एन्हांसमेंट पर सरकार की आधी अधूरी रिपोर्ट, कमेटी के भी समझ से परे, उठे ये सवाल
एन्हांसमेंट का मामला एक बार फिर गर्माता दिख रहा है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण एन्हांसमेंट मामले में सरकार की तरफ से अपनी रिपोर्ट कमेटी के सामने आधी अधूरी लेकर पहुंची।
पानीपत, जेएनएन। एन्हांसमेंट मामले में हरियाणा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को कमेटी की खरी-खरी सुननी पड़ी। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण एन्हांसमेंट पर सरकार की तरफ से कमेटी के सामने एक बार फिर आधी अधूरी रिपोर्ट लेकर पहुंचा। कमेटी एन्हांसमेंट पर कोई फैसला नहीं ले सकी। कमेटी ने अधिकारियों के रवैये को देखते हुए लिखित रूप में कहा कि कमेटी के सामने पेश किए रिकॉर्ड में ज्यादा छुपाया गया है, जबकि दिखाया कम गया है। अधिकारी एक घंटे का समय लेने के बाद भी रिकॉर्ड जमा नहीं करा पाए। ऐसे में कमेटी को अगली तारीख देनी पड़ी।
पंचकूला में कमेटी ने रविवार को एन्हांसमेंट पर अपनी सुनवाई की। सरकार की तरफ से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट कमेटी के सामने पेश की। कमेटी ने इस रिपोर्ट पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पूरी नहीं है। अधिकारी बता कुछ रहे हैं और रिपोर्ट में कुछ दे रहे हैं।
एक घंटे में डाटा लाने को कहा
कमेटी ने अधिकारियों को एक घंटे का समय देकर सारा डाटा लाने के आदेश दिए। अधिकारियों ने संबंधित कई वरिष्ठ अधिकारियों के न होने की कही तो कमेटी ने कहा कि वे रिकॉर्ड लेकर आएं। कमेटी उनका शाम तक इंतजार करेगी। अधिकारी इसके बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं कर सके। कमेटी ने इस पर 16 फरवरी अगली सुनवाई निर्धारित की है।
अगली सुनवाई में कोई गैरहाजिरी नहीं हों
एचएसवीपी के सीसीए राजेश जिंदल को कमेटी के सामने नहीं पहुंचे। दूसरे अधिकारियों ने उनके छुट्टी पर होने की कही। कमेटी ने कहा कि अगली तारीख में कोई भी अधिकारी गैरहाजिरी नहीं होना चाहिए। अधिकारियों को किसी जरूरी काम से बाहर जाना है तो उनको कमेटी से पहले परमिशन लेनी होगी। ऐसा न होने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार के ये तीन काम दिखा कर रहे तस्वीर साफ
नंबर-एक
सरकार ने सेक्टरवासियों की मांग पर रिटायर्ड तीन जजों की कमेटी बनाई। अब सरकार की तरफ से ही पूरी रिपोर्ट नहीं पेश की जा रही। जिसके चलते कमेटी फैसला नहीं ले पा रही है।
नंबर-दो
सरकार एन्हांसमेंट के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चली गई है। एक फरवरी को इस पर सुनवाई की। सेक्टरवासियों की तरफ से वकील ने अपनी दलील पेश की। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें 8 मार्च की सुनवाई तय की है।
नंबर-तीन
सरकार ने नगर निगम चुनाव के दौरान एन्हांसमेंट की री-कैलकुलेशन करने का नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसके अंतर्गत मंडल स्तर पर कमेटी बनाकर री-कैलकुलेशन करनी थी। अब ढाई महीने बाद भी प्रदेश में कहीं पर काम शुरू नहीं हो पाया है।
सेक्टरवासियों ने जिला स्तर पर संघर्ष की दी चेतावनी
एचएस हुडा सेक्टर्स कांफिडरेशन के प्रदेश संयोजक यशवीर मलिक ने बताया कि सरकार और प्राधिकरण अधिकारी पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। कमेटी के सामने ही पूरी रिपोर्ट पेश नहीं की जा रही। कमेटी 16 फरवरी को फैसला नहीं लेती है तो वे 19 फरवरी से पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर आंदोलन शुरू कर देंगे। सेक्टरवासी इस बार सड़क तक जाम कर देंगे।