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क्लीनिक पर छापामारी का विधायक ने किया विरोध, डॉक्टरों ने भागकर जान बचाई

क्लीनिक पर छापामारी का विधायक ने किया विरोध, डॉक्टरों ने भागकर जान बचाई

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 10:40 AM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 10:40 AM (IST)
क्लीनिक पर छापामारी का विधायक ने किया विरोध, डॉक्टरों ने भागकर जान बचाई
क्लीनिक पर छापामारी का विधायक ने किया विरोध, डॉक्टरों ने भागकर जान बचाई

जागरण संवाददाता, पानीपत :

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समालखा के गांव देहरा में झोलाछाप क्लीनिक पर छापा मारने पहुंची डॉक्टरों की टीम को जान बचाकर भागना पड़ा। दरअसल, विधायक रवींद्र मच्छरौली के नेतृत्व में सैकड़ों लोग झोलाछाप के पक्ष में खड़े हो गए। टीम से फाइल छीनकर फाड़ दी। फोटो और वीडियो डिलीट कर दिए। मच्छरौली से जब इस बारे में पूछा तो गया तो उन्होंने कहा कि चुनाव का समय है। सिविल सर्जन जानबूझकर इस समय छापा डलवाकर माहौल बिगाड़ना चाह रहे हैं।

डॉ. मुनेश गोयल ने बताया कि सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा को सूचना मिली थी कि राक्सेड़ा निवासी मेहरबान देहरा में झोलाछाप क्लीनिक चलाता है, जहां गर्भपात किया जाता है। उसकी पत्नी स्टाफ नर्स है, जो इसमें संलिप्त है। इस सूचना के आधार पर समालखा थाना पुलिस के साथ क्लीनिक में सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे छापामारी की गई। मौके से मरीजों के इलाज में प्रयुक्त होने वाले चिकित्सीय उपकरण, इलाज करा चुके मरीजों का रिकॉर्ड और मेडिसिन जब्त की। वीडियो भी बनाया गया। छापामारी की भनक लगते ही आसपास के महिला-पुरुषों की भीड़ जमा होने लगी। सूचना मिलने पर विधायक रवींद्र मच्छरौली भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों डॉक्टरों को छापामारी करने पर फटकार लगाई। कुछ अन्य झोलाछाप ने भी बहस करते हुए एकत्र सुबूतों की फाइल छीनकर कागजात फाड़ दिए। मेडिसिन वापस रखवा ली। दोनों डॉक्टरों के मोबाइल फोन छीनकर फोटो वीडियो नष्ट कर दिए।

विधायक की हेकड़ी के आगे पुलिस भी नतमस्तक दिखी। नतीजा, दोनों डॉक्टरों ने जान बचाकर वहां से भागना ही उचित समझा। डॉ. गोयल ने कहा कि पूरे प्रकरण पर सिविल सर्जन से चर्चा की जाएगी। उनके निर्देश पर झोलाछाप सहित सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। विधायक मच्छरौली से जागरण की सीधी बात

सवाल : क्या आप झोलाछाप का समर्थन करते हैं

जवाब : कमाल कर रहे हो आप। मैं तो पूरा साथ दूंगा। गांव के लोग आखिर इलाज कराने के लिए कहां जाएंगे। शहर का डॉक्टर कहता है कि रात को सोने से पहले इंजेक्शन लगेगा। एक गांव का आदमी रात को कैसे शहर पहुंचेगा। यहां एंबुलेंस तो टाइम पर आती नहीं। सवाल : ग्रामीण पीएचसी या सीएचसी में क्यों नहीं जाते

जवाब : आप ही बताइये कि कहां पर है सीएचसी और पीएचसी। डॉक्टर तो यहां मिलते नहीं। मच्छरों से बचने के लिए आखिरी बार कब दवाई का छिड़काव किया गया था, ये तक तो किसी को मालूम नहीं है। जिस गांव में छापामारी की गई, उससे सीएचसी-पीएचसी बहुत दूर है। ग्रामीण इलाज के लिए झोलाछाप के पास न जाएं तो कहां जाएं। सवाल : आप इस मामले को चुनाव से क्यों जोड़ रहे हैं

जवाब : ये सिविल सर्जन भ्रष्ट है। सरकार की छवि खराब करना चाहता है। चुनाव के समय क्यों ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। डॉक्टरों से सेटिंग कर ये महीना बांधना चाहता है। मैं उसके खिलाफ आपको कई वीडियो दे सकता हूं।

सिविल सर्जन का जवाब

पानीपत के सिविल सर्जन डॉ.संतलाल वर्मा का कहना है कि विधायक रवींद्र मच्छरौली ने मुझे फोन किया था। आगामी चुनावों का हवाला देकर छापामारी को रोकने, टीम को वापस बुलाने का दबाव बनाया। उन्हें बताया किया कि महिलाओं के गर्भपात कराने की सूचना पर कार्रवाई की गई है। बिना डिग्री क्लीनिक चला रहा है। इसके बावजदू उन्होंने टीम को हड़काया। जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे गलत हैं।


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