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प्रापर्टी टैक्स के टेंडर जारी, 5 दिसंबर को खुलेंगे

नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स के बिल बनाने से लेकर वसूली तक का काम निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। टेंडर पांच दिसंबर को खुलेगा। प्रति यूनिट रेट निर्धारित किया जाएगा। प्रापर्टी टैक्स के बिल बनाने बिल वितरित करने के साथ बिल की वसूली कंपनी को करनी होगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 08:59 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 08:59 AM (IST)
प्रापर्टी टैक्स के टेंडर जारी, 5 दिसंबर को खुलेंगे
प्रापर्टी टैक्स के टेंडर जारी, 5 दिसंबर को खुलेंगे

जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स के बिल बनाने से लेकर वसूली तक का काम निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। टेंडर पांच दिसंबर को खुलेगा। प्रति यूनिट रेट निर्धारित किया जाएगा। प्रापर्टी टैक्स के बिल बनाने, बिल वितरित करने के साथ बिल की वसूली कंपनी को करनी होगी। बिल वसूली के बाद रसीद बनाने की जिम्मेवारी भी कंपनी की होगी। इसके लिए आनलाइन टेंडर भरा जा सकता है।

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टेंडर लेने वाली कंपनी को बिल बनाने से बांटने के लिए साफ्टवेयर भी बनाना होगा। टेंडर खुलने के बाद कंपनी डेमो देगी। इसके बाद वर्क आर्डर जारी होगा। 149000 से अधिक यूनिट

नगर निगम के 26 वार्डों में 149000 से ज्यादा प्रापर्टी है। प्रति यूनिट के हिसाब से बिल बनाए जाने है। जिन लोगों को पुराने बिल बकाया है। उन्हें भी बिल भेजे जाएंगे। साथ अगले वर्ष 2021-22 के बिल भेजना का काम टेंडर लेने वाली कंपनी को करना होगा। बिल ठीक करवाने से लेकर जमा करने तक का काम होगा। निगम कर्मचारियों को भरोसे

प्रापर्टी टैक्स का काम फिलहाल नगर निगम के कर्मचारियों की भरोसे हैं। कर्मचारी इस काम को संभाल नहीं पा रहे है। गलत बिल देने के साथ-साथ घपले बाजी की शिकायतें लगातार मिल रही है। इसे देखते हुए निगम ने निजी कंपनी को यह काम सौंपने का फैसला लिया है। इसके लिए ई टेंडर जारी हो चुका है। पांच शहरों में पहले ही निजी हाथों में प्रापर्टी टैक्स की बिलिग और रिकवरी

रोहतक, सोनीपत, भिवाड़ी, नारनौल, और पंचकूला में पहले से ही निकाय विभाग ने प्रापर्टी टैक्स का कार्य निजी कंपनियों को सौंप रखा है। 30 दिसंबर तक 25 प्रतिशत की छूट

प्रापर्टी टैक्स पर 25 प्रतिशत की छूट की योजना चल रही है। नगर निगम पिछले बकाया की रिकवरी के साथ-साथ अगले साल की रिकवरी पर जोर दे रही है। पिछले दिनों प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी कम होने के गाज नगर निगम के आयुक्त पर पड़ी थी। उसे देखते हुए निगम ने रिकवरी बढ़ाने के लिए निजी हाथों को काम सौंपने का फैसला लिया है।


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