जींद के छह गांवों में तब्लीगी जमात के लोग क्वारंटाइन, घर के बाहर निकलने पर मचा हंगामा
जींद में भी तब्लीगी जमात से संबंध रखने वाले से लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। जब क्वारंटाइन लोग घर से बाहर निकले तो लोगों ने हंगामा मचा दिया। सूचना पुलिस को दी गई।
पानीपत/जींद, जेएनएन। निजामुद्दीन तब्लीगी जमात में कोरोना पॉजीटिव की संख्या ज्यादा आने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों का माहौल बदल गया। शहर की बजाए ग्रामीण सतर्क हो गए हैं और गांव में बाहर से आने वाले लोगों के साथ गांव के रास्ते से निकल रहे लोगों पर नजर रखनी शुरू कर दी है। बाहर से गांव में पहुंच रहे मुस्लिमों के बाद तो हंगामा खड़ा हो रहा है।
वीरवार शाम व शुक्रवार को आधा दर्जन गांवों में बाहर से आए हुए मुस्लिमों के होम क्वारंटाइन करने की बजाए गलियों में घूमने पर हंगामा हुआ। ग्रामीणों के हंगामों के बाद पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर उनको जांच के लिए अस्पताल में लेकर आई। हालांकि इस दौरान किसी में कोई लक्षण नहीं मिले। ऐसा ही मामला पिंडारा गांव में हुआ। जहां पर इसी सप्ताह दिल्ली से लौटे मुस्लिम एक परिवार के सदस्यों का क्वारंटाइन करने की बजाए गलियों में निकलने पर ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। जहां पर ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचित किया कि इन लोगों की जांच की जाए और उनके घर के अंदर ही रखा जाए।
ग्रामीणों के हंगामे के बाद सिविल लाइन थाना प्रभारी व स्वास्थ्य विभाग की टीम को लेकर पहुंचे। एक ही परिवार के तीन सदस्यों को ग्रामीणों की मांग पर अस्पताल में लेकर आए। जहां पर सामने आया कि इस परिवार का मुखिया बाहर दिहाड़ी मजदूरी का काम करता है और लॉकडाउन के बाद घर पहुंचा था। स्वास्थ्य विभाग की जांच में किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं मिले और परिवार के तीनों सदस्यों को वापस गांव में भेजकर घर में क्वारंटाइन रहने के निर्देश दिए।
बहबलपुर के लोगों ने पानी भरने से किया मना, बाद में हुआ समाधान
गांव बीबीपुर में वीरवार को तेलगांना से एक व्यक्ति पहुंचा था। स्वास्थ्य विभाग ने उसमें कोई लक्षण नहीं मिलने पर घर पर ही क्वारंटाइन कर दिया। जब बीबीपुर गांव के पड़ोसी गांव बहलपुर में यह फैल गया कि बीबीपुर में कोरोना पॉजीटिव एक व्यक्ति आ गया। इसके बाद बहबलपुर में पानी भरने जाने वाले बीबीपुर के लोगों को रोक दिया। बाद में जब यह मामला गांव के गणमान्य लोगों तक पहुंचा। बहबलपुर के सरपंच देवेंद्र दूहन ने इसके बाद बीबीपुर के सरपंच से बात की और पूरे मामले की जानकारी ली। इसके बाद बहबलपुर के लोगों ने फैसला लिया कि वह उनका पड़ोसी गांव है। बीबीपुर में कोई ऐसा मामला नहीं है। पानी भरते समय ज्यादा भीड़ न हो इसके लिए फैसला लिया कि बीबीपुर के लोग गांव के समर्सिबल से दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक पानी भर सकेंगे और सुबह व शाम को बहबलपुर के लोग पानी ला सकेंगे।
बुराहेहर व गतौली में दो संदिग्धों को पकड़ा, दोनों मिले मानसिक बीमार
ग्रामीण क्षेत्रों में आसपास के एरिया से निकल रहे लोगों पर भी नजर रखनी शुरू कर दी। वीरवार शाम को भी रेलवे लाइन व गांव के पास से पैदल निकल रहे दो लोगों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया, जबकि एक युवक ग्रामीणों को आता देखकर फरार हो गया। पहला मामला गांव बुराहेडर का आया। जहां पर दो लोग गांव के पास से संदिग्ध रूप से घूम रहे थे। इस दौरान ग्रामीणों ने एक युवक को पकड़ लिया। जहां पर सामने आया कि पकड़ा गया युवक ग्वालियर यूपी का रहने वाला है और वह भटकर जींद जिले में आ गया। वापस घर जाने के लिए वह रेलवे लाइन के साथ दिल्ली जा रहे थे, लेकिन ग्रामीणों ने पकड़ लिया।
इस युवक को नागरिक अस्पताल में दाखिल किया। जब उसे इमरजेंसी वार्ड में दाखिल किया तो वह बार-बार उठकर भागने लगा। शुक्रवार दोपहर को तो वह फरार हो गया। बाद में उसे बस स्टैंड के पास से पुलिस पकड़कर लेकर आए। युवक मानसिक रूप से परेशान है। बाद में उसे इलाज के लिए पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। दूसरा मामला गतौली गांव के पास पकड़ लिया। युवक ने अपनी पहचान मुरादाबाद निवासी जहांगीर के रूप में दी। वह व्यक्ति भी मानसिक रूप से परेशान मिला। उसके मानसिक रोग का इलाज के लिए पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया।
कंट्रोल रूम पर पहुंची रही फर्जी कॉल
तब्लीकी मरकज का मामला आने के बाद अस्पताल में बनाए गए कोरोना कंट्रोल रूम पर फर्जी कॉल आने का सिलसिला शुरू हो गया। इसके बाद से प्रतिदिन कॉल बढ़ती जा रही है। जब विभाग की टीम वहां पर पहुंचती है तो मामला कोरोना का नहीं बल्कि दूसरा मिलता है। कंट्रोल रूम में प्रतिदिन 50 से अधिक कॉल पहुंच रही है। शुक्रवार दोपहर तक कंट्रोल रूम में 36 कॉल पहुंची। जब तब्लीकी मरकज का मामला सामने आने के बाद 542 कॉल आ चुकी है। इसमें से अधिकतर कॉल ग्रामीण क्षेत्रों से आ रही है।
कंट्रोल रूम पर ग्रामीण क्षेत्रों से कॉल आने की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। कॉल आने के बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंची है तो कोरोना की बजाए दूसरा मामला मिलता है। जहां से भी कॉल आती है और जिन लोगों पर संदेह होता है उनकी जांच की जा रही है।
डॉ. गोपाल गोयल, एमएस नागरिक अस्पताल