रेलवे को 34 हजार करोड़ का नुकसान, हरियाणा सहित देश में मार्च तक छह हजार करोड़ आय का लक्ष्य
रेलवे को हरियाणा और पंजाब सहित देशभर में कोरोना संकट के कारण करीब 34 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ऐसे में रेलवे ने मार्च तक छह हजार करो़ड़ रुपये की आमदनी का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए कई और विशेष ट्रेनें शुरू होंगी।
अंबाला, [दीपक बहल]। कोरोना काल में अनलॉक शुरू होने के बाद से एक-एक कर ट्रेनों को पटरी पर उतार अर्थव्यवस्था को गति देने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अब भी रेलवे को वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में 34 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। हालांकि नुकसान की भरपाई के लिए देश भर के सभी जोन में करीब छह हजार करोड़ रुपये की आमदनी मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य भी रखा गया है। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्पेशल ट्रेनें भी पटरी पर उतारी जा रही हैं। अभी हरियाणा व पंजाब सहित देशभर में कई स्पेशल ट्रेनें और पटरी पर उतारे जाने की संभावना है।
कोरोना काल के कारण केवल स्पेशल ट्रेनें ही पटरी पर दौड़ रहीं, घाटे की भरपाई को पूरा करने में जुटा रेलवे
पिछले दिनों रेल मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 और चालू वर्ष 2020-21 के आंकड़े रेल अधिकारियों से साझे किए। इसमें पता चला कि गत वर्ष की तुलना में 6 हजार 111 मिलियन (छह अरब 11 करोड़ 10 लाख) कम यात्रियों ने सफर किया।
वित्त वर्ष 2019-20 (एक अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 तक) में पैसेंजर रिजर्वेशन सेंटर (पीआरएस) के माध्यम से 518.21 मिलियन यात्रियों ने टिकट बुक कराई, जिससे रेलवे को 29 हजार 3 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। इसके बाद कोरोना के कारण ट्रेनों का संचालन नहीं हुआ और यात्रियों की संख्या घटकर 168.49 मिलियन रह गई। ऐसे में रेलवे की जनवरी 2021 तक 8 हजार 838 करोड़ रुपये की ही आमदनी हुई। इस दौरान यात्रियों की संख्या में 67.49 फीसद कमी आई।
महानगरों में भी यात्री राजस्व में आई कमी
महानगरों में वित्त वर्ष 2019-20 में 2 हजार 443 करोड़ रुपये की आमदनी हुई, जबकि जनवरी 2021 तक यह आंकड़ा घटना 293.03 करोड़ रुपये ही रह गया। 2019-20 की तुलना में में 88.01 फीसद आमदनी में कमी आई। इसी तरह नॉन अरबन में वित्त वर्ष 2019-20 में 12 हजार 792 करोड़ आमदनी हुई, जबकि चालू वित्त वर्ष में 508.99 करोड़ रुपये रह गई। 2019-20 के दौरान महानगरों में 3 हजार 964 मिलियन लोगों ने यात्रा की जबकि 2020-21 में जनवरी तक 480.05 मिलियन रही, जबकि नॉन अरबन में यह 2 हजार 512 मिलियन से घटकर 34 मिलियन रह गई, जिसमें 98.6 फीसद गिरावट दर्ज की गई।
स्पेशल ट्रेनों से आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य
हालांकि इस घाटे की भरपाई तो पूरी नहीं हो पा रही, फिर भी रेलवे ने जिन स्पेशल ट्रेनों को पटरी पर उतारा है, उनके माध्यम से ही आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। मार्च 2021 तक 6 हजार करोड़ रुपये आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। सबसे अधिक लक्ष्य मध्य रेलवे का 915 करोड़ रुपये है, जबकि सबसे कम दक्षिण मध्य पूर्वी रेलवे का 78 करोड़ रुपये है। हालांकि अभी पैसेंजर ट्रेनों को पटरी पर नहीं उतारा गया है, लेकिन इनकी तर्ज पर चलाई गई ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा देकर किराया बढ़ाया गया है।
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