देश का अजब-गजब मामला: रावण के 'अपहरण' का दर्ज होगा केस
पानीपत में रावण का पुतला उठाकर ले जाना एक पक्ष को भारी पड़ सकता है। एक पक्ष अब केस दर्ज कराने के लिए अड़ गया है। मामले ने राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया है। पढि़ए अजब-गजब केस।
जेएनएन, पानीपत। सतयुग में माता सीता का अपहरण करने वाले रावण का कलयुग में अपहरण हो गया। रावण के प्रति आस्था जताने वालों ने यह काम किया तो श्रीराम भक्त भड़क उठे हैं। मामला थाने तक पहुंच गया है। दोनों पक्षों में किसी तरह का समझौता नहीं हो रहा। नौबत केस दर्ज होने तक पहुंच गई है। अपहरण करने के अलावा अवैध हथियार लेकर आने और हिंसा भड़काने का भी केस चल सकता है।
पानीपत के आजादनगर में रावण का पुतला दहन करने से पहले दो पक्ष आपस में भिड़ गए। एक पक्ष के लोगों ने परशुराम चौक के पास से रावण के पुतले को जबरन उठाकर नहर में विसर्जित कर दिया। गुस्साए दूसरे पक्ष के लोगों ने 45 मिनट तक गोहाना रोड पर जाम लगा दिया।
राठी क्लब के सदस्यों ने आरोप लगाया कि हथियारों के बल पर जबरन जसमेर शर्मा ग्रुप ने रावण का पुतला उठा कर नहर में डाल दिया। राठी क्लब पिछले पांच छह साल से आजाद नगर में परशुराम चौक के पास रामलीला कर रही है। इसी मैदान में दशहरे पर रावण का दहन किया जाता है। जसमेर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर लोगों ने रोहतक गोहाना रोड पर जाम लगाया। 45 मिनट तक जाम रहने से वाहन चालकों के परेशानी झेलनी पड़ी। जाम लगने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने जाम को खुलवाया।
इस तरह हो गया अपहरण
राठी क्लब के प्रधान रवींद्र राठी ने बताया कि पिछले पांच साल से वे रामलीला करते आ रहे हैं। हर वर्ष दशहरा पर्व पर रावण का दहन करते हैं। सुबह 11 बजे के आसपास चौक पर हवन किया जा रहा था। विधायक पति सुरेंद्र रेवड़ी, लोकसभा निगरानी कमेटी भाजपा के करनाल प्रभारी गजेंद्र सलूजा भी हवन यज्ञ में शामिल हुए। इसी बीच जसमेर शर्मा के लोगों ने परशुराम धर्मशाला के साथ मैदान से रावण का पुतला उठावा लिया। सूचना मिलने पर हम सब मौके पर पहुंचे। जसमेर शर्मा और उनके समर्थकों को रोकने का प्रयास किया। लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। वे हथियार, लाठी, तलवार, जेली आदि लिए हुए थे। रावण के पुतले उठा कर ले गए। नहर में पुतले का विसर्जन कर दिया।
बच्चों की मदद से बनाया नया रावण, तब हुआ था दहन।
इस तरह नया रावण लेकर आए और दहन हुआ था
पुतला ले जाने से आजाद नगर, राजनगर, वार्ड 17 के लोगों में रोष है। रावण को ले जाने वाले परशुराम धर्मशाला में रुके हुए थे। छोटे बच्चों की एक संस्था ने क्लब का साथ दिया। उन्होंने अपने लिए बनवाए रावण के पुतले को क्लब को दे दिया। तब रावण दहन कार्यक्रम हुआ। इस दौरान विवाद भड़क न जाए पुलिस फोर्स तैनात रही।
सोशल मीडिया पर ये चेतावनी
दादा रावण जल विसर्जन दल ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर रावण दहन न होने की धमकी दी थी। मामले को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है। राठी क्लब के प्रधान रवींद्र राठी ने जसमेर शर्मा उसके साथियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस बल की निगरानी में दूसरे पुतले का दहन किया गया। निवर्तमान पार्षद मनोज शर्मा ने बताया कि बाहर के लड़के माहौल खराब करने वार्ड में आए थे। ताकि भाईचारा खराब हो और अशांति फैल जाए। इस घटना की हम निंदा करते हैं।
मामला आठ मरला चौकी पहुंचा
मामला आठ मरला चौकी पहुंच गया। दशहरा कार्यक्रम के आयोजक व आरोपित पक्ष को आमने-सामने किया गया। आयोजक कार्रवाई की मांग कर रहे थे। चौकी प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि रवींद्र राठी और जसमेर शर्मा ने एक दिन का समय लिया है। अगर दोनों पक्षों में सुलह नहीं हुई तो सुबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। क्षेत्र में गुंडागर्दी नहीं होने दी जाएगी। वहीं, जसमेर शर्मा ने कहा कि जब रावल के पुतले को नहर में डाला गया, तब तो वह सेक्टर-24 में दशहरा स्थल पर था। वह आरोपित युवकों को जानता तक नहीं है। उसका इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। उस पर लगे आरोप निराधार हैं। चौकी में भी उसने यही बात कही है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
गुंडागर्दी करने वाले युवक माफी मांगें
वार्ड-16 के निवर्तमान पार्षद सुशील शर्मा ने कहा कि रावण का पुतला नहर में डालने और हथियारों के साथ प्रदर्शन करके गुंडागर्दी की गई है। वार्ड के भाईचारे को बिगाडऩे की कोशिश की गई है। आरोपित युवक माफी मांगे। दोनों पक्षों की पंचायत बुलाई है।