Rakshabandhan 2021: सुषमा स्वराज का अंबाला से था गहरा नाता, बाला दी को याद कर भावुक हुए भाई
भाजपा की वरिष्ठ नेता स्व. सुषमा स्वराज का परिवार अंबाला में रहता है। उनके भाई गुलशन राय शर्मा उन्हें याद कर भावुक हो उठे। बताते हैं कि सुषमा रक्षाबंधन और भैयादूज का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनातीं थीं।
मनीष श्रीवास्तव, अंबाला। भाजपा की वरिष्ठ नेता रहीं स्व. सुषमा स्वराज का अंबाला से काफी गहरा नाता था। हर साल रक्षाबंधन और भाई दूज पर सुषमा स्वराज अंबाला जरूर आती थीं। वर्ष 2018 में सुषमा स्वराज ने आखिरी भैयादूज का त्योहार बड़े भाई के साथ दिल्ली स्थित आवास पर मनाया था। यह सब बातें याद करके आज भी उनके बड़े भाई डा. गुलशन राय शर्मा भावुक हो जाते हैं।
स्व. सुषमा स्वराज की प्रारंभिक शिक्षा अंबाला में हुई थी। छावनी के बीसी बाजार निवासी वैद्य हरदेव शर्मा की चार संतानों में दूसरे नंबर की बेटी सुषमा स्वराज थीं। सुषमा से पौने दो साल बड़े भाई डा. गुलशन राय शर्मा की पढ़ाई भी उन्हीं के साथ शुरू हुई थी। हाई स्कूल में सुषमा स्वराज प्रथम श्रेणी में और भाई गुलशन राय शर्मा द्वितीय श्रेणी में पास हुए। दोनों के अच्छे नंबर आने पर वैद्य हरदेव शर्मा ने दोनों को एक एक नई साइकिल व घड़ी उपहार स्वरूप दिया था। यह सब आज भी सुषमा के बड़े भाई डा. गुलशन राय शर्मा को आज भी याद है। सुषमा के लिए रक्षाबंधन और भैयादूज का पर्व काफी अहम होता था, वर्ष की शुरूआत होते ही उनका साल के यह दो दिन अपने भाई और बहन के साथ अंबाला में बिताती थीं।
चार भाई बहन थे, अब दो ही बचे
डा. गुलशन राय शर्मा बताते हैं वह भाई बहनों में सबसे बड़े थे। दूसरे नंबर पर सुषमा स्वराज, तीसरे नंबर पर बहन डा. वंदना शर्मा और सबसे छोटे भाई अरविंद शर्मा थे। अब इस दुनिया में चार भाई बहन में सिर्फ डा. गुलशन और डा. वंदना शर्मा हैं। छोटे भाई अरविंद शर्मा की 35 साल की आयु में मधुमेह बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज का वर्ष 2018 में निधन हो गया था।
सभी बाला दी कहकर पुकारते थे
डा. गुलशनराय राय शर्मा अपनी बाला दीदी सुषमा स्वराज को याद करके भावुक हो जाते हैं। बताते हैं कि जैसे ही नववर्ष आता था और सरकारी डायरी मिलती, भैयादूज और रक्षाबंधन के दिन अपने भाई बहनों के साथ का समय फिक्स हो जाता था। विदेश मंत्री का दायित्व निभा रहीं सुषमा स्वराज का करीब तीन से छह महीने पहले ही टाइम शेड्यूल फिक्स होता था। गुलशन और बाला में से अगर किसी एक के सामने कोई दिक्कत या परेशानी होती थी तो कष्ट दोनों को होता था। यही वजह थी कि रक्षाबंधन से एक दिन पहले गुलशन राय शर्मा का मन बहुत व्यथित रहा और बार बार अपनी छोटी बहन सुषमा स्वराज को याद करते रहे।
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