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Kisan Andolan: राकेश टिकैत और चढ़ूनी के बीच फिर ठनी, मृतक किसान के मुआवजे की मांग पर दोनों में मतभेद

करनाल के रायपुर जाटान गांव में मृत के परिवार से मिले भाकियू नेता राकेश टिकैत। कहा-दिल्ली सीमा से आंदोलन अपने यहां शिफ्ट करना चाहती हरियाणा सरकार। उन्‍होंने कहा आंदोलन की रूपरेखा नहीं बदलने देंगे। टिकैत ने चढ़ूनी के मुआवजे की मांग को भी खारिज कर दिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 01 Sep 2021 09:41 AM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 03:37 PM (IST)
Kisan Andolan: राकेश टिकैत और चढ़ूनी के बीच फिर ठनी, मृतक किसान के मुआवजे की मांग पर दोनों में मतभेद
किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह।

घरौंडा (करनाल), संवाद सहयोगी। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने दो टूक कहा कि दिल्ली सीमा पर चल रहे आंदोलन को हरियाणा सरकार अपने यहां शिफ्ट करना चाहती है। ऐसा नहीं होने देंगे। वहीं, बसताड़ा प्रकरण में लाठीचार्ज के बाद जान गंवाने वाले आंदोलनकारी और घायलों के लिए मुआवजे की मांग पर उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले भारत सरकार से समझौता होगा। उसी में ये बातें तय होंगी।

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उन्‍होंने कहा, आंदोलन की रूपरेखा में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा। जबकि सोमवार को हुई घरौंडा महापंचायत में किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने मुआवजे की मांग उठाते हुए एलान किया था कि ऐसा नहीं होने पर छह सितंबर के बाद करनाल में जिला सचिवालय का बेमियादी घेराव किया जाएगा। लेकिन टिकैत ने फिलहाल मुआवजे और घेराव, दोनों ही बातों को एक प्रकार से खारिज कर दिया।

मंगलवार की रात गांव रायपुर जाटान पहुंचे टिकैत ने मृतक आंदोलनकारी सुशील काजल के स्वजनों से मिलकर सांत्वना। यह जानकारी ली कि किसान की मौत के बाद पोस्टमार्टम क्यों नहीं हुआ? इसके बाद संवाददाताओं के रूबरू हुए टिकैत ने कहा कि आंदोलन हरियाणा का नहीं, दिल्ली का है। हरियाणा सरकार की मंशा आंदोलन को हिंसक करना है ताकि आंदोलन मुआवजों व मुकदमों में उलझकर खत्म हो जाए। संयुक्त मोर्चा आंदोलन को हिंसक नही होने देगा।

वहीं घरौंडा महापंचायत में किसान नेता गुरनाम चढूनी द्वारा की गई मुआवजे की मांग को टिकैत ने सिरे से खारिज कर दिया। चढूनी ने मृतक किसान सुशील के परिवार को 25 लाख व लाठीचार्ज में घायल किसानों को दो-दो लाख का मुआवजा देने की मांग की थी। टिकैत ने कहा कि अभी सरकार के साथ लड़ाई चल रही है। मुआवजे की मांग तब होती है, जब समझौते की बात हो। पुख्ता व स्पष्ट बात तब होगी, जब भारत सरकार के साथ समझौता होगा। इससे पहले मांग का कोई महत्व नही है। करनाल जिला सचिवालय के अनिश्चितकालीन घेराव संबंधी चढूनी के ऐलान पर टिकैत ने कहा कि इस बारे में कमेटी के सदस्य सलाह करेंगे।

कितने भी मोर्चे लगाओ, आंदोलन किधर बढ़ेगा?

टिकैत ने घरौंडा पंचायत में किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी की हरियाणा से जुड़ी बयानबाजी के संदर्भ में अपने अंदाज में कहा कि चाहे एक मोर्चा लगाओ, या कितने भी लगाओ। लेकिन आंदोलन किस दिशा में ले जाना है, यह बता दो? हरियाणा सरकार आंदोलन खींचकर हरियाणा लाना चाहती है। इस सरकार को हिंसा करके आंदोलन तोडऩे का तजुर्बा है लेकिन ऐसा नही होने देंगे। सरकार के चक्रव्यूह में नहीं फसेंगे। सरकार के रुख से लोगो में गुस्सा है। गुस्सा शांत करना है। आंदोलन भारत सरकार के खिलाफ है इसलिए शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली में ही चलेगा।


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