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Ramadan 2020: शुरू हो रहा इबादत का पवित्र माह Ramadan, सौ साल के इतिहास में पहली बार घर में अदा करेंगे नमाज

रमजान का पाक माह शुरू हो रहा है। पानीपत में पहली बार ऐसा होगा जब घर में ही नमाज अदा की जाएगी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 05:09 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 05:09 PM (IST)
Ramadan 2020: शुरू हो रहा इबादत का पवित्र माह Ramadan, सौ साल के इतिहास में पहली बार घर में अदा करेंगे नमाज
Ramadan 2020: शुरू हो रहा इबादत का पवित्र माह Ramadan, सौ साल के इतिहास में पहली बार घर में अदा करेंगे नमाज

पानीपत, जेएनएन। अगर गुरुवार को चांद दिखता है तो शुक्रवार को रमजान का पवित्र महीना शुरू होगा। यदि 24 को चांद दिखता है तो 25 को पहला रोजा होगा। लॉकडाउन के चलते मुस्लिम समुदाय के लोग इस बार मस्जिदों में एकत्र होकर नमाज नहीं पढ़ेंगे। घर में नमाज पढा जाएगा। इस दौरान शारीरिक दूरी बना कर रखने के नियम का पालन करेंगे। 30 दिन रोजे रखने के बाद ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा। 

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मुस्लिम कैलेंडर के बारह महीने में सबसे पवित्र रमजान का महीना होता है। 24 अप्रैल को देर शाम द्वितीय का चांद दिखने के बाद 25 अप्रैल से रोजा शुरू हो जाएगा। रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह 4:30 बजे सहरी करने के बाद दिन भर रोजा रखेंगे। शाम को इफ्तार के साथ रोजा खोलेंगे। संपन्न वर्ग के लोग दुआ के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं। लॉकडाउन में इस बार यह आयोजन नहीं होगा। पिछले सौ साल के इतिहास में ऐसा समय कभी नहीं आया जब रमजान के दौरान मुस्लिम लोग मजिस्द से दूर अपने घरों में नमाज अता किए हों। 

पांच वक्त का नमाज 

सुबह 5:30 बजे - फजर 

दोपहर 1.30 बजे - जौहर 

शाम 5.15 बजे - असर 

शाम 7 बजे  - मगरीब

रात 8 बजे - ईसा  

समूह में पढ़ते हैं तरावी

रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रात में ईसा की नमाज के बाद सोने से पहले तरावी (कुरान) पढ़ते हैं। तरावी में बीस रकात होती है। प्रत्येक दिन एक रकात पढ़ी जाती है। सीतापुर निवासी कल्लू पानीपत में सेक्टर 25 में रहते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार सामूहिक तरावी नहीं पढ़ी जाएगी। घर में नमाज अता करते समय बच्चे, युवा व बुजुर्ग सभी एक दूसरे से डेढ़ मीटर की शारीरिक दूरी बना कर रखेंगे।    

एक बूंद पानी भी नहीं पीते 

सुबह 4:30 बजे के करीब सहरी होती है। रोजा रखने वाले इस समय घर में तैयार खाना खाते हैं। पानी पीने के बाद रोजा रख लेते हैं। सहरी का समय बीतने के बाद रोजेदार दिनभर एक बूंद पानी नहीं पीता है। शाम को फल, पकौड़े, मिठाई व अन्य सामग्री से रोजा खोलता है। 

इफ्तार के आयोजन से शवाब 

रमजान के दौरान इफ्तार पार्टी का आयोजन संभव नहीं होगा। शहरी मुफ्ती ने लोगों से अपील की है कि शवाब के लिए जो पैसा इफ्तार पर खर्च करते हैं वो इस बार न करें। उन गरीबों की सहायता पर खर्च करें जिनका लॉकडाउन के दौरान चूल्हा नहीं जल रहा है। उन्हें राशन पानी उपलब्ध कराएं।       

Ramdan

रमजान शुरू होने से पहले दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की है कि नमाज के दौरान किसी तरह की गैदरिंग नहीं होने दें। घर में ही शारीरिक दूरी बना कर नमाज अता करें। अल्लाह ताला से देश की सुख समृद्ध और अमन चैन की दुआ मांगे। सौ साल के इतिहास में रमजान के महीने में ऐसा पहली बार हो रहा है जब मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। चांद 24 को दिखा तो 25 अप्रैल से रोजा शुरू हो जाएगा। चांद न दिखने पर एक दिन का विलंब भी हो सकता है। 

मोहम्मद शराफत, शहरी मुफ्ती, पानीपत


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