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खेतों से मंडियों तक भीगा धान, किसान को नुकसान

मौसम में बदलाव हो गया। शुक्रवार की शाम को आसमान में काले बादल छा गए। आठ बजे तेज हवा और बारिश शुरू हो गई। खेतों से मंडियों तक बारिश से धान भीग गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 08:27 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 08:27 AM (IST)
खेतों से मंडियों तक भीगा धान, किसान को नुकसान
खेतों से मंडियों तक भीगा धान, किसान को नुकसान

जागरण संवाददाता, पानीपत : मौसम में बदलाव हो गया। शुक्रवार की शाम को आसमान में काले बादल छा गए। आठ बजे तेज हवा और बारिश शुरू हो गई। खेतों से मंडियों तक बारिश से धान भीग गया। तापमान में गिरावट रही। पिछले दो दिनों से मौसम में गरमाहट महसूस किया जा रहा है। तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहा। मंडियों में इन दिनों धान की आवक चल रही है। खेतों में आधे से ज्यादा धान अभी बचा है। पानीपत, समालखा, बापौली, मतलौडा व इसराना की मंडियों में रखा धान भीग गया। किसानों की चिता बढ़ गई है।

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इसराना संवाद सहयोगी के अनुसार शाम को हुई बारिश से खेतों में पकी धान और बाजरे की फसल भीग गई। देर शाम से शुरू हुई हलकी बारिश रात तक होती रही। किसानों ने इस बारिश को नुकसानदायक बताया। बारिश होने से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के प्रचार में रुकावट आई। किसान जयनारायण, रामफल, रामचन्द्र व पिरथी ने बताया है कि अब किसान की धान की फसल कटाई के लिए तैयार थी। कटाई चल रही है। किसानों की फसल मंडी में गई हुई है। फसल भीगने के कारण बोली होने में अब कई दिन तक लग सकते हैं।


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