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इलाज को तरसते मरीज, अफसरों ने रोका भगवान का रास्ता

इलाज तो तब मिलेगा, जब डॉक्टर अस्पताल में पहुंचेंगे। डॉक्टर तो तब पहुंचेंगे, जब अस्पताल बनकर तैयार होगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Jul 2018 08:45 AM (IST)Updated: Sun, 29 Jul 2018 08:45 AM (IST)
इलाज को तरसते मरीज, अफसरों ने रोका भगवान का रास्ता
इलाज को तरसते मरीज, अफसरों ने रोका भगवान का रास्ता

जागरण संवाददाता, पानीपत

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समालखा के गांव मनाना में लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन 100 बेड के सब डिविजन अस्पताल (ट्रामा सेंटर सहित) का निर्माण कार्य पीडब्ल्यूडी इलेक्ट्रिक ¨वग की लेट लतीफी से अटका पड़ा है। ग्राउंड प्लस तीन मंजिला इमारत बनकर तैयार है। सेंट्रल एसी, ऑक्सीजन पाइपलाइन, आपरेशन थियेटर और फायर फाइ¨टग सिस्टम नहीं लग सका है। हालांकि सरकार की सख्ती के चलते ¨वग ने ऑक्सीजन प्लांट बनाने और पाइप लाइन बिछाने की ड्राइंग तैयार कर ली है।

गौरतलब है कि जीटी रोड पर मनाना बीएड कॉलेज के सामने सौ बेड के आधुनिक अस्पताल निर्माण की सौगात वर्ष 2012 में मिली थी। मनाना ग्राम पंचायत ने करोड़ों रुपये कीमत की 12 एकड़ जमीन सब डिविजनल अस्पताल के लिए दी थी। फरवरी, 2013 में पंचकूला के गौरव कंस्ट्रक्शन ने लोक निर्माण विभाग की देखरेख में इसका निर्माण शुरू किया था। इसकी कुल लागत 13.52 करोड़ रुपये थी। ट्रामा सेंटर, फायर फाइ¨टग, सेंट्रल एसी, ऑक्सीजन प्लांट-पाइपलाइन और आपरेशन थियेटर आदि में 10 करोड़ रुपये से अधिक रकम खर्च होनी है। इसके चलते कुल लागत 24 करोड़ से अधिक आएगी। पीडब्ल्यूडी (सिविल कार्य) के अधिकारियों का कहना है कि बिल्डिंग का 95 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, फाइनल टच देना बाकी है। यह तभी संभव है जब जन स्वास्थ्य विभाग फायर फाइ¨टग सिस्टम और पीडब्ल्यूडी की इलेक्ट्रिक ¨वग जल्द एसी, लिफ्ट, गैस पाइपलाइन और आपरेशन थियेटर आदि का कार्य पूरा कर दे।

विभागीय अधिकारी लेटलतीफी का ठीकरा एक-दूसरे के सिर फोड़ रहे हैं। उधर, सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा ने बताया कि गैस पाइपलाइन का नक्शा बन गया है, पास भी कर दिया है। एक सप्ताह में इलेक्ट्रिक ¨वग अपना काम शुरू कर देगी। दीपावली पर्व के आसपास समालखा क्षेत्र की जनता को सौ बेड के अस्पताल का तोहफा मिल जाएगा। सीएम भी दे चुके जनता को भरोसा :

प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 7, जुलाई 2016 को बापौली पहुंचे थे। समालखा विधायक रवींद्र मच्छरौली ने उनके समक्ष अस्पताल का मुद्दा उठाया था। उन्होंने अस्पताल की शेष ग्रांट सहित बढ़ी लागत की रकम जारी करने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री ने जनता को भरोसा दिया था कि इलाज के लिए क्षेत्र वासियों को प्राइवेट अस्पतालों में जेब ढ़ीली नहीं करनी पड़ेगी। वर्जन :

कंस्ट्रक्शन कार्य हो चुका है। ओपन पार्किंग सहित फाइनल टच देने का काम बाकी है। इलेक्ट्रिक ¨वग और जन स्वास्थ्य विभाग कार्य पूरा कर बाहर निकले, तब हमारा कार्य शुरू होगा।

नरेश कुमार, जेई-पीडब्ल्यूडी (सिविल कार्य) वर्जन :

गैस प्लांट-पाइपलाइन का नक्शा बन गया है। बिल्डिंग सेंट्रल एसी होनी है। कौन-कौन सा हिस्सा नॉन एसी रखना है, इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग से मांगी है। सोमवार-मंगलवार से कार्य शुरू हो जाएगा।

साहिल कुमार, जेई-पीडब्ल्यूडी (इलेक्ट्रिक ¨वग) डिलीवरी हट भी होगी :

सिविल सर्जन डॉ.संतलाल वर्मा ने बताया कि मनाना पीएचसी को अपग्रेड करते हुए सब डिविजनल अस्पताल का निर्माण हो रहा है। जिला अस्पताल की तरह ही अत्याधुनिक होगा। ट्रामा सेंटर के अलावा बिल्डिंग में डिलीवरी हट भी होगी। समालखा सीएचसी और नारायणा पीएचसी से रेफर गर्भवती को मनाना भेजा जाएगा। अस्पताल के मानक के अनुसार डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ आदि की नियुक्ति का भरोसा उच्चाधिकारी दे रहे हैं।


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