प्रापर्टी टैक्स वसूली की हो रही अनदेखी, करोड़ों रुपये बकाया
नगरपालिका हर पांच साल बाद प्रापर्टी टैक्स के लिए सर्वे कराती है। 2017 में होने वाला सर्वे चार सालों के बाद अब पूरा हुआ है। अभी नौ साल पुराने सर्वे के अनुसार मालिकों से प्रापर्टी टैक्स की वसूली की जा रही है।
जागरण संवाददाता, समालखा : नगरपालिका हर पांच साल बाद प्रापर्टी टैक्स के लिए सर्वे कराती है। 2017 में होने वाला सर्वे चार सालों के बाद अब पूरा हुआ है। अभी नौ साल पुराने सर्वे के अनुसार मालिकों से प्रापर्टी टैक्स की वसूली की जा रही है। याशी कंपनी द्वारा किए गए हाल के सर्वे में अब सवा 13 हजार टैक्स यूनिट की पहचान हुई है, जो पिछले सर्वे से करीब एक हजार यूनिट अधिक है। नगर पालिका टैक्स ही वसूल नहीं पा रही।
पिछले माह याशी कंपनी ने सर्वे का काम पूरा किया है। कस्बे के प्रापर्टी टैक्स होल्डरों का डाटा आलाइन हुआ है। जियो टैगिग के बाद सभी की प्रापर्टी आइडी बनाई गई है। नए बजट में अधिकारी ने 25 लाख अधिक कर प्रापर्टी टैक्स वसूली का सलाना लक्ष्य 70 लाख रुपये किया है।
नपा ने पिछले 2020-21 सत्र में अपने 45 लाख के लक्ष्य को पूरा करने के बाद लगातार बकाया वसूली की अनदेखी कर रही है। पूर्व सेशन में सरकार की ब्याज माफी योजना से नपा ने लक्ष्य से करीब पांच लाख रुपये अधिक की टैक्स वसूली की थी। उसी से उत्साहित होकर नए सत्र में 70 लाख रुपये का टारगेट रखा गया। वहीं पहले के बकाएदार करीब 250 लोगों को नोटिस देने के बाद नपा वसूली भूल गई है। बकाएदार भी टैक्स भरने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इन पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये बकाया हैं। इनमें उद्योग, ट्रस्ट सहित स्कूल, कालेज व आम लोग शामिल हैं, जिन्हें दूसरा नोटिस दिया जाना है।
सचिव पवित्र गुलिया ने बताया कि कर्मचारियों की कमी से 3 माह से उचित रिकवरी नहीं हो सकी है। 20 हजार से अधिक रकम वाले टॉप 250 डिफाल्टरों पर नपा का बकाया टैक्स बचा है। इन्हें दोबारा नोटिस दिया जाएगा। फिर भी टैक्स नहीं भरने पर कोर्ट में दावा डाला जाएगा। हर हाल में चालू सत्र के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।