JNU हिंसा के विरोध में प्रदर्शन, Kurukshetra University के छात्र सहित सामाजिक संगठन सड़क पर उतरे Panipat News
दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देर रात हुई हिंसा के विरोध में हरियाणा में भी छात्र सड़क पर उतर आए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया।
पानीपत, जेएनएन। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय जेएनयू में देर रात हुई हिंसा के विरोध में छात्रों ने मोर्चा खोल दिया गया है। सोमवार को छात्र सड़क पर उतर आए और जेएनयू प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने नकाबपोशों की जल्द पहचान और उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में परिषद कार्यकर्ता पर हमले के विरोध में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गेट नंबर तीन पर विरोध प्रदर्शन किया। परिषद ने पूरे घटनाक्रम की निंदा की।
एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इकाई संयोजक हिमांशु ठाकुर ने आरोप लगाया कि वामपंथी लगातार कुछ फेक व्हाट्सएप ग्रुप के स्क्रीनशॉट और अपने ही नकाबपोश वामपंथी साथियों को परिषद का बताकर कुछ तस्वीरें साझा कर रहे हैं। तीन दिन से जेएनयू में वामपंथी लगातार गतिरोध बनाए हुए थे और रजिस्ट्रेशन कर रहे छात्रों को बुरी तरह से पीटा। उनके हाथ से रजिस्ट्रेशन फॉर्म लेकर फाड़ दिए।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर भी हमला
राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि जेएनयू में पढ़ रहे अभाविप के कार्यकर्ताओं पर भी हमला किया गया। छात्र नेता संदीप सजूमा ने कहा कि कुछ वामपंथी छात्र संगठन जेएनयू की तरह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का माहौल खराब करने की कोशिश में लगे हैं। इस अवसर पर छात्र नेता श्याम रावत, चिराग रोहिला, हैरी सैनी, हैप्पी विर्क, विवेक रावत, गौरव सैनी, सन्नी तामक, कैलाश कुमार, शुभम शर्मा, पंकज यादव व चिराग रोहिला मौजूद रहे।
सीटू ने भी जताया विरोध
करनाल में भी सीटू के जिला कार्यालय में जनवादी संगठनों की बैठक की गई। इसकी अध्यक्षता अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष जगमाल सिंह ने की। बैठक में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली में नकाबपोश युवकों द्वारा छात्रों पर किए गए जानलेवा हमले की निंदा की गई। उन्होंने कहा कि यह हमला पुलिस व विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों की उपेक्षा के चलते हुआ है। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष, महिला शिक्षक, छात्र-छात्राओं को होस्टल में घुसकर निशाना बनाया गया है जोकि सरासर जनतंत्र की हत्या है। शिक्षण संस्थाओं को बर्बाद करने की जनविरोधी नीति है। फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों के शांतिप्रिय आंदोलन पर लगातार लाठीचार्ज किया जा रहा है। अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, सीटू, किसान सभा, एसएफआइ, डीवाइएफआइ, महिला समिति मांग करती है कि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। इस दौरान अशोक कुमार, भीम सिंह, जगपाल राणा, जोगा सिंह, सुदेश, रामबिलास, अक्षय, विकास, मेहर सिंह व मनोज मौजूद रहे।
कैथल में एसएफआई ने फूंका दिल्ली सरकार का पुतला
कैथल में एसएफआइ व अन्य वामपंथी जन संगठनों ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार का पुतला फूंका और तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। एसएफआइ के जिला सचिव गोलू बात्ता व जिलाध्यक्ष मनीष चंदाना ने बताया कि पांच जनवरी की शाम को जेएनयू में एबीवीपी के सदस्यों ने हिंसा की, जिसमें जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत अनेक विद्यार्थी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल कई व्हाट््स एप ग्रुपों से स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि यह पूरी तरह से एक योजनाबद्ध हमला है, जिसमें एबीवीपी के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हैं। ज्ञापन के माध्यम से हिंसा की न्यायिक जांच करवाते हुए असामाजिक तत्वों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई।