतना कि बड़े-बड़े इंजीनियर भी शरमा जाएं। छह साल में महेंद्रगढ़, कुरुक्षेत्र, रोहतक, झज्जर, बहादुरगढ़, गोवा, दिल्ली, मेरठ और बागपत में एटीएम हैक करके 50 लाख रुपये ठग चुका है। बड़ी बात यह है कि वह ठगी के इन रुपयों को गोवा के डिस्कोथेक में उड़ा देता था। शराब का सेवन, ब्रांडेड कपड़े, जूते और शानो-शौकत से रहना उसका शगल बन गया था। पुलिस की सीआइए-वन की टीम ने नई अनाज मंडी से एक दिल्ली नंबर की कार में घूम रहे अजय वासी झज्जर व अमित वासी रोहतक को गिरफ्तार किया था। पुलिस अजय को अदालत पेश करने के बाद चार दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
अखबार में पढ़ी खबर और ठग बनने की ठानी
रिमांड के दौरान अजय ने पुलिस को बताया कि 2013 में रोहतक में उसने एक समाचार पत्र में डेबिट कार्ड के जरिये ठगी की खबर पढ़ी। वह इस ठग गिरोह से ज्यादा नाम कमाना चाहता था। इसके बाद, वह अकेले ही इस राह पर चल पड़ा। कम पढ़े-लिखे लोगों को शिकार बनाने लगा।
ऐसे बनाता था शिकार
एटीएम के केबिन में आरोपित अजय खड़ा रहता था। वहां कम पढ़े-लिखे लोगों को मदद के बहाने फंसाता था। जैसे ही कोई व्यक्ति एटीएम में कार्ड स्वाइप कर पिन नंबर भरता तो अजय उसे बातों में लगाकर मशीन का बटन दबा देता था। एटीएम में डिवाइस लगाकर कार्ड का डाटा और पासवर्ड चुराकर डेबिट कार्ड का क्लोन बना लेते थे। इस तरह उसने करीब 50 लाख रुपये की ठगी इस तरह से की।
तिहाड़ जेल से छूटते ही कार्ड के डेटा चुरा करने लगा ठगी
अजय ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले वह साथी प्रवीण के साथ गाड़ी से जा रहा था। इस बीच, पुलिस ने उन्हें घेर लिया। प्रवीण का पास पिस्तौल थी और उसने फायङ्क्षरग कर दी। पुलिस ने हत्या के प्रयास में गिरफ्तार कर दोनों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेज दिया। मार्च 2018 में वह तिहाड़ जेल से छूटा और उसकी मुलाकात रोहतक के आसन गांव के अमित से हुई। दोनों ने नए तरीके से ठगी करने का प्लान बनाया।
पानीपत में वारदात करने आए तो पकड़े गए
इंस्पेक्टर छिक्कारा ने बताया कि अजय और अमित दिल्ली और उत्तर प्रदेश में ठगी करते थे। दोनों ने प्लान बनाया कि वे पानीपत में ठगी करेंगे। वारदात करते समय यहां पर सीसीटीवी कैमरे में तस्वीर कैद भी हो गई तो पकड़े नहीं जाएंगे। यहां पर उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है। लेकिन, इनका यही अतिआत्मविश्वास इनपर भारी पड़ गया। दोनों पुलिस के जाल में फंस गए।
45 डेबिट कार्ड और डिवाइस बरामद
दोनों के पास से 45 क्लोन डेबिट कार्ड और डिवाइस मिली है। दोनों 16 जून तक पुलिस रिमांड पर हैं। पुलिस पता लगा रही है कि इस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं। आरोपितों से ठगी के रुपयों की भी बरामदगी की जाएगी।
यू ट्यूब पर वीडियो देखी, कार्ड बनाने की मशीन ऑनलाइन मंगवाई
एटीएम में डिवाइस व हिडन कैमरा लगा कार्ड का डाटा और पासवर्ड का पता लगा उपभोक्ता के खाते से पैसे निकालने वाला ठग अजय अब तक करीब 67 एटीएम से उपभोक्ताओं के पैसे निकाल चुका है। ज्यादातर मामले उत्तर प्रदेश के हैं। उसने धोखाधड़ी करने का यह तरीका यू ट्यूब पर वीडियो देख करीब पांच साल पहले शुरू किया था। कार्ड बनाने की मशीन में ऑनलाइन ही खरीदी थी।
2014 में शुरू किया था ठगी का काम
जांच अधिकारी एसआई श्रीकृष्ण ने बताया कि अजय से पूछताछ में सामने आया है की वर्ष 2014 में उसने यू ट्यूब पर वीडियो देख एटीएम मशीन में डिवाइस व हिडन कैमरा, एटीएम कार्ड डाटा और पासवर्ड का पता लगा बैंक उपभोक्ता के खाते से पैसे निकालने का तरीका सीखा था। पुलिस द्वारा पकड़ा न जाए, इसलिए उसने ज्यादातर ठगी की वारदात उत्तर प्रदेश में की। अभी तक वो करीब 67 एटीएम मशीन में डिवाइस व हिडन कैमरा लगा एटीएम कार्ड डाटा और पासवर्ड का पता लगा बैंक उपभोक्ता के खाते से पैसे निकाल चुका है। कितने पैसे अभी तक निकाले है, इसको लेकर अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। उसने जो मुकदमे बताए है, उनकी भी जांच को लेकर संबंधित थाना से संपर्क किया जाएगा।
साथी को देता था सिर्फ खर्च
पूछताछ में सामने आया है कि पकड़ा गया अजय शातिर किस्म का ठग है। बैंक उपभोक्ता के खाते से निकाले पैसे बराबर हिस्से में न बांटने पड़े। इसलिए वो अपने साथ सिर्फ एक आदमी को खाने पीने का खर्च देकर रखता था। पिछले कुछ दिन से उसने अमित को अपने साथ रखा हुआ था। उसे सिर्फ खर्च देकर खुश कर देता था।
पंद्रह हजार में मंगवाई थी मशीन
जांच अधिकारी ने बताया कि ठगी करने वाला अजय एटीएम डाटा चुराने के बाद जिस मशीन से कार्ड बना उपभोक्ताओं के खाते से पैसे निकालता था। उसे आनलाइन पंद्रह हजार रुपये में खरीदी थी। ठगी के इस कारोबार में उसके साथ कोई और भी है या नहीं। इसको लेकर भी पुलिस गहनता से पूछताछ कर रही है। ताकि उस तक भी पहुंचा जा सके।
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